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हरियाणा के बजट से जुडी पूरी जानकारी पढ़ें

Haryana-Budget-Report
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चंडीगढ़, 12 मार्च -हरियाणा में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने और पांच लाख रोजगार सृजित करने के लक्ष्य से नई ‘हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति- 2020’ लागू की गई है, जो राज्य की औद्योगिक विकास गाथा को आगे बढ़ाएगी। साथ ही, कारोबार की सहुलियत बढ़ाने, भौतिक आधारभूत संरचना उपलब्ध करवाने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए भी लगातार प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज बतौर वित्त मंत्री विधान सभा में 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा कि सुविकसित बुनियादी सुविधाओं, बेहतर सडक़  संयोजिता, कुशल मानवशक्ति और गुणवत्तापरक शिक्षा से लैस हरियाणा को हमेशा ही देश की औद्योगिक शक्ति माना गया है। बजट अनुमान 2021-22 में उद्योग एवं व्यापार के लिए 330 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।  
उन्होंने कहा कि राज्य द्वारा चिह्निïत किए गए विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा कृषि-व्यवसाय एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति, हरियाणा लॉजिस्टिक्स, भंडागार एवं खुदरा नीति, हरियाणा टेक्सटाइल नीति और हरियाणा फार्मास्युटिकल पॉलिसी जैसी क्षेत्र विशिष्टï नीतियां लागू की गई हैं। इनमें से प्रत्येक नीति क्षेत्र विशिष्ट परिणामों को प्राप्त करने और उद्योग विशेष की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार की गई है।
उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों पर विशेष बल देते हुए सूक्ष्म लघु मध्यम नीति (एमएसएमई) 2019 लागू की गई है जो हरियाणा में गुणवत्तापूर्ण कलस्टर विकास पहलों, घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार विकास, ऑन लाइन मार्केट लिंकेज और एमएसएमई की निर्यात तत्परता को बढ़ाने पर बल देती है। यह नीति कारोबार की सहुलियत बढ़ाने, उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और कौशल विकास में सक्षम है। उल्लेखनीय है कि राज्य एमएसएमई के संस्थागत सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा एक समर्पित निदेशालय की स्थापना की गई है जो हरियाणा के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों एवं व्यापारियों के विकास और उन्नति के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। बहुत ही कम समय में, प्रदेश सरकार ने बाजारों एवं वित्त तक एमएसएमई की पहुंच को त्वरित करने और बढ़ाने के लिए उदाहरण के तौर पर, एसआईडीबीआई, ईबे जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेयर्स के साथ रणनीतिक सहयोग करने जैसे कई महत्वपूर्ण उपाय किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा कलस्टर विकास नीतियों के माध्यम से राज्य में एमएसएमई क्षेत्र के विकास पर अधिक ध्यान दिए जाने के साथ-साथ सेवा प्रदाताओं के लिए एक सक्षम और समावेशी वातावरण प्रदान करने हेतु मजबूत हैंड होल्डिंग समर्थन के साथ जमीनी स्तर पर केंद्रित पहल की जा रही हैं। एमएसएमई की क्षमताओं एवं योग्यताओं को और बढ़ाने के लिए, यह निदेशालय पांच प्रमुख फोकस क्षेत्रों यानी एयरोस्पेस एवं रक्षा, खिलौना उद्योग, सेवा क्षेत्र, निर्माण एवं औद्योगिक पार्क में हरियाणा की उपस्थिति को मजबूत करने की दिशा में कार्य करेगा, जिसके चलते हरियाणा भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में अग्रणी राज्य बनेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में एमएसएमई को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए ‘हरियाणा एमएसएमई पुनरोद्धार ब्याज लाभ योजना’ शुरू की गई है ताकि वे अपनी मजदूरी/वेतन देने और अन्य संबंधित खर्चों को पूरा कर सकें। प्रदेश सरकार द्वारा तीन लाख लोगों को अपने लघु उद्यम/आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के लिए दो प्रतिशत की ब्याज दर पर 15000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
उन्होंने बताया कि सोनीपत में खरखौदा के निकट लगभग 3,300 एकड़ भूमि पर एक अत्याधुनिक औद्योगिक एवं वाणिज्यिक टाउनशिप और सोहना में लगभग 1400 एकड़ भूमि पर औद्योगिक मॉडल टाउनशिप विकसित किया जा रहा है। ये टाउनशिप गुरुग्राम-सोहना-अलवर राजमार्ग को जोडऩे वाले केएमपी एक्सप्रेसवे के निकट होंगे। नांगल चौधरी, नारनौल में 886.78 एकड़ क्षेत्र पर 4000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक इंटीग्रेटिड मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब को पीपीपी मोड में उत्तर भारत के सबसे बड़े लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें माल की आवाजाही के समय को 14 दिन से कम करके 14 घंटे करने की क्षमता है।
उन्होंने कहा कि मेसर्स एटीएल द्वारा आईएमटी सोहना में 7083 करोड़ रुपये के निवेश और 7000 रोजगार सृजित करने की क्षमता वाला एक मेगा प्रोजेक्ट स्थापित किया जा रहा है, जिसके लिए एचएसआईआईडीसी ने 178 एकड़ भूमि आवंटित की है। कम्पनी की आगामी कुछ वर्षों में स्मार्ट फोनस, दो एवं तिपहिया ई-वाहनों सहित उद्योगों के लिए बैटरियों की आपूर्ति करने हेतु 7000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना है। उन्होंने कहा कि राज्य की अनुकूल नीतियों के चलते हरियाणा को निवेशकों के लिए भरोसेमंद गंतव्य स्थल बन गया है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान हस्ताक्षरित 495 समझौतों में से 188 समझौते 24,051 करोड़ रुपये के निवेश के साथ क्रिन्यान्वित किये गये हैं या प्रक्रियाधीन है और 32,030 लोगों के लिए रोजगार का सृजन हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा ‘स्टार्ट अप इंडिया’ कार्यक्रम में अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है। राज्य में 4119 स्टार्ट अप पंजीकृत हुए हैं, जो पड़ोसी राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में पंजीकृत ‘स्टार्ट अप’ की तुलना में काफी अधिक हैं। प्राकृतिक संसाधनों की कमी और बंदरगाहों से दूर स्थित होने के बावजूद निर्यात क्षेत्र में राज्य का प्रदर्शन सराहनीय है। वर्ष 2019-20 के दौरान लगभग 91701 करोड़ रुपये के निर्यात के साथ भारत के कुल निर्यात में हरियाणा का लगभग 3.79 प्रतिशत योगदान रहा। राज्य में विशेष रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निर्यात क्षमताओं को बढ़ाने के ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
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चंडीगढ़ ,12 मार्च- हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्र में 24 घंटे बिजली मुहैया करवाने के मकसद से शुरू की गई ‘म्हारा गाँव जगमग गाँव’ योजना के सुखद परिणाम मिलने शुरू हो गए हैं। प्रदेश के 5080 गाँवों को कवर करने वाले 1261 फीडरों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति के अधीन लाया जा चुका है। इन तरह 10 जिलों नामत: पंचकूला, यमुनानगर, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सिरसा और फतेहाबाद के शत-प्रतिशत गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज बतौर वित्त मंत्री विधान सभा में 2021-22 का बजट पेश करते हुए बिजली के लिए 7,089 करोड़ रुपये और अक्षय ऊर्जा के लिए 270 करोड़ रुपये की राशि का आबंटन किया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उन्होंने कहा कि नलकूप कनैक्शन की प्रतीक्षा कर रहे किसानों को बड़ी राहत देते हुए सभी लम्बित आवेदनों के लिए कनैक्शन जारी करने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बिजली वितरण कम्पनियों द्वारा फाइव स्टार ऊर्जा दक्ष पम्पसेट रियायती दरों पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और अब डिस्कॉम्स द्वारा थ्री स्टार ऊर्जा दक्ष पम्पसेटों की अनुमति भी दी गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बिजली उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए हरियाणा विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की अपनी भूमि पर 77 मैगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र और पंचायती भूमि पर 16 मैगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा डिस्कॉम्स के माध्यम से तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियों को कम करने के ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। गत पांच वर्षों के दौरान तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियां 2015-16 में 30.02 प्रतिशत से घटकर 2019-20 में 17.17 प्रतिशत रह गई हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017-18 के दौरान ‘‘उदय’’ के तहत, डिस्कॉम्स ने लक्षित वर्ष से दो वर्ष पहले ही अपना वित्तीय लक्ष्य हासिल कर लिया और 412.34 करोड़ रुपये का परिचालन/शुद्ध लाभ दर्ज किया। वर्ष 2018-19 के दौरान, डिस्कॉम्स को दोबारा 280.94 करोड़ रुपये का लाभ हुआ। डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की गईं, जिसके परिणामस्वरूप अब हरियाणा डिस्कॉम्स का 60 प्रतिशत से अधिक राजस्व डिजिटल माध्यमों से एकत्रित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा डिस्कॉम्स ने तीन वर्षों में 10 लाख स्मार्ट मीटर स्थापित करने के लिए एनर्जी एफिशिएंट सर्विस लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। दिसंबर, 2020 तक कुल 2.15 लाख स्मार्ट मीटर स्थापित किए गए। डिस्कॉम्स ने स्मार्ट मीटरिंग प्रोजेक्ट में प्री-पेड सुविधा, ट्रस्ट रीडिंग आधारित बिलिंग, बिजली बिल ऑनलाइन देखने के लिए मिस्ड कॉल सुविधा, डाकघरों के माध्यम से बिजली बिलों का संग्रहण, नए कनेक्शनों के लिए उपभोक्ता संतुष्टि दर और डिलीवरी का औसत समय (दिन) जैसी कई नागरिक केंद्रित सेवाएं शुरू की हैं।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी डिस्कॉम्स की 8वीं वार्षिक एकीकृृत रैंकिंग के अनुसार, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने बड़ी छलांग लगाई है। इसके फलस्वरूप, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम देश भर में चौथे स्थान के साथ ’ए+’ श्रेणी डिस्कॉम्स की सूची में शामिल हो गया है। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम ने ’ए’ श्रेणी डिस्कॉम्समें उच्चतम ग्रेडिंग प्राप्त की है और देश भर में 7वें स्थान पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण के लिए कारगर कदम उठाए जा रहे हैं, जिसके चलते हरियाणा को ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में देश में दूसरा श्रेष्ठ राज्य घोषित किया गया है। सभी के लिए ऊर्जा और स्वच्छ ऊर्जा के सतत विकास लक्ष्य के अनुरूप  सरकार ने पंचकूला की 20 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकताओं को सौर/नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से पूरा करने के लक्ष्य के साथ पंचकूला का चयन सौर/ग्रीन सिटी के रूप में विकास करने के लिए किया है। ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए प्रदेशभर में आवश्यक अवसंरचना का निर्माण किया जाएगा।  ई-वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए एक व्यापक नीति बनाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि पिछले बजट भाषण में, राज्य में 3 एचपी से लेकर 10 एचपी क्षमता के 50,000 ऑफ-ग्रिड सौर पंप स्थापित करने की एक योजना की घोषणा की थी। इसमें प्रथम चरण में 15,000 ऑफ-ग्रिड सौर पंप और दूसरे चरण में 35,000 ऑफ-ग्रिड सौर पंप स्थापित किए जाने थे। सरकार ने कुल 75 प्रतिशत सब्सिडी के साथ इस कार्यक्रम का कार्यान्वयन शुरू कर दिया है, जिसमें प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान के तहत (पीएम-कुसुम) 30 प्रतिशत केंद्रीय वित्तीय सहायता और 45 प्रतिशत राज्य सब्सिडी शमिल है। इसके अलावा, 330 गौशालाओं में 1991 किलोवाट की संचयी क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करके राज्य में गौशालाओं पर विशेष बल दिया गया है। वर्ष 2020-21 में, 80 गौशालाओं में लगभग 420 किलोवाट क्षमता के संयंत्र लगाए जा रहे हैं। वर्ष 2021-22 में, गौशालाओं में 1200 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाने का प्रस्ताव है।
 उन्होंने बताया कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट की सुविधा प्रदान करने के लिए वर्ष 2021-22 के दौरान ऐसी 6,000 सोलर एलईडी स्ट्रीट लाइटें, 12 वॉट की 5000 एलईटी सोलर स्ट्रीट लाइटें और सीसीटीवी कैमरा वाली 1000 हाई मास्ट एलईडी सोलर लाइटें लगाई जाएंगी। इन प्रयासों के तहत राज्य ने ‘‘जैव ऊर्जा नीति‘‘ भी लागू की है।

