चंडीगढ़ 9 अप्रैल - हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के दिशा-निर्देश पर सीएम विंडो पर आने वाली शिकायतों के प्रति लापरवाही बरतने वाले अफसरों और विभिन्न मामलों में दोषी पाए गए अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए कुछ को सस्पेंड किया गया तो कई के खिलाफ चार्जशीट करके अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं। यह निर्देश सीएम विंडो और सोशल मीडिया ग्रीवेंस ट्रेकर की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ राकेश गुप्ता एवं मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री भूपेश्वर दयाल ने दिए।
डॉ गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश हैं कि भ्रष्टाचार और काम में ढि़लाई को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सरकार की जीरो टॉलरेंस ऑफ करप्शन की नीति पर जोर दिया।
सिवानी मंडी, भिवानी - रिश्वत के मामले में बर्खास्त किया गया कंप्यूटर ऑपरेटर
मुख्यमंत्री के ट्विटर पर आई एक शिकायत के अनुसार जब अशोक कुमार, कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा ₹3000 लेकर तथा शिकायत होने पर वापिस करने का मामला संज्ञान में आया तो मुख्यमंत्री ने तुरंत प्रभाव से अशोक कुमार को नौकरी से बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं।
वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन
मुख्यमंत्री ने हरियाणा राज्य वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के तकनीकी सहायक श्री मंजीत छिकारा को जांच में दोषी पाये जाने पर उनके विरुद्ध तुरंत प्रभाव से विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
पुलिस विभाग
उधर ट्विटर और यूट्यूब पर वायरल हो रहे एक वीडियो पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने संज्ञान लेते हुए फरीदाबाद में नियुक्त एस.आई. राम रिछपाल और एस.आई. रामबीर को तुरंत रूप से निलंबित करने के आदेश दिए हैं। उन पर आरोप था कि शिकायत करने वाले व्यक्ति को इन्होंने चौकी में बुलाकर बेरहमी से मारपीट की और वीडियो में ऐसा भी कहते सुना गया कि इन्होंने पहले भी एक महिला से झूठी शिकायत मंगवाकर व्यक्ति को झूठे केस में फसाया था।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग सोनीपत में 60 से ज्यादा फर्जी राशन कार्ड बनाए जाने के मामले में मुख्यमंत्री द्वारा संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों और लाभार्थियों के विरुद्ध तुरंत प्रभाव से प्राथमिकी दर्ज करवाकर कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
इसी तरीके से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, कैथल में बोगस राशन कार्ड के मामले में लापरवाही बरतने पर जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक, कैथल को शो-कॉज नोटिस भी जारी किया गया है।
सिंचाई विभाग
पंचकुला जिला में सिंचाई विभाग में बिना न्यूनतम योग्यता एवं फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी पाए हुए ज्वाइंट डायरेक्टर श्री राजेश यादव एवं निजी सचिव श्री दीवान चंद, जो कि दोनों काडा विभाग में लगे हुए थे, को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। इनके विरूद्ध अन्य कार्रवाई करने के भी आदेश दिए गए हैं।
सहकारिता विभाग
शुगर मिल, कैथल में फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी प्राप्त करने के आरोप सिद्ध होने पर मुख्यमंत्री ने श्री विजेंद्र राठी, पेनमैन को तुरंत प्रभाव से नौकरी से बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं।
स्थानीय निकाय विभाग
फर्जी दस्तावेज तैयार करके 88 लाख रुपए की निकासी के आरोप में स्थानीय निकाय विभाग के सेक्शन ऑफिसर श्री परमजीत को दोषी पाए जाने पर मुख्यमंत्री ने तुरंत रूप से निलंबित करने के आदेश मुख्यमंत्री ने दिए हैं।
एक अन्य शिकायत में फरीदाबाद में स्थानीय निकाय विभाग में चल रहे अवैध आर.ओ. प्लांट को मुख्यमंत्री ने तुरंत सील करवाते हुए जुर्माना करने के आदेश भी दिए हैं।
कृषि विभाग
कृषि विभाग, सोनीपत में वर्ष 2019 से एक जांच लंबित है जिसकी जांच काफी पत्राचार के बाद भी आगे नहीं बढ़ रही थी। इस विषय में मुख्यमंत्री ने एसआईटी गठित करके एक महीने में जांच को पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
एग्रो कॉरपोरेशन
जिला सिरसा में वर्ष 2000 से चल रहे एग्रो कॉरपोरेशन के एक मामले में कुछ अधिकारियों / कर्मचारियों के विरुद्ध आरोप सही पाए गए। मुख्यमंत्री ने इस मामले में तुरंत प्राथमिकी दर्ज कराने व संबंधित अधिकारियों से वसूली करने के आदेश दिए हैं।
परिवहन विभाग
परिवहन विभाग, गुरुग्राम में कई बसों का टैक्स ना भरकर फरार चल रही कंपनी के मालिक व लाभार्थी के विरुद्ध मुख्यमंत्री ने प्राथमिकी दर्ज कराकर सख्त कानूनी कार्रवाई करने व राशि की वसूली करने के आदेश दिए हैं।
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, जिला हिसार के एक मामले में वर्ष 2019 से चल रही अवैध केमिकल फैक्ट्री को तुरंत प्रभाव से सील करके मुख्यमंत्री ने उसका बिजली एवं पानी आपूर्ति बंद करने के निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा सभी विभागीय अधिकारियों को आदेश दिए गए कि जब भी कोई बिल्डिंग या फैक्ट्री सील की जाती है तो उसी दिन उसकी बिजली एवं पानी की आपूर्ति को बंद भी करवाया जाए ताकि सील की गई फैक्ट्री या बिल्डिंग का अवैध इस्तेमाल ना हो पाए।
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