फरीदाबाद, 18 मार्च । कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाऊन ने लोगों की आर्थिक स्थिति को पूरी तरह से डगडमा दिया। कोरोना के चलते आई मंदी से लोग अभी पूरी तरह से उभर भी नहीं पाए थे कि कोरोना की दूसरी लहर ने अपना तांडव मचाना शुरू कर दिया है, जिसको लेकर पूरे देश में भय का माहौल बना हुआ है, लेकिन इस सब को दरकिनार करके फरीदाबाद के स्कूल संचालक अभिभावकों को ब्लैकमेल करने पर उतारू हो गए है। ऐसा ही एक मामला सेक्टर-15ए स्थित विद्या मंदिर पब्लिक स्कूल का सामने आया है, जिसमें एक अध्यापक द्वारा अभिभावक को बातों ही बातों में यह कहकर धमकी दी कि अगर बच्चे का रिजल्ट चाहिए तो स्कूल के बकाया ड्यूज आपको क्लीयर करने होंगे क्योंकि यह स्कूल प्रबंधन के आदेश है। जब अभिभावक ने बकाया ड्यूज पूरा करने में अपनी असमर्थता जताई को अध्यापक ने सीधे तौर पर स्कूल प्रबंधन से बात करने को कहा।
दरअसल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद में स्कूल शिक्षा के मंदिर नहीं बल्कि लूट खसोट का अड्डा बन गया है, कभी डे्रस के नाम पर तो कभी किताब-कॉपियों के नाम पर तो कभी बिल्डिंग फीस के नाम पर अभिभावकों को परेशान किया जाता है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि स्कूल प्रबंधन अभिभावकों पर फीस भरने के लिए दबाव डाल रहे है। लेकिन पहले की बात और थी और कोरोना महामारी के बाद आम आदमी की आमदनी पर गहरा धक्का लगा है, नौकरीपेशा लोगों के रोजगार छिन गए, छोटे उद्योग चलाने वाले लोगों के धंधे बंद हो गए, बड़े उद्योगों ने भारी पैमाने पर छंटनी की और इस सब के चलते लोगों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से उथल-पुथल हो गई। लेकिन बावजूद इसके अभिभावकों को इस नाजुक हालात में उनकी परेशानियों को समझने के बजाए स्कूल प्रबंधन ने उन्हें बकाया फीस भरने की धमकियां देनी शुरू कर दी है, जिससे अभिभावकों में रोष व्याप्त है। कहने को जिले में अभिभावक एकता मंच लूट खसोट करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्यवाही करनी की बात करता है, लेकिन सच्चाई तो यह है कि मंच भी पिक एंड चूज की नीति के तहत स्कूलों को चुनता है और मध्यस्था करवाने में ज्यादा रूचि लेता है। जब इस पूरे प्रकरण को लेकर विद्या मंदिर स्कूल के प्रिंसिपल आनंद गुप्ता से बात की गई तो उनका कहना था कि इस तरह का मामला उनके संज्ञान में नहीं है क्योंकि बच्चों की बकायदा परीक्षाएं ली गई है, अगर किसी का कोई इश्यू है तो वह इस मामले की जांच करेंगे।
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