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चंडीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा में पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के बारे में लोगों को शिक्षित करने और उन्हें लुप्तप्राय औषधीय पौधों की प्रजातियों के संरक्षण में शामिल करने के लिए प्रदेश में 59 हर्बल पार्क स्थापित किए गए हंै। हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केन्द्र (हरसक), हिसार की सहायता से अधिकांश बड़े और सघन वन क्षेत्रों की सीमाओं तथा सडक़ों, नहरों, नालियों और रेलवे लाइनों के साथ लगते वन पट्टियों का डिजिटलीकरण किया गया है। इसके अलावा, सरल और एचईपीसी सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म पर गैर-वन भूमियों के लिए एनओसी व पेड़ काटने के परमिट जारी करने हेतु दो ई-सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज बतौर वित्त मंत्री विधान सभा में 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा कि बजट अनुमान 2021-22 में वन विभाग के लिए 443 करोड़ रुपये और पर्यावरण के लिए 14 करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पतंजलि योग पीठ के तकनीकी सहयोग से मोरनी की पहाडिय़ों में विश्व हर्बल वन विकसित किया जा रहा है, जो निकट भविष्य में औषधीय पौधों का एक बड़ा कोष बन जाएगा। मसूदपुर, खेड़ी लोहचब और धर्म खेड़ी में तीन नए हर्बल पार्क बनाए जा रहे हैं।  इसके साथ ही, शिवालिक और अरावली की पहाडिय़ों पर मिट्टी और नमी संरक्षण पर भी बल दिया गया है। शिवालिक और अरावली की पहाडिय़ों में नई जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इन सूक्ष्म बांधों से आसपास के क्षेत्रों के किसानों को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे उनकी भूमि की उत्पादकता बढऩे के साथ-साथ सतही प्रवाह और भूजल पुनर्भरण को बढ़ाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पेड़ लगाने, बचाने और उनकी देखभाल करने के लिए बच्चों को प्रेरित करके ‘पौधागिरी’ अभियान को बढ़ावा दिया है। इस वर्ष लगभग आठ वन बाग विकसित किए गए हैं, जो आगामी वर्षों में पंचायतों की आय सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि पानीपत के गांव ग्वालड़ा ने पौधरोपण के लिए 500 एकड़ पंचायती जमीन उपलब्ध करवाई है। भारतीय तेल निगम लिमिटेड, पानीपत रिफाइनरी ने अपने सामाजिक उत्तरदायित्व कोष से पौधरोपण की लागत वहन की है।
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अनुसूचित जाति के लोगों को कानूनी सहायता योजना की राशि को दोगुना किया
-महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 1,621 करोड़ रुपये का बजट
चंडीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बजट प्रस्तुत करते हुए आज अनुसूचित जाति के लोगों को कानूनी सहायता योजना के तहत दी जाने वाली राशि को दोगुना करने की घोषणा की।
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति के लोगों को अदालतों में संपत्ति, कृषि भूमि, किराया और आरक्षण आदि से संबंधित मामलों की पैरवी का खर्च पूरा करने हेतु 11,000 रुपये की राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने इसे बढ़ाकर 22,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग के लिए 524 करोड़ रुपये, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के लिए 7,828 करोड़ रुपये, महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 1,621 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के लिए 824 करोड़ रुपये का परिव्यय बजट प्रस्तुत किया।
उन्होंने आगे बताया कि लैंगिक समानता और महिलाओं एवं लड़कियों के सशक्तिकरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार की सहायता से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, बेटी बचाओ बेटी पढाओ, समेकित बाल विकास योजना, आपकी बेटी हमारी बेटी, समेकित बाल संरक्षण योजना, पोषाहार अभियान, महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर और महिलाओं के लिए राज्य संसाधन केंद्र जैसी अनेक पहलें क्रियान्वित कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि लक्षित 4,000 प्ले-वे स्कूल खोलने के प्रस्ताव से बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा। पहले चरण में, स्कूल परिसरों या विभागीय भवनों में संचालित 1135 आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले-स्कूल में अपग्रेड किया जाएगा और मार्च, 2021 से परिचालित किये जाएंगे। दूसरे चरण में, 2021-22 में 2865 आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले-स्कूल में अपग्रेड किया जाएगा। इसके अलावा, दो चरणों में 500 क्रेेचों को भी संचालित किया जाएगा। पहले चरण में, 2020-21 में 182 क्रेच पहले से ही स्वीकृत हैं और आधुनिक सुविधाओं के साथ संचालित किए जा रहे हैं। वर्ष 2021-22 में विभिन्न जिलों में कामकाजी महिलाओं की संख्या का आकलन करने के बाद मौजूदा आंगनवाड़ी केंद्रों का उन्नयन करके शेष 318 के्रच शुरू किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने लिंग संवेदीकरण योजना के तहत दिसंबर, 2020 तक  लगभग 13.64 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 11 लाख महिलाओं एवं किशोरियों को मुफ्त सैनिटरी नैपकिन वितरित करके 10 से 45 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को लाभान्वित किया है। इसी प्रकार,पोषण अभियान का लक्ष्य किशोरियों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं एवं 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों के पोषण की स्थिति पर बल देना है। हरियाणा के सभी जिलों में यह अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में वर्ष 2020-21 के दौरान 1.22 करोड़ प्रतिभागियों को शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि नई शिक्षा नीति-2020 के विजन के अनुरूप, सरकार अगले एक साल में आंगनवाडिय़ों की कार्य प्रणाली में सुधार लाएगी और शेष बचे 21,962 आंगनवाडिय़ों के माध्यम से गुणवत्तापरक खेल-खेल में सीख या स्कूल पूर्व शिक्षा प्रदान करेगी। प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेश से पहले छोटी आयु के बच्चों के लिए एक ठोस मौलिक आधार बनाने से उनके उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना देश के सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में से एक है, जिसे समाज के वंचित वर्गों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए तैयार किया गया है। यह हरियाणा के किसानों एवं असंगठित श्रमिकों के लिए पेंशन तथा परिवार भविष्य निधि के आश्वासन के साथ राज्य के सभी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए जीवन एवं दुर्घटना बीमा सुनिश्चित करके उनकी सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा की दिशा में उठाया गया एक कदम है। इस योजना को भारत सरकार की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए तैयार किया गया है। इस योजना का उद्देश्य 1 लाख 80 हजार रुपये प्रति वर्ष तक की आय और 5 एकड़ प्रति परिवार तक की कुल भूमि जोत तथा परिवार पहचान पत्र संख्या वाले  परिवारों को 6,000 रुपये वार्षिक की वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार की राज्य बीमा न्यास के माध्यम से एक सर्वसमावेशी बीमा स्कीम शुरू करने की योजना है। इसमें दुर्घटना या किसी अनहोनी घटना में किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह की मृत्यु होने पर विस्तृत बीमा कवर उपलब्ध करवाया जाएगा। यह स्कीम क्रियान्वित होने पर संबंधित विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा चलाई जा रही स्कीमों का स्थान लेगी।
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चंडीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बजट प्रस्तुत करते हुए आज समाज के बुजुर्गों की समस्याओं के दृष्टिगत और उनके प्रति अपार सम्मान व्यक्त करते हुए वृद्धावस्था सम्मान भत्ता इस वर्ष पहली अप्रैल से 2500 रुपये करने और ी एक नई योजना-‘मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान अभियान’ शुरू करने की घोषणा की।
उन्होंने राज्य सरकार को महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलने वाली सरकार बताते हुए कहा कि उनके विचार हमारी सरकार का प्रकाश स्तम्भ की तरह मार्गदर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि  आज के दिन 91 साल पहले महात्मा गांधी ने आजादी के लिए अपने अनुयायियों का नेतृत्व करते हुए साबरमती आश्रम से दांडी तक यात्रा निकाली थी। इसलिए आज वे इस अवसर पर एक नई योजना-‘मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान अभियान’ शुरू करने की घोषणा करते हैं। इस योजना के लिए परिवार पहचान पत्र से डाटा का सत्यापन किया जाएगा और राज्य में एक लाख निर्धनतम परिवारों की पहचान की जाएगी। इन परिवारों की न्यूनतम आर्थिक सीमा 1.80 लाख रुपये वार्षिक करने के उद्देश्य से उनके आर्थिक उत्थान को सुनिश्चित करने हेतु शिक्षा, कौशल विकास, वेतन रोजगार, स्व-रोजगार और रोजगार सृजन के उपायों का एक पैकेज अपनाया जाएगा और लागू किया जाएगा। जब इन एक लाख परिवारों का सफलतापूर्वक उत्थान हो जाएगा तो सरकार अगले एक लाख निर्धनतम परिवारों की पहचान करेगी और उनके आर्थिक उत्थान के लिए काम करेगी।
उन्होंने बताया कि ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान अभियान’ योजना के तहत हर पहचान किए गए परिवार के उत्थान के लिए योजनाओं अथवा योजनाओं के सेट की पहचान करने के लिए सरकार की सभी योजनाओं को समायोजित करने वाला व्यापक मिशन होगा। पहचान किए गए निर्धनतम परिवारों के उत्थान को सरकार का हर विभाग उसके द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में प्राथमिकता देगा। हम सब मिलकर इस अभियान को वर्ष 2025 तक चलाएंगे और मुझे उम्मीद है कि तब राज्य में गरीबी रेखा  से नीचे जीवनयापन करने वाला कोई परिवार नहीं बचेगा। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान अभियान के अन्तर्गत लगभग 2 लाख परिवारों के आर्थिक उत्थान का लक्ष्य है। सरकार की नीति इन परिवारों को सामाजिक आर्थिक सीढ़ी के अन्तिम पायदान पर अनिवार्य रूप से कवर करने की है। इसके बाद  एक लाख परिवारों के अगले सेट को कवर किया जाएगा तथा इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए समाज के सभी कमजोर वर्गों को कवर किया जाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि वृद्धोंं, विधवाओं, निराश्रित महिलाओं, दिव्यांग व्यक्तियों, किन्नरों, बौनों, अल्पसंख्यकों और केवल एक बेटी/बच्चा वाले परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए अनेक प्रभावी कदम उठाये हैं। वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, विधवा, निराश्रित महिला, दिव्यांग पेंशन, लाडली सामाजिक सुरक्षा भत्ता, किन्नर व बौना भत्ता के रूप में प्रतिमास 2250 रुपये वितरित किए जा रहे हैं। बेसहारा बच्चों को 1350 रुपये प्रति मास और स्कूल नहीं जाने वाले दिव्यांग बच्चों को 1650 रुपये प्रति मास की वित्तीय सहायता वितरित की जा रही है। विभिन्न योजनाओं के 28.17 लाख लाभार्थियों के खातों में पीएफएमएस के माध्यम से पेंशन वितरित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने समाज के बुजुर्गों की समस्याओं के दृष्टिगत और उनके प्रति अपार सम्मान व्यक्त करते वृद्धावस्था सम्मान भत्ता इस वर्ष पहली अप्रैल से 2500 रुपये करने की घोषणा की।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 की बजट घोषणा के अनुसार, ‘मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना’ के अंतर्गत लाभपात्रों को शादी से पहले या शादी के दिन ही इस योजना का लाभ देने के लिए योजना का सरलीकरण किया गया है। अनुसूचित जाति के मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए डॉ.अंबेडकर मेधावी छात्र योजना के तहत कक्षा 11वीं, स्नातक के प्रथम वर्ष और स्नाकोत्तर पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष में 8000 रुपये से लेकर 12,000 रुपये प्रति वर्ष तक की छात्रवृत्तियां दी जा रही हैं। पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों को दसवीं कक्षा के उनके अंकों के आधार पर छात्रवृत्तियां दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार 2 लाख 50 हजार रुपये तक की वार्षिक आय वाले अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों के उम्मीदवारों को विभिन्न प्रतियोगी और प्रवेश परीक्षाओं जैसे सिविल सेवा परीक्षा, बैंकिंग, रेलवे, एसएससी, एचटीईटी, सीजीएल और एनईईटी व जेईई इत्यादि के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों के माध्यम से मुफ्त कोचिंग प्रदान कर रही है।
