उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के इस नए फैसले से बिजली उपभोक्ताओं के बिल काफी बढक़र आ रहे हैं। जिससे आम उपभोक्ताओं में काफी रोष है, लेकिन इस सरकार को जनता की कोई परवाह नहीं है। सिक्योरिटी बढ़ाने से मंदी के इस दौर में उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ पड़ेगा और उन्हें काफी परेशानी होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार आम जनता की जेब काटने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे पहले प्रदेश सरकार ने पंचायतों का नाम लेकर गांवों के सभी बिजली उपभोक्ताओं पर 2 प्रतिशत टैक्स लगा कर 125 करोड़ रुपए का बोझ डाला था। उससे कुछ पहले बिजली के मीटरों सहित बिजली सेवा दरों में 100 से 500 फीसदी बढ़ोतरी की गयी थी। सरकार ने बिजली मीटर का किराया बढ़ाकर 150 फीसदी, एप्लीकेशन की प्रोसेसिंग चार्ज को बढ़ाकर 500 फीसदी किया था और मीटर-लाइन को चेक करवाने के लिए भी चार्ज लगा दिया था, जिस पर पहले कुछ नहीं लिया जाता था।
बुवानीवाला ने कहा कि मीटर कनेक्शन के साथ ही बिजली विभाग ने सिक्योरिटी के नाम पर अतिरिक्त जमा राशि पहले ही ले रखी है। अब फिर से उपभोक्ताओं से यह राशि वसूली जा रही है जोकि विभाग द्वारा लोगों से अवैध वसूली समान है। कोरोना के बाद लोगों के काम धंधे ठप हो चुके है। उसके बाद अब सिक्योरिटी के नाम पर हजारों रुपये की वसूली की जा रही है। बुवानीवाला ने कहा कि प्रदेश सरकार जनता को परेशान करना बंद करें और इस अवैध वसूली के इस फैसले को तुरंत वापिस ले।
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