चंडीगढ़- देश में कुछ चीजों के दाम ऐसे आसमान छूने लगे हैं जिन्हे देख लगता है कि देश में सरकार ही नहीं है। जनता खुलेआम लुट रही है। उदाहरण के रूप में गेंहूं लगभग 19 रूपये किलो बिक रहा है और कुछ कंपनियां आटा लगभग 40 रूपये किलो बेंच रही हैं। आटा गेंहूं का ही है और एक किलो गेंहूं अगर पिसवाया जाए तो लगभग एक रूपये ही पिसाई लगेगी। मतलब 19 रूपये किलो का गेंहूं पिसाई लेकर रूपये में आटा पड़ा तो दाम 40 रूपये कैसे पहुँच गए। गरीब लोग तो राशन डिपो से सस्ता राशन लेकर काम चला ले रहे हैं लेकिन आम आदमी की कमर टूट रही है। ऐसे ही कई चीजों के दाम बढे हैं। जनता मजबूर है। लोग किसी से अपना दुःख नहीं बता पा रहे हैं।
कल रोहतक पहुंचे राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार में नीति निर्धारण करते हुए सिर्फ धनाढ्य लोगों का लाभ देखा जाता है और किसान व मजदूरों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। आज गरीब, किसान और मजदूर की इस कद्र उपेक्षा की जा रही है कि मानो वो देश के नागरिक ही नहीं हैं। सरकार चंद धनकुबेरों के हाथों का खिलौना बनकर रह गई है। इसीलिए महामारी और मंदी के इस दौर में जहां आम आदमी की जेब खाली हुई है, वहीं चंद धनाढ्यों की संपत्ति में 10 लाख करोड़ इजाफा हुआ है।
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