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चंडीगढ़, 12 मार्च - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने स्वतंत्रता के 75 वर्ष, जो 15 अगस्त 2022 को पूरे होंगे, के उपलक्ष्य में आज देश भर में आयोजित अमृत महोत्सव 75 के तहत पंचकूला में 150 बच्चों की साइकिल रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के प्रादेशिक लोकसंपर्क कार्यालय और पत्र सूचना कार्यालय, चंडीगढ़ में अमृत महोत्सव (इंडिया@75) के तहत पंचकूला के सैक्टर 1 स्थित गवर्नमेंट कॉलेज में चित्र प्रदर्शनी का उदघाटन हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल व केन्द्रीय जलशक्ति, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राजयमंत्री श्री रतनलाल कटारिया ने किया। यह प्रदर्शनी 16 मार्च तक चलेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि देश की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में भारत सरकार ने कई संकल्प लिए हैं। इन्हें पूरा करने के लिए हम दृढ़-प्रतिज्ञ हैं।
उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाने स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में विस्तार से फि़ल्म एवं चित्र प्रदर्शनी के माध्यम से बताया जाएगा ताकि युवा राष्ट्रीयता के प्रति जागरूक हों।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने सरदार वल्लभ भाई पटेल, शहीद सुखदेव, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, महात्मा गांधी के दांडी मार्च एवं अन्य आंदोलनों के बारे में प्रदर्शनी बारीकी अवलोकन किया।
इस दौरान एक वीडियो के माध्यम से और स्वतंत्रता आंदोलन के वीरों की गाथा को दर्शाते कार्यक्रम का अवलोकन करने के बाद मुख्यमंन्त्री ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों  को सदैव याद रखा जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री को सत्याग्रह पर आधारित पुस्तक भी भेंट की गई।
इस मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री श्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि देश में 75 स्थानों पर आजादी का अमृत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंन्त्री द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत किये गए बजट की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश बुलंदियों को छुएगा और नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।  यह साइकिल रैली शहर के विभिन्न चौराहों से गुजरती हुई लोगों को आजादी के अमृत महोत्सव के प्रति जागरूक करेगी।
पाँच दिवसीय इस आयोजन के दौरान प्रतिदिन विभिन्न प्रतियोगिताएं एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।  यह प्रदर्शनी सुबह 10 बजे से संध्या 6 बजे तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी। इस प्रदर्शनी का आयोजन सांस्कृतिक विभाग, हरियाणा  व जिस प्रशासन के सहयोग एवं समन्वय से किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि आज़ादी का अमृत महोत्सव स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की एक श्रृंखला है। महोत्सव को जन-भागीदारी की भावना में जन-उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। गृह मंत्री की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया है, जिसने विभिन्न आयोजनों की कार्य-योजना बनाई है। ये गतिविधियाँ 15 अगस्त 2022 से 75 सप्ताह पहले यानि आज 12 मार्च 2021 से शुरू हो रही हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर आज 12 मार्च, 2021 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से 81 पदयात्रियों द्वारा नवसारी के दांडी तक 241 मील की पदयात्रा को हरिझंडी दिखाकर रवाना  किया है । यह यात्रा 25 अप्रैल तक चलेगी। पदयात्रा के दांडी तक के मार्ग मे अनेक लोग भी शामिल रहेंगे।
 इस मौके पर हरियाणा के खेल राज्य मंत्री सरदार सन्दीप सिंह, भाजपा हरियाणा की उपाध्यक्ष बन्तो कटारिया, अम्बाला की आयुक्त दीप्ति उमाशंकर, खेल एवं युवा मामलों के महानिदेशक एसएस फुलिया, पंचकूला के उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा, पुलिस उपायुक्त मोहित हांडा, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मत्रालय की उत्तर क्षेत्र की अपर महानिदेशक श्रीमती देवप्रीत सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
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चण्डीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा के लिए बजट अनुमान 2021-22 में 155645.45 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव किया गया है जोकि वर्ष 2020-21 के संशोधित खर्च 137738.29 करोड़ रुपये से 13 प्रतिशत अधिक है।
बजट अनुमान 2021-2022 में विभागवार किए गए  बजट प्रस्ताव के अनुसार कृषि एवं सम्बद्घ क्षेत्रों के लिए 6110 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव किया गया है। इसमें से 2998 करोड़ रुपये कृषि एवं किसान कल्याण, 489 करोड़ रुपये बागवानी, 1225 करोड़ रुपये पशुपालन एवं डेरी, 125 करोड़ रुपये मत्स्य पालन और 1274 करोड़ रुपये सहकारिता के लिए है। बजट अनुमान 2021-22 के लिए 6,110 करोड़ रुपये का परिव्यय संशोधन अनुमान 2021-22 के 5,052 करोड़ रुपये की तुलना में 20.9 प्रतिशत अधिक है।
समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए 10,798 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव किया गया है। जो कि संशोधित अनुमान 2020-21 के 10,118 करोड़ रुपये के परिव्यय पर 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसमें अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग के लिए 524 करोड़ रुपये, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के लिए 7,828 करोड़ रुपये, महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 1,621 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के लिए 824 करोड़ रुपये हैं।
सिंचाई और जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी के लिए 8,483 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावि किया गया है, जिसमें 5,081 करोड़ रुपये सिंचाई और 3,402 करोड़ रुपये जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी के लिए प्रस्तावित किए गए हैं। जो संशोधित अनुमान 2020-21 के 6,183 करोड़ रुपये से 37.2 प्रतिशत से अधिक है।
इसके अतिरिक्त, 4,606 करोड़ रुपये स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, 2,136 करोड़ रुपये चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान, 315 करोड़ रुपये आयुष, 238 करोड़ रुपये कर्मचारी राज्य बीमा स्वास्थ्य देखभाल, 42 करोड़ रुपये खाद्य एवं औषध प्रशासन और 394 करोड़ रुपये खेल के लिए प्रस्तावित किए गए हैं।
बजट अनुमान 2021-22 में शिक्षा के लिए कुल 18,410 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव किया गया है जोकि संशोधित अनुमान 2020-21 के 15,629 करोड़ रुपये से 17.8 प्रतिशत अधिक है। इसमें से 9,014 करोड़ रुपये प्राथमिक, 5,899 करोड़ रुपये माध्यमिक, 2,793 करोड़ रुपये उच्चतर और 705 करोड़ रुपये तकनीकी शिक्षा के लिए हैं। इसके अतिरिक्त, 868 करोड़ रुपये कौशल विकास, 884 करोड़ रुपये रोजगार और 71 करोड़ रुपये श्रम के लिए प्रस्तावित किए गए हैं जोकि कुल 1,823 करोड़ रुपये बनते हैं और यह परिव्यय संशोधित अनुमान 2020-21 के 1,296 करोड़ रुपये पर40.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलैक्ट्रॉनिक्स विभाग तथा नागरिक संसाधन सूचना विभागके लिए बजट अनुमान 2021-22 में 139 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव हैँ जो 2020-21 के दौरान 108 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 28.7 प्रतिशत अधिक है। इसमें से सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलैक्ट्रॉनिक्स विभाग के लिए 103 करोड़ रुपये और नागरिक संसाधन सूचना विभाग के लिए 36 करोड़ रुपये हैं।
बजट अनुमान 2021-22 में 2408 करोड़ रुपये परिवहन, 14 करोड़ रुपये पर्यावरण और 443 करोड़ रुपये वन विभाग के लिए हैं। यह आवंटन संशोधित अनुमान 2020-21 के कुल 2,127 करोड़ रुपये से 34.7 प्रतिशत अधिक है। राजस्व विभाग के लिए 1302.65 करोड़ रुपये और आबकारी एवं कराधान विभाग के लिए 285 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है जोकि कुल 1587.65 करोड़ रुपये है।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के लिए 3970 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिसमें 1500 करोड़ रुपये राज्य वित्त आयोग के लिए हैं। इसके साथ-साथ ग्रामीण विकास एवं पंचायत के लिए 5980 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है, जिसमें 1755 करोड़ रुपये राज्य वित्त आयोग से तथा 4225 करोड़ रुपये राज्य बजट से प्रस्तावित है।
भवन एवं सडक़ों के लिए 2985 करोड़ रुपये, नागरिक उड्डयन के लिए 184 करोड़ रुपये और बिजली के लिए 7,089  करोड़ रुपये, अक्षय ऊर्जा के लिए 270 करोड़ रुपये और उद्योग एवं व्यापार के लिए 330 करोड़ रुपये का प्रस्ताव हैं।
इसी प्रकार, बजट अनुमान 2021-22 में 5779 करोड़ रुपये पुलिस विभाग, 1,121 करोड़ रुपये नगर एवं ग्राम आयोजना, 113 करोड़ रुपये पर्यटन, 131 करोड़ रुपये खनन एवं भू विज्ञान, 73 करोड़ रुपये पुरातत्व एवं अभिलेखागार 143 करोड़ रुपये सैनिक और अर्ध सैनिक कल्याण और 10 करोड़ रुपये विदेश् ासहयोग विभाग, 281 करोड़ रुपये सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, 19 करोड़ रुपये कला एवं संस्कृति और 446 करोड़ रुपये आयोजना विभाग के लिए प्रस्तावित है।
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चण्डीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा के वर्ष 2021-2022 के बजट अनुमान में कृषि एवं सम्बद्घ क्षेत्रों के लिए 6110 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव किया गया है। इसमें से 2998 करोड़ रुपये कृषि एवं किसान कल्याण। बजट अनुमान 2021-22 के लिए 6,110 करोड़ रुपये का परिव्यय संशोधन अनुमान 2021-22 के 5,052 करोड़ रुपये की तुलना में 20.9 प्रतिशत अधिक है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, जो राज्य के वित्त मंत्री भी है, ने आज विधानसभा में बजट सत्र के दौरान वर्ष 2021-2022 के बजट प्रस्तुत करते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि कृषि हमारी अर्थव्यवस्था का आधार है। हम किसानों की आय दोगुनी करने और उनका कल्याण व उत्थान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। राज्य सरकार मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन-एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन; कीट प्रबंधन; गुणवत्तापरक आदानों की उपलब्धता; क्षारीय और लवणीय जल-भराव वाली मृदाओं का सुधार; जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण; जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
इस वर्ष ‘हर खेत-स्वस्थ खेत‘ नामक एक विशेष अभियान चलाने की घोषणा करते हुए उन्होंने इस अभियान में मृदा स्वास्थ्य और मृदा की गुणवत्ता के आधार पर फसल चयन की सुविधा उपलब्ध करवाने पर बल दिया जाएगा। पंजीकृत किसानों द्वारा फसल कीबिजाई की विस्तृत जानकारी ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जाएगी। ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर 9.14 लाख किसानों ने पंजीकरण करवाया है। अप्रैल, 2021 से प्रत्येक एकड़ के मृदा नमूनों के संग्रहण और जांच का कार्यक्रम बड़े पैमाने पर शुरू किया जाएगा और आगामी 3 वर्षों में राज्य के पूरे क्षेत्र को कवर किया जाएगा। किसानों को घर-द्वार पर मृदा जांच सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए मंडियों व सरकारी भवनों में 17 नई स्थैतिक मृदा जांच प्रयोगशालाएं और 59 मिनी-मृदा जांच प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं।
किसानों और विज्ञान के विद्यार्थियों में मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के महत्व के सम्बन्ध में जागरूकता बढ़ाने, विज्ञान के विद्यार्थियों को मृदा व पानी के नमूनों की जांच तथा उन्हें एक उद्यमी के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाने के लिए, सरकार द्वारा उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करने की पहल की गई है। पहले चरण में, वर्ष 2020-21 के दौरान मृदा जांच प्रयोगशालाओं की स्थापना हेतु कुल 115 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों और महाविद्यालयों का चयन किया गया है। वर्ष 2021-22 के दौरान स्कूलों/कॉलेजों/तकनीकी विश्वविद्यालयों/संस्थानों में लगभग 125 मृदा जांच प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। क्षारीय और लवणीय मृदा के उपचार हेतु योजना में किसानों की भागीदारी के लिए एक नया पोर्टल स्थापित किया जाएगा। वर्ष 2021-22 में कम से कम एक लाख एकड़ भूमि सुधार का प्रस्ताव है।
कृषि उत्पाद संगठनों की स्थापना और इसके तंत्र का विस्तार करना सरकार की एक और प्राथमिकता है। सरकार का मार्च, 2021 तक 500 किसान उत्पादक संगठन स्थापित करने का लक्ष्य है जिसके विरूद्ध 486 किसान उत्पादक संगठन बनाए जा चुके है और मार्च, 2022 तक 1,000 किसान उत्पादक संगठन स्थापित किए जांएगे। उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए फसल समूह विकास कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा रहा है।
