चंडीगढ़ - हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा का कहना है कि प्रदेश पर दो लाख का कर्ज हो गया है और विकास कहीं दिख नहीं रहा है। विकास की बात करें तो प्रदेश में विकास कुछ भ्रष्टों का हो रहा है। किसी भी शहर में 100 करोड़ रूपये का कोई बड़ा प्रोजेक्ट लग सकता है या 100 करोड़ रूपये से उस शहर में अन्य तरह के विकास हो सकते हैं लेकिन अगर वो 100 किसी की जेब में चला जाए तो विकास कहा दिखेगा और विकास कैसे होगा। उदाहरण के रूप में फरीदाबाद के एक ठेकेदार के बारे में महीनों से अफवाह है कि लगभग 200 करोड़ रूपये पास करवा डकार गया। कहीं एक ईंट भी नहीं लगवाई। ऐसे भ्रष्ट्र शायद पूरे प्रदेश में हैं इसलिए हरियाणा का विकास उस तरह से नहीं हो पा रहा है जैसे होना चाहिए और प्रदेश पर कर्ज बढ़ता जा रहा है। शराब, रजिस्ट्री और कौन-कौन से घोटाले सामने आ रहे हैं।
आपको बता दें कि हरियाणा में जगह-जगह बिजली विभाग छापेमारी कर रहा है और अब चौंकाने वाली जानकारी ये मिल रही है कि जो करोड़ों की बिजली चोरी कर रहे हैं उनसे विभाग के ही कुछ अधिकारी मिले हुए हैं और जब ऐसे उद्योगों में टीम छापेमारी करने जा रही थी तो उन अधिकारियों ने अपने उद्योगपति दोस्तों जिनसे मंथली लेते थे। उन्हें फोन कर बता दिया कि आज आपके यहाँ छापेमारी होगी और उद्योगपति सतर्क हो गए।
इस मामले को लेकर विस्तृत जांच में बिजली निगम के कई अधिकारियों व कर्मचारियों को शामिल पाया गया है। विभाग की ओर से सबूतों के आधार पर लिस्ट तैयार कर ली गई है। संभावना है कि जल्द ही इनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
सरकार को पहले से ही इनपुट मिल रहे थे कि इंडस्ट्री संचालक निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर बिजली चोरी कर रहे हैं। इसको लेकर पहले पूरी मैपिंग की गई और फिर अचानक दो दिनों तक छापे डाले गए। छापे से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल को तमाम जानकारी दी गई और उनकी मंजूरी के बाद ही इस अभियान को अंजाम दिया गया। सबसे पहले औद्योगिक शहरों गुरुग्राम, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, रेवाड़ी और हिसार में चोरी पकड़ो अभियान चलाया गया। टीमों को इसमें सफलता भी मिली।
इस दौरान चौंकाने वाला तथ्य यह भी सामने आया कि कई लाखों और करोड़ों रुपये के डिफाल्टर उद्योगपतियों ने दूसरे कनेक्शन ले रखे थे। इसमें भी निगम के अधिकारियों की संलिप्त होने की आशंका है। सूत्रों की मानें तो करीब एक दर्जन अधिकारियों और कर्मचारियों के नामों की लिस्ट तैयार हो गई है। ये लिस्ट सीएम के पास भेजी जाएगी और इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। भ्रष्ट अधिकारियों को इसकी भनक लग चुकी है। खलबली मची हुई है। बचने का जुआड़ कर रहे हैं। अपने जान पहचान वाले नेताओं के चौखट चूम रहे हैं।
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