राज्य सरकार ने खरीफ, 2020 से एक संशोधित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अधिसूचित की है। सरकार ने फसल अवशेष प्रबंधन के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है। अलग-अलग किसानों को सब्सिडी पर 10,042 मशीनें प्रदान की गईं और 1345 कस्टम हायरिंग सेंटर खोले गए। इस वर्ष फसल अवशेषों के उपयोग के लिए प्रदेष में पेट्रोलियम मंत्रालय के सहयोग से 100 कंप्रेस्ड बायो गैस तथा बायो मास प्लांट स्थापित किए जाएंगे। इन बायो गैस और बायो मास संयंत्रों आदि को धान के पुआल की आपूर्ति के लिए कैचमेंट एरिया उपलब्ध करवाने के लिए धान उत्पादक गांवों का मानचित्रण भी किया जा रहा है।
फसल विविधीकरण और भूजल के किफायती प्रयोग के लिए ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना शुरू की गई है। तदनुसार, 97,000 एकड़ क्षेत्र को धान से अन्य फसलों जैसेकि-मक्का, कपास, बाजरा, दालों, सब्जियों,चना और चारा आदि के अधीन लाया गया है। सरकार द्वारा किसानों को प्रोत्साहन के रूप में या धान से अन्य वैकल्पिक फसलों के विविधीकरण के लिए 7000 रुपये प्रति एकड़ की सब्सिडी प्रदान की जा रही है।वर्ष 2021-22 के दौरान धान के अधीन का क्षेत्र 2 लाख एकड़ कम करने का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि कृषि को लाभकारी बनाने और उपभोक्ताओं को ताजा और प्रदूषण मुक्त कृषि उत्पाद उपलब्ध करवाने की पहल के रूप में हमारी सरकार जीरो बजट खेती, जैविक व प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार किसान मित्र योजना नाम से एक नई योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना में बैंकों की सांझेदारी में राज्य में 1000 किसान एटीएम स्थापित करने की परिकल्पना की गई है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा रबी की फसलों-गेहूं, चना, सरसों और सूरजमुखी तथा खरीफ की फसलों-धान, बाजरा, मक्का, मूंग और मूंगफली पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दे रहा है। हरियाणा सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम प्लेटफार्म के माध्यम से खाद्यान्नों की खरीद को सुचारू बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप पारदर्शिता आई है और किसानों तथा अन्य हितधारकों के साथ बेहतर अंतरफलक स्थापित हुआ है।
सरकार मक्का, सूरजमुखी, मूंग, चना और मूंगफली की खरीद की अपनी नीति को जारी रखते हुए फसलों के विविधीकरण के लिए किसानों को प्रोत्साहन देना जारी रखेगी। सरकार कृषि उत्पाद के लिए अतिरिक्त भण्डारण क्षमता सृजित कर रही है। हमने इस वर्ष 6.60 लाख मीट्रिक टन भण्डारण क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया है। भण्डारण क्षमता के निर्माण के लिए साइलो का उपयोग किया जाएगा।
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चण्डीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा सरकार द्वारा राष्ट्र स्तरीय कृषि उत्पादों के विपणन के लिए जिला सोनीपत के गन्नौर में 545 एकड़ भूमि पर भारत अंतर्राष्ट्रीय बागवानी मण्डी स्थापित की जा रही है।
यह जानकारी मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज हरियाणा विधान सभा में बजट अनुमान 2021-22 प्रस्तुत करते हुए दी। उन्होंने 489 करोड़ रुपये बागवानी, 1225 करोड़ रुपये पशुपालन एवं डेरी, 125 करोड़ रुपये मत्स्य पालन और 1274 करोड़ रुपये सहकारिता के लिए प्रस्तावित किए।
भारत अंतर्राष्ट्रीय बागवानी मण्डी स्थापित करने की इस परियोजना की कुल लागत 2400 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें से 1600 करोड़ रुपये की राशि आरआईडीएफ/एनआईडीए के तहत नाबार्ड से जुटाई जाएगी और शेष 800 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। पिंजौर में सेब मण्डी, गुरुग्राम में पुष्प मण्डी और जिला सोनीपत के सेरसा में मसाला मण्डी विकसित की जा रही है। सरकार राज्य से कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कृषि निर्यात नीति तैयार कर रही है।
हरियाणा ने 81 कृषि उपज विपणन समितियों में ई-नाम लागू किया है। शेष 32 मण्डियों को ई-नाम के साथ शीघ्र ही जोड़ा जाएगा। इससे किसानों को उनकी उपज के उचित मूल्य की जानकारी सुलभ हो जाएगी। बोर्ड द्वारा किसानों और मजदूरों को 10 रुपये की सब्सिडी दर पर भोजन मुहैया करवाने के लिए राज्य की 25 मण्डियों में ‘अटल किसान-मजदूर कैंटीन’ स्थापित की गई हैं। प्रदेश में 80.67 लाख मीट्रिक टन उत्पादन के साथ बागवानी क्षेत्र बढक़र 4.78 लाख हेक्टेयर हो गया है। राज्य में 20 बागवानी फसलों के लिए संरक्षित मूल्य प्रदान करने हेतु ‘भावांतर भरपाई योजना’ और किसानों को मौसम की मार से सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु ‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना’ (एमबीबीवाई) लागू की गई है।
हरियाणा में दूध की उपलब्धता 1142 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन है, जोकि राष्ट्रीय औसत 394 ग्राम के मुकाबले काफी अधिक है। डेरी, पशुपालन और अन्य सम्बन्धित गतिविधियों में लगे पशुपालक किसानों की कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं की समय पर पूर्ति के लिए, राज्य के विभिन्न बैंकों द्वारा 8 लाख पशुपालक किसानों को ‘पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड’ प्रदान करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। हरियाणा में 70 लाख पशुधन है। सरकार ने पशुधन के लिए ‘पंडित दीन दयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना’ का विस्तार करके पशुधन बीमा करने का निर्णय लिया है।
सरकार द्वारा राज्य में बेहतर पशुधन और पोल्ट्री रोग डायग्नोस्टिक्स सेवाएं प्रदान करने के लिए हिसार, सोनीपत और पंचकूला में एवियन इन्फ्लूएंजा तथा अन्य पोल्ट्री रोगों के रैपिड और आरटी-पीसीआर डायग्नोस्टिक्स के लिए तीन बायो सेफ्टी लेवल-2 प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी। सरकार द्वारा सभी 1020 राजकीय पशु चिकित्सालयों का कम्प्यूटरीकरण सुनिश्चित किया जाएगा । सरकार बकरियों की नस्ल के आनुवांशिक उन्नयन और गरीब बकरी पालक, किसानों की आय बढ़ाने के लिए गाय व भैंसों की तर्ज पर बकरियों के लिए भी कृत्रिम गर्भाधान सेवाओं का विस्तार करेगी। भिवानी के लोहारू में बकरी प्रजनन केंद्र स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में गायों के महत्व को देखते हुए, सरकार ने गऊ संवर्धन योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 50 करोड़ रुपये आबंटित किए गए है।
मत्स्य पालन को आय और रोजगार सृजन का एक महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है। हरियाणा में औसत 9.6 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर मत्स्य उत्पादकता दर्ज की गई है, जोकि राष्ट्रीय स्तर पर 3.0 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर औसत मत्स्य उत्पादकता से अधिक है। सरकार द्वारा 2021-22 से 2024-25 के दौरान प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत 1090 हेक्टेयर लवणता प्रभावित क्षेत्र और 5000 हेक्टेयर ताजा पानी वाले अतिरिक्त क्षेत्र का विकास किया जाएगा। झींगा कल्चर के लिए लवणता प्रभावित क्षेत्र विकसित करने के लिए 2021-22 में भिवानी के गरवा गांव में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा। ‘प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना’ के तहत, वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक 10 स्माल फिश फीड मिल प्लांट यूनिट स्थापित की जाएंगी।
दक्षिणी हरियाणा में एक नया दुग्ध संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव है, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को कवर करेगा। इसकी पैकिंग क्षमता 3 लाख लीटर प्रतिदिन की होगी। इसे 5 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाया जा सकेगा। जिला भिवानी के गांव शेरला में एक लघु दुग्ध संयंत्र की स्थापना प्रस्तावित है।
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चंडीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा सरकार प्रदेशवासियों को पर्यावरण प्रदूषण के नकारात्मक प्रभावों से बचाने के मकसद से शून्य उत्सर्जन इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने जा रही है। राज्य सरकार की योजना शुरू में प्रदेश में सकल लागत मॉडल पर 124 पूर्णत: इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है। वर्ष 2021-22 के बजट में परिवहन विभाग के लिए 2408 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज बतौर वित्त मंत्री विधान सभा में 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा कि हरियाणा की परिवहन प्रणाली के साथ देश की श्रष्ेठ प्रणालियों में से एक है। लोगों को सुरक्षित, किफायती और भरोसेमंद सेवाएं मुहैया करवाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए वर्ष 2021-22 में बीएस-6 उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने वाली 800 मानक गैर-एसी बसों की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा, किलोमीटर स्कीम के तहत किराए पर ली गई 536 बसों का संचालन भी शुरू कर दिया गया है। इस तरह, जल्द ही हरियाणा रोडवेज के बेड़े में बसों की कुल संख्या 5,000 से अधिक हो जाएगी। साथ ही, प्रदेश में 54 वोल्वो मर्सिडीज सुपर लग्जरी एसी बसों 18 सुपर लग्जरी एसी मल्टी-एक्सल बसों का संचालन भी किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आवेदकों को भारी मोटर वाहन चलाने हेतु अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधा प्रदान करने के लिए, कैथल, बहादुरगढ़ और रोहतक में तीन ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान संचालित किए गए  है।  इसके अलावा, 6 जिलों-अम्बाला, करनाल, हिसार, रेवाड़ी, फरीदाबाद और गुरुग्राम में निरीक्षण और प्रमाणन केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि रोहतक जिले के कन्हेली गांव में एक निरीक्षण और प्रमाणन केन्द्र कार्यरत है। यह केद्रं जींद, रोहतक, पानीपत, सोनीपत और झज्जर जिलों के परिवहन वाहनों की फिटनेस आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा है। फरीदाबाद, नूंह, भिवानी, करनाल, रेवाड़ी, सोनीपत, जींद, पलवल और यमुनानगर में नौ और ऐसे संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, गुरुग्राम में एक क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मैन्युअल टिकट प्रणाली को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से ‘ओपन लूप टिकटिंग सिस्टम और जीपीएस सिस्टम’ को स्वनिर्माण, संचालन एवं स्थानांतरण मॉडल पर लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह जून, 2021 के अंत तक पूरी तरह से लागू होने की संभावना है।
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चंडीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा में जन कल्याण कार्यों के लिए धन की कमी आड़े न आए, इसके लिए सरकार ने राज्य संसाधनों का लाभ उठाने का निर्णय लिया है। इस दिशा में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) के नाम से दो नई अवधारणाएं शुरू की जाएंगी।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज बतौर वित्त मंत्री विधान सभा में 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा कि प्रदेश में सेबी आरईआईटी विनियम, 2014 के तहत आरईआईटी के रूप में इसकी किराए पर दी जाने वाली चिह्नित परिसंपत्तियों और हस्तांतरणीय विकास अधिकारों (टीडीआर) के साथ पूल करने के लिए एक ‘स्पेशल पर्पज़ व्हीकल’ बनाया जाएगा। इससे जनता पर बोझ डाले बिना अतिरिक्त ससंाधन जुटाने में सरकार को मदद मिलेगी।  आरईआईटी के लिए परिसपंत्तियों की एक सांकेतिक सूची तैयार की जाएगी, जिसमें नगर पालिकाओं के अनुरोध पर उनकी संपत्तियां, बस-अड्डे और गेस्ट हाउस एवं हरियाणा पर्यटन निगम लिमिटेड सहित सार्वजनिक उपक्रमों की संपत्तियां शामिल होंगी। वर्ष 2021-22 के दौरान आरईआईटी से 500 करोड़ रुपये की राशि जुटाए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि एक अन्य एसपीवी-इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) का चयन चयनित अवसंरचना परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में वर्ष 2020-21 के दौरान फरवरी, 2021 तक 26038 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया गया, जो गत वर्ष अप्रैल से फरवरी 2020 तक की इसी अवधि के दौरान 23381 करोड़ रुपये के राजस्व की तुलना में 11.36 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण आई आर्थिक मंदी के बावजूद यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 1.4 प्रतिशत से भी कम होते हुए हरियाणा देश के कुल जीएसटी संग्रहण में लगभग 4.5 प्रतिशत का योगदान दे रहा है।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2021-22 में राजस्व विभाग के लिए 1302.65 करोड़ रुपये और आबकारी एवं कराधान विभाग के लिए 285 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
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हरियाणा बजट 2021-2022, लोक-लुभावना बजट, सभी वर्गों के हित का बजट-डॉ. बनवारी लाल
चंडीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, जो राज्य के वित मंत्री भी है, ने आज वर्ष 2021-2022 के बजट अनुमान प्रस्तुत किये हैं। सहकारिता मंत्री ने इस बजट को लोक-लुभावना और सभी वर्गो के हित का बजट बताया है।
आज यहां प्रस्तुत किये गये बजट अनुमान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि इस बार बजट में परिणामोन्मुखी वृद्धि, क्रियान्वयन पर बल और स्थूल मानक पर ध्यान दिया गया है और बजट को पिछले वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत बढाया गया है जोकि 1,55,645 करोड़ रूपए का प्रस्ताव है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने परिणाम हासिल करने हेतू परिणामोन्मुखी वृद्धि करने पर विशेष बल दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सार्वजनिक धनराशि का आवंटन और व्यय फलदायी तरीके से किया जाए, जोकि विशिष्ट परिणामों पर लक्षित हो। इस उद्देश्य के लिए, विभिन्न योजनाओं के बजटीय आवंटनों तथा केन्द्रित कार्यान्वयन के माध्यम से सतत विकास लक्ष्य प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
इसी प्रकार, शासन और सेवा प्रदायगी में सुधार यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि इन परियोजनाओं से होने वाले लाभ पात्र लाभार्थियों पर लक्षित हों। पिछले वर्ष की गई परिवार पहचान पत्र की पथ-प्रदर्शक पहल ने तेजी से प्रगति की है और व्यापक कवरेज हासिल की है। यह पहल नागरिकों को ‘पेपरलेस’, ‘फेसलेस’ सेवा मुहैया करवाकर ‘ईज ऑफ लिविंग‘ को बेहतर बनाने में दूरगामी साबित होगी। इससे राज्य में नागरिक सुविधा बढ़ाने और सुशासन हासिल करने में मदद मिलेगी।
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पंजाब के विधायकों के खिलाफ हरियाणा करवाएगा एफआईआर
*मुख्यमंत्री से अभद्र व्यवहार का मामला
* विस अध्यक्ष ने वरिष्ठ अधिकारियों को तलब कर मांगी रिपोर्ट
*उच्च स्तरीय कमेटी करेगी जांच, सोमवार को सदन में चर्चा होगी
*5 दिन में मांगी रिपोर्ट
चंडीगढ़, 12 मार्च - विधासभा परिसर में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का घेराव और अभद्र व्यवहार का प्रयास करने वाले पंजाब के विधायकों के खिलाफ हरियाणा विधानसभा सचिवालय एफआईआर दर्ज करवाएगा। मामले की जांच के लिए विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता ने शुक्रवार को हरियाणा गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा, प्रधान सचिव श्री अरुण गुप्ता, पुलिस महानिदेशक श्री मनोज यादव समेत पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। यह जांच दोनों प्रदेशों और यूटी चंडीगढ़ के अधिकारियों की संयुक्त कमेटी करेगी। विधानसभा सचिवालय में शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से बुलाई गई बैठक में विधानसभा उपाध्यक्ष श्री रणवीर गंगवा, विधान सभा सचिव श्री राजेंद्र नांदल व हरियाणा, पंजाब और यूटी चंडीगढ़ के अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान 10 मार्च की घटना का विस्तृत ब्योरा लिया गया। इस मामले पर 15 मार्च को हरियाणा विधानसभा के सदन में भी चर्चा होगी।
बैठक में खुलासा हुआ कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के प्रति अभद्र व्यवहार पंजाब के विधायकों की पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा था। इसके लिए पंजाब के विधायक करीब 3 घंटे तक विधानसभा परिसर में रुके रहे और मुख्यमंत्री के बाहर निकलने का इंतजार करते रहे। बैठक में मौजूद पंजाब के विधानसभा के अधिकारियों ने जानकारी दी कि उनके यहां उस दिन बजट सत्र का अंतिम दिन था, जिसकी कार्यवाही 3:30 बजे संपन्न हो गई थी। बजट सत्र की कार्यवाही संपन्न होने के बाद विधायक परिसर में ही रुके रहे। उनके द्वारा उपद्रव करने की भनक हरियाणा विधानसभा के सुरक्षा कर्मियों को लग गई थी। हरियाणा ने एहतियात के तौर पर सदन की तरफ आने वाले रैंप के रास्ते में सुरक्षा बढ़ा दी थी। इसी दौरान पंजाब के विधायक अपने वाहनों में जाकर बैठ गए। योजना के अनुसार वे वाहनों से तभी निकले जब शाम 6:30 बजे मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल अध्यक्ष गेट पर मीडिया से बात कर रहे थे।
विधान सभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता ने बैठक में उपस्थित सीआईडी विंग के अधिकारियों को भी तलब किया ।
पुलिस अधिकारियों ने विधान सभा अध्यक्ष को जानकारी दी कि विधान भवन में 7 ऐसे रास्ते हैं, जो पंजाब और हरियाणा के क्षेत्रों को आपस में जोड़ते हैं। ऐसे में दोनों विधान मंडलों के सदस्यों को एक-दूसरे के यहां आने-जाने के रोकना कठिन कार्य रहता है। विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता ने भविष्य के सत्रों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि 10 मार्च को विधान सभा परिसर में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को पंजाब के विधायकों ने घेराव के प्रयास किया था। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने इस घटनाक्रम पर कड़ी आपत्ति जताते हुए तुरंत पंजाब के विधान सभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह से बात की थी। गुप्ता ने पंजाब में अपने समकक्ष को पत्र लिख कर इस मामले में कड़ा संज्ञान लेने का भी आग्रह किया था। इस पर राणा केपी सिंह ने खेद व्यक्त करते हुए भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कठोर कदम उठाने का आश्वासन दिया था।  
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चंडीगढ 12 मार्च - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने साल 2021-22 के लिए विधानसभा में आज पेश किए गए बजट को शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वाभिमान और स्वावलंबन पर केन्द्रित बताते हुए कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने पारदर्शी सिस्टम के साथ आगे बढते हुए बजट में समाज के हर परिवार के उत्थान के साथ-साथ गरीब से गरीब व्यक्ति के आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाने को प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री आज यहां वितमंत्री के तौर पर 2021-22 के लिए बजट अनुमान पेश करने उपरांत पत्रकारवार्ता को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने करीब 2 घंटे 40 मिनट तक पढे बजट भाषण में समग्र एवं सर्वांगीण हरियाणा के निर्माण का जिक्र करते हुए बताया कि आगामी वित वर्ष के लिए बजट में 1,55,645 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है जोकि 2020-21 के बजट से 13 फीसदी अधिक है।कृषि को अर्थव्यवस्था का आधार बताते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार किसानों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। किसान व खेती से जुड़े कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, बागवानी विभाग, पशुपालन, मत्सय पालन सहित सहकारिता विभाग का बजट 20.9 प्रतिशत की बढौतरी के साथ 6110 करोड़ रूपये किया गया है जो चालू वित वर्ष के लिए 5098 करोड़ था। इसके साथ-साथ आगामी वित वर्ष के लिए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को आबंटित किए बजट में भी 75 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। जल की महता को समझते हुए हम जल संरक्षण हेतू सूक्ष्म सिंचाई साधनों पर भी अत्यधिक फोकस कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अंतोदय उत्थान योजना अभियान को 2025 तक चलाया जाएगा। यह योजना 1 अपै्रल से लागू होगी। शुरूआत में 1 लाख गरीब परिवारों का पता लगाकर उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाया जाएगा। इसके बाद ऐसे अन्य परिवारों की पहचान कर उनके लिए कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आंगनवाडी को अपग्रेड करने के साथ-साथ 4000 प्ले-वे स्कूल खोले जाएगें। साथ ही आंगनवाडी के मानक स्तर में भी वृद्धि की जाएगी।विपक्ष द्वारा बजट को आंकडों का खेल बताने के संदर्भ में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने बताया कि हमारी सरकार को ध्येय है कि अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के जीवन को कैसे खुशहाल बनाया जाए। गत वर्ष की भांति हमने कम से कम आंकडों का उपयोग करते हुए राज्य के सर्वांगीण विकास पर फोकस किया है। कृषि, जल संरक्षण, सिंचाई आदि सहित सभी महत्वपूर्ण एरिया पर हम फोकस कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए हम सभी जिलों में बेहतर सुविधाओं से सुसज्जित 100 बेड के अस्पताल खोल रहे हैं। जहां 100 बेड के अस्पताल की सुविधा पहले से है उनकी क्षमता को दुगना भी किया जाने का प्रावधान इस बार बजट में किया गया है। साथ ही चिकित्सा अधिकारी के पदों को भी बढाया जा रहा है।एक अन्य सवाल के जबाब में श्री मनोहर लाल ने बताया कि सरकारी नौकरियों में हर साल 12000 से 15000 सेवानिर्वत होने वाले कर्मचारियों की कमी को पूरा करते हुए चरणबद्ध तरीके से अगले साढे तीन साल में बैकलोग को पूरा करते हुए 80000 से 1 लाख तक कर्मचारी सरकारी सेवाओं में नियुक्त किए जाएगें।सामाजिक सुरक्षा पेंशन में बढौतरी को लेकर पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि हमने बजट में इसे बढाकर 2500 रुपये प्रतिमाह किया है। यह वृद्धि 1 अपै्रल से लागू होगी। इतनी सामाजिक सुरक्षा पेंशन की सुविधा देशभर में कही नहीं है।इस अवसर पर मुख्यमंत्री के विशेष प्रधान सचिव श्री डी एस ढेसी, वित विभाग के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री टी वी एस एन प्रसाद, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं महानिदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग डा. अमित अग्रवाल तथा मीडिया सलाहकार श्री अमित आर्य भी उपस्थित थे।

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चंडीगढ़, 12 मार्च - हरियाणा के खेल एवं युवा मामले राज्यमंत्री सरदार संदीप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा वर्ष 2021-22 वित्त वर्ष के लिए पेश किया गया बजट किसानों, मजदूरों, दुकानदारों, व्यापारियों, खिलाडिय़ों व आमजन के लिए लाभकारी साबित होगा। उन्होंने खेलों के लिए सरकार द्वारा तय किए गए 394 करोड रुपए के बजट पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सभी के लिए खेल विजन का मूल उद्देश्य खेल अवसंरचना विकसित करना, खिलाडिय़ों को प्रशिक्षित करना, छोटी उम्र से ही प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों की पहचान कराना, खिलाडिय़ों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करना और विभिन्न युवा विकास कार्यक्रमों को लागू करना है।
उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया 2021 की मेजबानी को लेकर हरियाणा पूरी तरह से तैयार है।
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चंडीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा वित्त मंत्री के तौर पर पेश किए गए राज्य बजट को विजनरी बजट बताते हुए कहा कि इससे हर वर्ग को मजबूती मिलेगी।
हरियाणा विधानसभा परिसर में मीडिया द्वारा बजट पर मांगी गई प्रतिक्रिया पर डिप्टी सीएम ने कहा कि राज्य बजट में प्रदेश में नई सडक़ों के निर्माण, ग्रामीण आंचल और पंचायतों को पॉवरफुल बनाने के लिए 1500 करोड़ रूपए का अतिरिक्त बजट अलॉटमैंट, हिसार एयरपोर्ट समेत चारों एयरपोर्टों में नाइट-लैंडिंग के लिए उपकरण लगाने, रोजगार के लिए 25 प्रतिशत इजाफा करने का लक्ष्य, लंबे समय से पैंडिंग म्यूजियमों में सुविधाएं देने, रेलवे आर्बिटल कॉरिडोर के साथ-साथ दो शहरों में रेलवे फ्लाइओवर बनाने जैसे अनेक योजनाएं प्रस्तावित हैं। ये सब तैयारियां दर्शाती हैं कि हरियाणा एक विजन के साथ प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है।
वृद्घावस्था पेंशन सम्मान भत्ता में बढ़ोतरी के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश के किसी भी राज्य में 2500 रूपए प्रति माह के नजदीक भी यह भत्ता नहीं है। आज पेश किए गए बजट में भत्ते की यह बढ़ोतरी कोविड-19 की चुनौती के बावजूद बुजुर्गों के सम्मान में नई ऊर्जा का संचार करेगी। उन्होंने कहा कि सवा साल के कार्यकाल में 500 रूपए की वृद्घि यह दर्शाती है कि हमारी गठबंधन सरकार ने चौधरी देवीलाल के विजन पर चलकर बुजुर्गों के सम्मान में ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य पंजाब जहां 1500 रूपए तथा दिल्ली 2000 रूपए प्रति माह ही बुजुर्गों को पेंशन दे रहा है वहीं हमारा राज्य अप्रैल से 2500 रूपए प्रतिमाह देने वाला राज्य होगा।
उपमुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि हरियाणा ने हर क्षेत्र में बेहतर कार्य किया है, चाहे राजस्व संग्रह, आबकारी एवं जीएसटी संग्रह की बात हो, या माईनिंग के क्षेत्र में, हर विभाग ने आर्थिक तौर उत्कृष्ट कार्य किया है। ऐसे में साफ पता चलता है कि प्रदेश सरकार अपने नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं देने के लिए गंभीर है।
एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस वित्त वर्ष में राज्य में 50 हजार रोजगार के संसाधन बनाने का लक्ष्य रखा है, इसको आराम से प्राप्त कर लेंगे। प्रदेश में फ्लिपकार्ट, मारूति, अमेजन आदि कंपनियां अपना निवेश बढ़ा रही हैं, ऐसे में राज्य में रोजगार के अवसर बढऩा स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि पहले भी प्रदेश सरकार ने जो चुनौतियां ली हैं उनमें भी लक्ष्य को हासिल किया है।
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चंडीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा सरकार ने लोकतांत्रिक शक्तियों का विकेन्द्रीकरण और पंचायती राज संस्थाओं का सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग की सभी योजनाएं, उनके अमले के साथ जिला परिषदों को हस्तांतरित की हैं। इन योजनाओं में जिला ग्रामीण विकास एजेंसी, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, सांसद आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, स्वर्ण जयंती खंड उत्थान योजना, स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण आदि शामिल हैं। इसके अलावा, पीआरआई की कार्य प्रणाली को और अधिक पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाने के लिए 5 लाख रुपये से अधिक की अनुमानित लागत के सभी विकास कार्य केवल ई-टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से करवाए जाएंगे और ग्रामीण कार्य निगरानी प्रणाली विकसित की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज बातैर वित्त मंत्री विधान सभा में 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा कि विकेन्द्रीकरण के लिए राज्य में ‘ग्राम दर्शन’ के नाम से  एक अनूठी तकनीकी आधारित पहल की गई है। उन्होंने कहा कि विकेन्द्रीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत विभिन्न विभागों की और अधिक योजनाओं को पंचायती राज संस्थाओं को स्थानांतरित करने की संभावनाओं का पता लगाया जा रहा है।  
उन्होंने कहा कि सभी पंचायती राज संस्थाओं के आगामी आम चुनावों में निर्वाचित प्रतिनिधियों में आधी महिलाएं होंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में ‘लाल डोरा’ के भीतर रहने वाले निवासियों को टाइटल डीड प्रदान करने की एक योजना राज्य में सफलतापूर्वक शुरू की गई है। इस योजना के तहत लगभग 400 गाँवों को पहले ही कवर किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पीआरआई को विभिन्न वित्तीय शक्तियां प्रदान करके उनके राजस्व के स्व-संसाधनों को बढ़ाया है। ग्रामीण क्षेत्र में संपत्ति के मूल्य के दो प्रतिशत के बराबर स्टाम्प शुल्क पर लगने वाले अधिभार से एकत्रित राजस्व का एक प्रतिशत जिला परिषद और पंचायत समिति को दिया जाएगा तथा शेष एक प्रतिशत ग्राम पंचायतों को दिया जाएगा। इससे विकास कार्यों के लिए जिला परिषदों, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों को सालाना लगभग 400 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसी प्रकार, बिजली की खपत पर लगाए गए दो प्रतिशत पंचायत कर से भी ग्राम पंचायतों को लगभग 100 करोड़ रुपये वार्षिक मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि जिला परिषद के अध्यक्ष को डीआरडीए का चेयरमैन बनाया  गया है।  सुचारू संचालन के लिए एचसीएस कैडर के एक स्वतंत्र अधिकारी को जिला परिषद का सीईओ नियुक्त किया गया है। प्रशासकीय तंत्र की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए चेयरमैन-डीआरडीए-सह-अध्यक्ष जिला परिषद को सीईओ जिला परिषद की एसीआर लिखने की शक्तियां दी गई हैं। इसके अलावा, पंचायती राज इंजीनियरिंग विंग को जिला परिषद के दायरे में लाया गया है ताकि विकास कार्यों की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की जा सके। इसके अलावा, बस क्यू शेल्टर एवं आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण, उप-स्वास्थ्य केद्रों का रखरखाव और प्राथमिक विद्यालयों की निगरानी करने जैसे अन्य विभागों के कुछ कार्य धनराशि सहित जिला परिषदों को सौंपे गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षित पंचायती राज संस्थाओं के बाद, हम पंचायती राज संस्थाओं को निधियां, कार्य एवं पदाधिकारी हस्तांतरित करके इनका सशक्तिकरण करने के लिए प्रयासरत हैं। सरकार ग्रामीण लोगों के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित कर रही है। हम पीआरआई के सशक्तिकरण, स्वच्छता, खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्तर को बनाए रखने, ठोस कचरा प्रबंधन, ग्रामीण जीवन के मूल्य संवर्धन, ग्रामीण स्तर पर उद्यमिता को प्रोत्साहित करने, ग्रामीण अवसंरचना को सुधारने और शहरी स्थानीय निकायों को और अधिक जीवंत बनाने पर विशेष बल दे रहे हैं ताकि केवल समग्र विकास ही गारंटी न हो बल्कि उसे कायम भी रखा जा सके।
उन्होंने कहा कि हम पंचायती राज संस्थाओं को 10:15:75 के अनुपात में निधियां, कार्य एवं पदाधिकारी हस्तांतरित करके इनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत हैं। यह कदम उनके लिए संसाधनों की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, पंचायती राज संस्थाओं को बिजली बिलों पर 2 प्रतिशत उपकर लगाने जैसी कराधान की विभिन्न शक्तियां देकर उन्हें राजस्व के अपने स्रोतों को बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित करने की योजना बनाई जा रही है।

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- मुख्यमंत्री ने पेश किया किसानों और कृषि के विकास का विजन
- ‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ के नाम से चलाया जाएगा विशेष अभियान
- वर्ष 2021-22 में एक लाख एकड़ भूमि सुधार का प्रस्ताव
चंडीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा पेश किए गए बजट में किसानों और कृषि के विकास का विजन साफ तौर पर दिखाई दिया। उन्होंने ‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ के नाम से एक विशेष अभियान चलाने के साथ-साथ क्षारीय और लवणीय मृदा के उपचार हेतु योजना में किसानों की भागीदारी के लिए एक नया पोर्टल भी स्थापित करने की घोषणा की है। साथ ही, वर्ष 2021-22 में कम से कम एक लाख एकड़ भूमि का सुधार करने की बात भी कही है।
श्री मनोहर लाल ने बतौर वित्त मंत्री वर्ष 2021-22 का बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि हम किसानों के ऋणी हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और परिश्रम से हरियाणा को देश का खाद्यान्न भण्डार बनाया है। उन्होंने कहा कि कृषि हमारी अर्थव्यवस्था का आधार है। हम किसानों की आय दोगुनी करने और उनका कल्याण व उत्थान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। राज्य सरकार मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन-एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन; कीट प्रबंधन; गुणवत्तापरक आदानों (उर्वरक, बीज, कीटनाशक आदि) की उपलब्धता; क्षारीय और लवणीय जल-भराव वाली मृदाओं का सुधार; जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण; खेत में जल प्रबंधन; फार्म मशीनीकरण को प्रोत्साहन; क्षेत्र की कवरेज और उपज का आकलन, फसल विविधीकरण तथा फलों व सब्जियों को प्रोत्साहन जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने इस वर्ष से ‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ नामक एक विशेष अभियान चलाने की घोषणा करते हुए कहा कि इस अभियान में मृदा स्वास्थ्य और मृदा की गुणवत्ता के आधार पर फसल चयन की सुविधा उपलब्ध करवाने पर बल दिया जाएगा। यह मृदा स्वास्थ्य से लेकर फसलों के चयन, इनपुट्स, प्रंसस्करण और विपणन के हर स्तर पर समाधान उपलब्ध करवाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि किसानों को मृदा स्वास्थ्य के आधार पर फसलों की बिजाई के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। पंजीकृत किसानों द्वारा फसल की बिजाई की विस्तृत जानकारी ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जाएगी। ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर 9.14 लाख किसानों ने पंजीकरण करवाया है।
उन्होंने बताया कि अप्रैल, 2021 से प्रत्येक एकड़ के मृदा नमूनों के संग्रहण और जांच का कार्यक्रम बड़े पैमाने पर शुरू किया जाएगा और आगामी 3 वर्षों में राज्य के पूरे क्षेत्र को कवर किया जाएगा। किसानों को घर-द्वार पर मृदा जांच सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए मंडियों व सरकारी भवनों में 17 नई स्थैतिक मृदा जांच प्रयोगशालाएं और 59 मिनी-मृदा जांच प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि 14 नई मृदा जांच प्रयोगशालाओं के लिए भवनों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और शेष मृदा जांच प्रयोगशालाओं का कार्य प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि किसानों और विज्ञान के विद्यार्थियों में मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के महत्व के सम्बन्ध में जागरूकता बढ़ाने, विज्ञान के विद्यार्थियों को मृदा व पानी के नमूनों की जांच तथा उन्हें एक उद्यमी के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाने के लिए, सरकार द्वारा उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करने की पहल की गई है। पहले चरण में, वर्ष 2020-21 के दौरान मृदा जांच प्रयोगशालाओं की स्थापना हेतु कुल 115 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों और महाविद्यालयों का चयन किया गया है। वर्ष 2021-22 के दौरान स्कूलों/कॉलेजों/तकनीकी विश्वविद्यालयों/संस्थानों में लगभग 125 मृदा जांच प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। इससे एक ओर जहां किसानों को लाभ होगा वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों को ‘अर्न व्हायल लर्न स्कीम’ के माध्यम से एक अनूठा अवसर मिलेगा। कृषि एवं बागवानी विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों के पाठयक्रम में यह अनिवार्य होगा कि वे क्षेत्रीय गतिविधियों के साथ जुडं़े।

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चण्डीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा सरकार ने प्रदेश में खेल अवसंरचना विकसित करने, खिलाडिय़ों को प्रशिक्षित करने, छोटी उम्र से ही प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों की पहचान करके उन्हें तराशने, खिलाडिय़ों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने और विभिन्न युवा विकास कार्यक्रम लागू करने की मंशा से ‘सभी के लिए खेल’ का विजन पेश किया है।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज विधानसभा में बतौर वित्त मंत्री बजट अनुमान 2021-22 में खेल विभाग के लिए 394 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी और निजी स्कूलों में कुल 297 खेल नर्सरियां चल रही हैं। वैज्ञानिक प्रशिक्षण, खेल के दौरान लगने वाली चोट के उपचार और शीघ्र स्वस्थ लाभ के उद्देश्य से, हरियाणा में चार पुनर्वास केंद्रों की स्थापना की प्रक्रिया शुरू की गई है। एक राज्य स्तरीय पुनर्वास केंद्र पंचकूला में स्थापित किया जाएगा, जबकि मंडल स्तर के चार केंद्र रोहतक, गुरुग्राम, करनाल और हिसार में प्रस्तावित हैं। ये केंद्र नवीनतम विश्व स्तरीय खेल-चिकित्सा उपकरणों से लैस होंगे और योग्य कर्मचारियों, मनोवैज्ञानिक और फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा संचालित होंगे।
इसके अलावा, अम्बाला कैंट स्थित वार हीरोज मैमोरियल स्टेडियम में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्विमिंग पूल और फुटबॉल ग्राउंड निर्माणाधीन है। आगामी ‘खेलो इण्डिया यूथ गेम्स-2021’ के दृष्टिगत ताऊ देवी लाल स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स, पंचकूला में हॉकी, फुटबॉल, बास्केटबॉल और वॉलीबॉल के नए मैदान बनाने का प्रस्ताव है।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि भारत सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2021’, की मेजबानी हरियाणा करेगा। यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है। इनमें पांच स्वदेशी खेलों सहित 25 खेल स्पर्धाएं होंगी और देशभर से 10,000 से अधिक खिलाडिय़ों और अधिकारियों के भाग लेने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ओलंपिक खेलों में चयनित खिलाडिय़ों को नकद पुरस्कार के रूप में 5 लाख रुपये की अग्रिम राशि देने की घोषणा की है, ताकि वे बेहतर आहार, नवीनतम प्रशिक्षण सुविधाएं और खेल उपकरण हासिल कर सकें। सरकार द्वारा खिलाडिय़ों के लिए आहार राशि 150 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 250 रुपये प्रतिदिन की गई है।

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चण्डीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के मकसद से 2021-2022 के बजट में हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का इरादा जाहिर किया है। साथ ही, सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के लाभ आठ अतिरिक्त श्रेणियों को प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए धनराशि पूरी तरह से राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। इन श्रेणियों में व्यापक कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थी, मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत पंजीकृत परिवार, निर्माण श्रमिक बोर्ड, हरियाणा के मान्यता-प्राप्त मीडियाकर्मी, नम्बरदार, चौकीदार,  विमुक्त घुमंतू जाति, और आजाद हिंद फौज में रहे सैनिक, हिंदी आंदोलन से जुड़े परिवार, द्वितीय विश्व युद्ध और आपातकाल के दौरान जेल गए परिवार शामिल हैं। सरकार इस योजना का लाभ 5 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले परिवारों को अनुपातिक आधार पर भी देगी।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज विधानसभा में बजट सत्र के दौरान बतौर वित्त मंत्री बजट अनुमान 2021-22 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 4,606 करोड़ रुपये, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए 2,136 करोड़ रुपये, आयुष के लिए 315 करोड़ रुपये, कर्मचारी राज्य बीमा स्वास्थ्य देखभाल के लिए 238 करोड़ रुपये और खाद्य एवं औषध प्रशासन विभाग के लिए 42 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भिवानी के मौजूदा जिला अस्पताल को अपग्रेड करके डॉ. मंगल सेन मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जा रहा है। इसी तरह, जींद, महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद में भी मेडिकल कॉलेज स्थापित किये जा रहे हैं। इसी तरह, यमुनानगर, कैथल और सिरसा जिलों में भी मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का प्रस्ताव है जबकि महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज अग्रोहा में कैंसर विज्ञान केन्द्र स्थापित किया जाएगा। राज्य सरकार करनाल में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय स्थापित करने की प्रक्रिया में है। मेडिकल कॉलेजों के अलावा, राज्य सरकार द्वारा मौजूदा शहीद हसन खां मेवाती राजकीय मेडिकल कॉलेज, नल्हड़, नूंह में एक डेंटल कॉलेज स्थापित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, फरीदाबाद, रेवाड़ी, कैथल, कुरुक्षेत्र और पंचकूला जिलों में छ: सरकारी नर्सिंग संस्थान भी स्थापित किए जा रहे हैं।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना-2011 के आधार पर आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत वर्तमान में 15.51 लाख परिवार पात्र हैं। अब तक 7.83 लाख परिवारों को कुल 22.96 लाख आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इसके तहत, 2.05 लाख मरीजों को 245.00 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने कोविड महामारी को नियंत्रित करने के प्रयासों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। इसी कड़ी में, सरकार ने 956 नियमित डॉक्टरों और 206 आयुष चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की है। अब इस वित्तीय वर्ष के दौरान 350 चिकित्सा अधिकारियों और 60 दंत चिकित्सों के नए पद सृजित किए जाएंगे ताकि राज्य को अतिरिक्त स्वास्थ्यकर्मी उपलब्ध करवाए जा सकें।
उन्होंने बताया कि हरियाणा के सभी जिलों में आरटीपीसीआर और रैपिड एंटीजन परीक्षण किटों के माध्यम से व्यापक नमूने लिए जा रहे हैं। अब तक 58 लाख से अधिक नमूने एकत्रित किए जा चुके हैं। कोविड मरीजों का समुचित इलाज सुनिश्चित करने के लिए पहल करते हुए फरीदाबाद, गुरुग्राम, पंचकूला, रोहतक और करनाल में प्लाज्मा बैंक स्थापित किए। इसमें अब तक कोविड-19 रोगियों से 4856 प्लाज्मा यूनिट एकत्रित की गई हैं और 3291 रोगियों का प्लाज्मा थेरेपी से उपचार किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए अब हर सिविल अस्पताल में न्यूनतम 200 बैड अवश्य उपलब्ध कराये जाएंगे। सरकार ने आयुष विभाग के अंतर्गत पूरे राज्य में 1000 ‘हेल्थ वेलनेस सेंटर’ स्थापित करने का प्रस्ताव किया है। इसमें निवारक, प्रोत्साहन, उपचारात्मक, पुनर्वास और व्यापक स्तर की देखभाल सेवाएं प्रदान की जाएंगी। राज्य के लोगों को वेलनेस सेंटर में सभी प्रकार की सुविधाएं जैसे कि योगशाला, ध्यान, शारीरिक व्यायाम के अलावा दवाओं और परीक्षण व जांच सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों कोइनडोर उपचार प्रदान करने के लिए ‘हरियाणा कैशलेस स्वास्थ्य’ योजना का विस्तार करने का निर्णय लिया है। इसी तरह, ‘मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना’ के तहत, लोगों को 7 तरह की सेवाएं, जैसेकि सर्जरी, प्रयोगशाला परीक्षण, डायग्नोस्टिक्स (एक्स-रे, ईसीजी, और अल्ट्रासाउंड सेवाएं), ओपीडी/इनडोर सेवाएं, दवाएं, रेफरल परिवहन और दंत उपचार सेवाएं नि:शुल्क प्रदान की जा रही हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य के सभी जिलों में कैथ लैब, एमआरआई, सीटी स्कैन और डायलिसिस सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसी तरह, अल्ट्रासाउंड और अन्य डायग्नोस्टिक्स सेवाओं का विस्तार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक किया जाएगा। सरकार प्रत्येक जिला अस्पताल में आईसीयू व प्राइवेट रूम स्थापित करेगी। उपमण्डल अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी आईसीयू और डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप प्रदेश में स्वास्थ्य संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत, राज्य में अक्तूबर, 2020 तक 95.1 प्रतिशत संस्थागत प्रसूतियां दर्ज हुई है। दिसंबर, 2020 में जन्म पर लिंगानुपात 922 था। मातृ मृत्यु दर एसआरएस 2011-13 में 127 के मुकाबले कम होकर एसआरएस-2016-18 में 91 रह गई। बाल स्वास्थ्य के तहत, हरियाणा में शिशु मृत्यु दर प्रति एक हजार जीवित जन्मों पर एसआरएस 2013 में 41 के समक्ष एसआरएस 2018 में 11 अंक कम होकर 30 रह गई। जीवित जन्मों के समक्ष टीकाकरण कवरेज 101.1 प्रतिशत रहा और 3.09 लाख जीवित जन्मों के लक्ष्य के समक्ष कुल 3.35 लाख बच्चों को पूरी तरह से प्रतिरक्षित किया गया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में भारत सरकार की राष्ट्रीय टेली-परामर्श सेवाओं के तहत ऑनलाइन स्टे-होम ओपीडी, ई-संजीवनी ओपीडी शुरू की गई है जो मई, 2020 से लागू है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष विभाग द्वारा लोगों, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाएं, चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य जागरूकता सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। कुरुक्षेत्र में अपनी तरह के श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के माध्यम से, राज्य सरकार अंतर्राष्ट्रीय स्तर की चिकित्सा शिक्षा सहित आयुष चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहित कर रही है। राज्य सरकार द्वारा पंचकूला में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान भी स्थापित किया जा रहा है। राज्य में योग को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से, प्रदेश-भर की विभिन्न योगशालाओं में शीघ्र ही अनुबंध के आधार पर 1000 आयुष सहायकों और 22 आयुष कोच की भर्ती की जाएगी। ईएसआई हेल्थ केयर द्वारा कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 के तहत प्रदेश-भर में स्थित 7 ईएसआई अस्पतालों और 79 ईएसआई औषधालयों सहित तीन आयुर्वेदिक इकाइयों और एक मोबाइल डिस्पेंसरी के माध्यम से 28.09 लाख बीमित व्यक्तियों और उनके आश्रित सदस्यों को व्यापक चिकित्सा सेवाएं और सुविधाएं प्रदान की जा रही है।

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चण्डीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने प्रदेशवासियों को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर पानी उपलब्ध करवाने की प्रतिबद्धता जताते हुए बजट अनुमान 2021-22 में जल जीवन मिशन कार्यक्रम के तहत 1.65 लाख घरों में नल के माध्यम से जलापूर्ति कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
श्री मनोहर लाल ने आज विधानसभा में बतौर वित्त मंत्री बजट अनुमान 2021-22 में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के लिए 3,402 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रावधान किया।
उन्होंने कहा कि ‘जल जीवन मिशन कार्यक्रम’ के तहत, भारत सरकार ने वर्ष 2024 तक सभी घरों में नल के माध्यम से जलापूर्ति कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। परन्तु हमने इस कार्य को केवल वर्ष 2022 तक ही पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। हरियाणा में लगभग 31.05 लाख ग्रामीण परिवार हैं, जिनमें से जनवरी, 2021 तक 26.19 लाख (84.34 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों को जलापूर्ति कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण संवर्धन जल आपूर्ति कार्यक्रम के तहत, गांवों में जलापूर्ति का स्तर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55-70 लीटर तक बढ़ाने के लिए मौजूदा जलापूर्ति सुविधाओं में सुधार तथा इन्हें मजबूत किया जा रहा है। ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए, नाबार्ड से भी धनराशि ली जा रही है। वर्ष 2020-21 में नाबार्ड द्वारा स्वीकृत 1003.50 करोड़ रुपये की 12 परियोजनाएं प्रगति पर हैं तथा वर्ष 2020-21 में रेवाड़ी, नारनौल और जींद में 129.10 करोड़ रुपये लागत की 3 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रति व्यक्ति प्रतिदिन जलापूर्ति 135 लीटर तक बढ़ाने, सीवरेज प्रणाली बिछाने और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की स्थापना के लिए महाग्राम योजना शुरू की है। इस कार्यक्रम के तहत, अब तक 130 गांवों की पहचान की गई है, जिसमें तीन चरणों में कार्य किया जाएगा। पहले चरण में 20 गांव, दूसरे चरण में 38 और तीसरे चरण में शेष 72 गांव शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार शहरी क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर पानी उपलब्ध करवाने के लिए भी पूरी तरह से दृढ़-संकल्प है। राज्य के 87 कस्बों में पहले ही पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाई जा चुकी है और वर्ष 2020-21 में घरौंडा, निसिंग, तरावड़ी और समालखा की सभी नव विकसित कॉलोनियों में पेयजल की सुविधा मुहैया करवाई गई है। इसके अतिरिक्त, लोहारू, हिसार, नरवाना, उचाना, लाडवा और पुन्हाना की नव विकसित कॉलोनियों में भी पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाने का कार्य शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा 80 कस्बों के 124 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की स्थापना का महत्वपूर्ण कार्य किया गया है। कैथल, पुंडरी और असंध में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स के अपग्रेडेशन का कार्य पूरा हो चुका है तथा भूना, नांगल चौधरी, इस्माईलाबाद और सढ़ौरा में नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की स्थापना का कार्य मार्च, 2021 तक पूरा होने की संभावना है। इंद्री, पलवल, यमुनानगर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की स्थापना तथा ऐलनाबाद, फतेहाबाद, रतिया, टोहाना, सिरसा, रोहतक और तोशाम में इनके उन्नयन का कार्य चल रहा है, जो वर्ष 2021-22 में पूरा हो जाएगा। राजौंद व सिसाय में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने और सिवानी में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के उन्नयन की परियोजनाएं 2021-22 में शुरू की जाएंगी।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने मुख्य रूप से बिजली संयंत्रों, उद्योगों, सिंचाई और नगरपालिकाओं द्वारा उपचारित अपशिष्ट जल का गैर-पेयजल प्रयोजनों हेतु उपयोग करने के लिए एक नीति बनाई है। वर्ष 2022 तक 25 प्रतिशत उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हरियाणा में अब तक, 169 सीवेज ट्रीटमेंट और सामान्य अपशिष्ट ट्रीटमेंट संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जो 1278 एमएलडी उपचारित अपशिष्ट जल उत्पन्न करते हैं।
इसी तरह, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड द्वारा वित्त-पोषित योजना के तहत, गन्नौर, बेरी, झज्जर, कलानौर, सांपला, खरखौदा, होडल और समालखा में सीवरेज लाइनें बिछाने का कार्य पूरा हो चुका है और सोहना में 2021-22 में काम पूरा हो जाएगा। भिवानी,सिवानी, बेरी, झज्जर, पुंडरी, होडल और रेवाड़ी शहरों में वर्षा जल की निकासी के लिए कार्य पूरा हो चुका है तथा गन्नौर, अम्बाला शहर, अम्बाला सदर, रोहतक और हिसार में 2021-22 में कार्य पूरा होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त, 2021-22 में पलवल, हिसार, बरवाला, फतेहाबाद, टोहाना और होडल में नए कार्य शुरू किए जाएंगे।

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बजट प्रबंधन अधिनियम के मूल प्रावधानों को बनाए रखने में रहे कामयाब- मुख्यमंत्री
-लगभग 8585 करोड़ रुपये की उधारी क्षमता का उपयोग नहीं किया
चंडीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने विशिष्ट सतत विकास लक्ष्यों के तहत प्रगति को बजटीय परिव्यय के साथ जोड़ा है। हमने यूएनडीपी के सहयोग से एक एसडीजी समन्वय केंद्र की स्थापना की है और हरियाणा राजकोषीय प्रबंधन संस्थान के माध्यम से हम इसे और आगे ले जाने का इरादा रखते हैं।
  मुख्यमंत्री आज विधानसभा सत्र में राज्य के लिए बजट अनुमान 2021-22 प्रस्तुत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चालू वर्ष के दौरान राज्य सरकार ने कठोर, वित्तीय विवेकपूर्ण उपायों को अपनाकर लगभग 8585 करोड़ रुपये की उधारी क्षमता का उपयोग नहीं किया। इसका अर्थ यह है कि हम अपनी उधार लेने की सीमा को राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम के मूल प्रावधानों के आसपास बनाए रखने में कामयाब रहे। जैसा कि भारत सरकार ने अब अनुमति दे दी है कि उधार लेने की सीमा को आगे बढ़ाया जा सकता है, हमने आवश्यकतानुसार लगभग 8585 करोड़ रुपये की इन प्राप्तियों का उपयोग लघु अवधि परिव्यय फे्रमवर्क आरक्षित निधि के लिए करने का निर्णय लिया है। ये निधियां उन परियोजनाओं के लिए निर्धारित की जाएंगी, जिनमें अंतर-क्षेत्रीय निहितार्थ एवं लम्बी परिपक्वता अवधि है।
उन्होंने कहा कि हम इस वर्ष इस कोष के तहत निर्धारित निधियों का उपयोग विशेष परियोजनाओं पर करने के इच्छुक हैं, जो स्वास्थ्य, कृषि तथा अवसंरचना पर केंद्रित हैं। ऐसी विशेष परियोजनाओं में अन्य बातों के साथ-साथ चिकित्सा अवसंरचना का विस्तार जैसे कि जिला अस्पतालों का 200 बिस्तर तक उन्नयन करना, मातृ एवं बाल अस्पतालों की स्थापना करना, जैव सुरक्षा प्रयोगशालाएं, गन्नौर में अन्तर्राष्ट्रीय बागवानी मंडी, पिंजौर में सेब मंडी, सेरसा (सोनीपत) में मसाला मंडी, सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं के साथ-साथ विशिष्ट परियोजनाएं जैसे कि- ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर, दिल्ली और करनाल के बीच हाई स्पीड रेल कनेक्टिविटी, गुरुग्राम और अन्य क्षेत्रों में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार तथा इसी तरह की अन्य परियोजनाएं शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने परिणाम हासिल करने पर विशेष बल दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सार्वजनिक धनराशि का आवंटन और व्यय फलदायी तरीके से किया जाए, जोकि विशिष्ट परिणामों पर लक्षित हो। इस उद्देश्य के लिए हमने विभिन्न योजनाओं के बजटीय आवंटनों तथा केन्द्रित कार्यान्वयन के माध्यम से सतत विकास लक्ष्य प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया है। मुझे गर्व है कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने बजट में आवंटित एक-एक रुपये के लिए ‘आउटपुट आउटकम फ्रेमवर्क’ विकसित किया। हमने इस फ्रेमवर्क को पिछले बजट के साथ प्रस्तुत किया और हमने इस वर्ष भी इस प्रथा को जारी रखा है। परिणामों पर इस केंद्रित दृष्टिकोण के साथ, हम विजऩ 2030 को साकार करने में पूरी प्रतिबद्धता से आगे बढ़ेंगे। रोजगार सृजन अल्पावधि से मध्यावधि का परिणाम है। हमने इस सम्बन्ध में कई प्रमुख पहल की हैं, जिसमें देश का पहला और एकमात्र कौशल विश्वविद्यालय, सक्षम युवा कार्यक्रम, अनूठा रोजगार पोर्टल शामिल है, जो रोजगार के अवसरों के लिए नौकरी के इच्छुक युवाओं के कौशल का मानचित्रण करता है।
उन्होंने कहा कि शासन और सेवा प्रदायगी में सुधार यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि इन परियोजनाओं से होने वाले लाभ पात्र लाभार्थियों पर लक्षित हों। उन्होंने कहा कि गर्व की बात है कि पिछले वर्ष आरंभ की गई ‘परिवार पहचान पत्र’ की पथ-प्रदर्शक पहल नेे तेजी से प्रगति की है और व्यापक कवरेज हासिल की है। यह पहल नागरिकों को ‘पेपरलेस’, ‘फेसलेस’ सेवा मुहैया करवाकर ‘ईज ऑफ  लिविंग‘ को बेहतर बनाने में दूरगामी साबित होगी। इससे राज्य में नागरिक सुविधा बढ़ाने और सुशासन हासिल करने में मदद मिलेगी। इसके क्रियान्वयन में हमारी रणनीति अंत्योदय-‘अंतिम व्यक्ति तक पहले सेवा पहुंचाना और उत्थान करना’ के सिद्धांत पर आधारित है। भारत सरकार के सफल महत्वाकांक्षी जिला कार्यक्रम से प्रेरणा लेते हुए हम राज्य के सबसे कम विकसित खंडों में व्यापक और परिवर्तनकारी विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ‘महत्वाकांक्षी खंड दृष्टिकोण’ अपनाकर उनके विकास पर ध्यान केन्द्रित करना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री ने ‘शासन कम से कम-सुशासन अधिकतम’ के सिद्धान्त की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि राज्य ने विभिन्न अधिनियमों के तहत लाइसेंस के नवीनीकरण की आवश्यकता को समाप्त करके विनिर्माण उद्योग पर अनुपालन बोझ को कम किया है। सरकार ने विभागों में विभिन्न लाइसेंसों के लिए स्वत: नवीनीकरण का भी प्रावधान किया है। राज्य सरकार, भारत सरकार के ‘न्यूनतम विनियामक अनुपालन’ की प्रतिबद्धता पर भी सक्रिय रूप से कार्य कर रही है और साथ ही सरकार ने जिला स्तर पर कारोबारी सुगमता को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए गये हैं।
उन्होंने कहा कि यह चार स्तंभीय दृष्टिकोण ‘वी-शेप’ रिकवरी हासिल करने तथा उदीयमान अर्थ-व्यवस्था का मार्ग प्रशस्त करने की हमारी रणनीति का आधार है। हरियाणा में आर्थिक विकास की गति राज्य के प्रत्येक व्यक्ति की आय और खरीद क्षमता बढ़ाने के लक्ष्य पर आधारित होनी चाहिए। हमने विशेष रूप से तैयार की गई कार्य-योजना को अपनाने का निर्णय लिया है और उम्मीद है कि यह हमारे राज्य के आर्थिक सफर में स्थायी, समावेशी और जमीनी स्तर के विकास के साथ जीवंत और आत्मनिर्भर हरियाणा बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।

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-पूंजी निवेश के माध्यम से अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाएंगे: मनोहर लाल
- विधायकों और सांसदों से  मिले 410 सुझाव
चंडीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि इस वर्ष कोविड-19 से अप्रत्याशित चुनौतियां आई परंतु प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ऊर्जावान नेतृत्व में हमारा राष्ट्र इस संकट से निपटने में सक्षम रहा है। भारत ने लगभग 98 प्रतिशत रिकवरी दर के साथ कोविड-19 की गति को धीमा किया है। भारत उन देशों में से एक है, जहां प्रति दस लाख की जनसंख्या पर 112 की न्यूनतम मृत्यु दर है और तुलनात्मक रूप से प्रति 10 लाख की जनसंख्या पर लगभग 130 न्यूनतम सक्रिय मामले हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है जो कोविड-19 के लिए स्वदेशी वैक्सीन विकसित करने में सक्षम हुए हैं। कोविड-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व की विश्वभर में सराहना हुई है, जिन्होंने आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया है, जो 130 करोड़ भारतीयों की क्षमता और कौशल में उनके विश्वास की अभिव्यक्ति है। भारत सरकार ने लगभग 27.1 लाख करोड़ रुपये के संचित वित्तीय प्रोत्साहन के साथ, चरणों में इस आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। वर्ष 2021-22 के केन्द्रीय बजट में ‘वी-शेप’ आर्थिक रिकवरी सुनिश्चित करने के लिए आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा ने भी कोरोना संक्रमित लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करके तथा समाज के जरूरतमंद वर्गों तक राहत पैकेज जैसे कि-भोजन, नकदी और अन्य मूलभूत वस्तुएं और सेवाएं तेजी से पहुंचाकर कोरोना वायरस के प्रसार पर अंकुश लगाने में काफी अच्छा काम किया है। प्रदेश ने कोरोना के कारण केवल 1.11 प्रतिशत मृत्यु दर के साथ लगभग 98 प्रतिशत रिकवरी दर हासिल की है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में कोविड-19 महामारी से प्रभावित लोगों को तत्काल वित्तीय और चिकित्सा सहायता तथा अन्य राहत पैकेज प्रदान करने के लिए आमजन से दान स्वीकार करने के उद्देश्यों के साथ हरियाणा कोरोना राहत कोष का गठन किया गया।
 उन्होंने ‘हरियाणा कोरोना राहत कोष’ में किए गए उदार अंशदान के लिए प्रदेश के आमजन, उद्योग जगत, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों तथा राज्य के विधायकों और सांसदों का आभार भी जताया।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने राज्य सरकार की चालू वर्ष की उपलब्धियां और आगामी वर्षों में आर्थिक वृद्धि तथा मानव विकास हासिल करने के लिए सरकार का दृष्टिकोण और कार्य-योजना प्रस्तुत करते हुए बताया कि पूंजी निवेश के माध्यम से हरियाणा की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना इस वर्ष के बजट का मुख्य केंद्र-बिंदु है। इसमें मध्यावधि परिव्यय ढांचे (एमटीईएफ) के रूप में 8,585 करोड़ रुपये की मुक्त निधि के आवंटन द्वारा इसकी संरचना में उल्लेखनीय बदलाव हुआ है। विकास की गति को तेज करने में आर्बिटल रेल कारिडोर, बुनियादी ढांचा निवेश न्यासों और रियल एस्टेट निवेष न्यासों के माध्यम से परिसम्पत्ति मुद्रीकरण, मानेसर के निकट ग्लोबल सिटी, जिला सोनीपत के गन्नौर में अन्तर्राष्ट्रीय बागवानी मण्डी सरकार की कुछ उल्लेखनीय परियोजनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 5080 गांवों में 24 घंटे बिजली सुनिश्चित की है और वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान इसका अन्य गांवों में भी विस्तार करने के प्रयास किये जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि बजट प्रक्रिया को प्राकृतिक रूप से सहभागितापूर्ण बनाने के उद्देश्य से पिछले वर्ष राज्य के निर्वाचित प्रतिनिधियों सहित विभिन्न हितधारकों के विचारों और सुझावों को बजट में शामिल करने के लिए उनके साथ पूर्व बजट परामर्श की पहल की थी। उसमें राज्य के विधायकों और सांसदों से प्राप्त 527 सुझावों में से 200 सुझावों को शामिल किया गया। वर्ष 2020-21 के दौरान उनमें से 71 सुझाव लागू भी किए जा चुके हैं और शेष 129 सुझाव क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष 2021-22 के बजट के लिए भी राज्य के सभी विधायकों और सांसदों तथा अन्य प्रतिष्ठित हितधारकों से अपने बहुमूल्य सुझाव और विचार सांझा करने का अनुरोध किया था। विधायकों और सांसदों से कुल 410 सुझाव मिले हैं, जिन पर उन्होंने इस बजट प्रक्रिया में यथोचित ढंग से विचार किया है।

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स्वास्थ्य, कृषि और बुनियादी ढांचा क्षेत्र रहेंगे प्राथमिकता में
- मध्यम अवधि परिव्यय फ्रेमवर्क का प्रावधान करके एक नई रणनीति प्रस्तुत की
चंडीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने वर्ष 2021-22 का राज्य बजट प्रस्तुत करते हुए सुदृढ़ और उदीयमान हरियाणा का निर्माण करने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि असाधारण परिस्थितियों में असाधारण नीतियों की आवश्यकता होती है। चूंकि कोविड-19 महामारी ने अप्रत्याशित चुनौतियां पेश की हैं और हमें कई सबक सिखाए हैं। हम धीरे-धीरे संकट से उबर रहे हैं, हमें और भी बड़े पैमाने पर रिकवरी और पुनरोत्थान की दिशा में रणनीतिक हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने इस बजट को हरियाणा के लिए विकास पथ पर तेजी से आगे बढ़ाने का एक अवसर बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के लिए ‘वी-शेप’ रिकवरी हेतु एक सुदृढ़ और उदीयमान हरियाणा के लिए यह रणनीति चार स्तंभों के आधार पर तैयार की गई हैं। ये चार प्रमुख स्तंभ हैं- प्रमुख क्षेत्रों की प्राथमिकताएं निर्धारित करना, मध्यम अवधि परिव्यय फे्रमवर्क-एमटीईएफ रिजर्व फंड बनाना, परिणाम आधारित विकास और कार्यान्वयन पर ध्यान केन्द्रित करना।
उन्होंने इस बजट की मुख्य प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए बताया कि हमने स्वास्थ्य, कृषि और बुनियादी ढांचे की पहचान उन प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में की है, जिन पर हमें रिकवरी और पुनरोत्थान के लिए ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है। अप्रत्याशित सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के इस समय में स्वास्थ्य क्षेत्र पर ध्यान देना सर्वोपरि है। 
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