नई दिल्ली/ फरीदाबाद- इंसान हों या जीव-जंतु या पशु पक्षी, इस दुनिया में जिसने भी जन्म लिया है हर किसी को जीने का अधिकार है। जीव-जंतु, पशु-पक्षी इंसानों जैसे बोल नहीं सकते और अपना दर्द किसी से बता नहीं सकते लेकिन चोट लगने पर दर्द उन्हें भी होता है। देश में दो तरह के इंसान देखे जाते हैं एक तो वो जो पशुओं पर लट्ठा बरसाते हैं और पत्थर मारते हैं। एक वो जो इनसे बहुत प्यार करते हैं। हरियाणा अब तक की कुछ ऐसे लोगों से मुलाक़ात हुई जिन्होंने बताया वो किसी भी तरह के कुत्ते के पास चले जाते हैं और कभी कुत्ते ने उन्हें नहीं काटा। कुछ ऐसे लोग भी दिखते हैं जिन्हे देखते ही कुत्ते भौंकने लगते हैं। हमने तमाम लोगों से बात की तो पता चला कि जिन्होंने भी कभी किसी कुत्ते को रोटी का एक टुकड़ा दे दिया उन कुत्तों ने उनकी तरफ कभी भौंका ही नहीं। आज सोशल मीडिया पर ये तस्वीर ट्रेंड हो रही है,
फरीदाबाद की बात करें तो कुछ जगहों पर आरडब्लूए के कुछ लोगों ने एक विभाग से शिकायत की और उन्होंने बताया कि वो आवारा कुत्तों से परेशान हैं। कुछ ऐसे शिकायतकर्ताओं के बारे में हमने उनके आस-पास के लोगों से पूंछा तो वो शिकायतकर्ताओं पर ही भड़क गए और बोले कुत्ते तो बेजुबान हैं, हम लोग तो इन जैसे इंसानों से परेशान हैं और दुखी हैं क्यू कि ये लोग जब इंसान को इंसान नहीं समझते तो बेजुबानों को क्या समझेंगे? ये लोग मंहगी शराब पी सकते हैं और अपने ही परिवार से लड़ झगड़ सकते हैं लेकिन एक कुत्ते को एक रोटी नहीं डाल सकते, ऐसे इंसानों के बारे में कई तरह की जानकारियां मिलीं। यहाँ हम किसी का नाम नहीं लिख रहे हैं और न ही किसी क्षेत्र का नाम लिख रहे हैं।
हमें कई पशु प्रेमियों से बात किया तो उनका कहना है कि हम इंसानों से ज्यादा इन बेजुबानों पर भरोषा करते हैं और ये बेजुबान अपनी कसौटी पर खरे भी उतरे हैं। कुछ लोगों ने कई सच घटनाओं का उदाहरण दिया और कहा कि भाई साहब आप गूगल पर कुत्ते ने बचाई जान सर्च कर देख लें एक दो नहीं हजारों उदाहरण मिलेंगे जब कुत्तों ने ही इंसानों की जान बचाई है। उन्होंने बताया कि आप अंग्रेजी में भी गूगल पर सर्च करें कि Dog Saves Life तब भी आपको हजारों चौंका देने वाली जानकारियां मिलेंगी। हमने सर्च कर देखा, पता चला सच में बेजुबानो ने हजारों जान बचाई है।
लगभग 90 फीसदी लोगों ने कहा कि ये बेजुबान एक रोटी खिलाने से अपने हो जाते हैं। लोगों ने कहा कि इनके दुश्मन वही हैं जो इंसानियत के दुश्मन हैं। बड़े होटल में दो हजार का भोजन मंगवा आधा प्लेट में छोड़ देते हैं यानि एक हजार का खाते हैं, लेकिन ये लोग एक रोटी किसी कुत्ते को नहीं खिला सकते, नशे में टुन्न आधी रात को गिरते पड़ते लड़खड़ाते अपने घर पहुँचते हैं और इन्हे ऐसी हालत में देख को कुत्ता भौंक दे तो ये अगले दिन पुलिस के पास पहुँच जाते हैं।
हरियाणा अब तक के पाठकों आपको बता दें कि भारत की संस्कृति बहुत पुरानी है और दुनिया ने ये माना है और हमने कई साल पहले एक उदाहरण देकर ये जानकारी भी दी थी और वो उदाहरण ये था कि पृथ्वी और चन्द्रमा के बीच की दूरी तो वैज्ञानिकों ने अब पता लगाया है, तुलसीदास ने तो बहुत पहले रामायण में ये लिख दिया था।
हरियाणा अब तक के दोस्तों, पाठकों आपको बता दें कि दुनिया भर के वैज्ञानिको के अनुसार सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी करीब 15 करोड़ किलोमीटर है। लेकिन सैकड़ों साल पहले ही तुलसीदास द्वारा लिखी गई हनुमान चालीसा के एक दोहे में यह बता दिया था कि सूर्य और पृथ्वी के बीच की कितनी दूरी है।
दरअसल गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी हनुमान चालीसा के इस 18वीं चौपाई में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी का वर्णन है।
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
यह दोहा अवधी भाषा में है इस दोहे का हिंदी भाषा में अर्थ है कि हनुमानजी ने एक युग सहस्त्र योजन की दूरी पर स्थित भानु यानी सूर्य को मीठा फल समझकर खा लिया था।
दोहे के हर एक शब्द के गणित को वैदिक ज्योतिष के आधार पर ऐसे समझिए-
जुग( युग) = 12000 वर्ष
एक सहस्त्र = 1000
एक जोजन (योजन) = 8 मील
भानु = सूर्य
युग x सहस्त्र x योजन = पर भानु यानि सूर्य की दूरी
12000 x 1000 x 8 मील = 96000000 मील
एक मील = 1.6 किमी
96000000 x 1.6 = 153600000 किमी
इसी के आधार गोस्वामी तुलसीदास ने बता दिया था कि सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है।
हरियाणा अब तक के पाठकों आप देश की सभ्यता और संस्कृति को नजरअंदाज न करें और पस्छिमी देशों की संस्कृति न अपनाएं जैसे कि बेजुबानों को पीटना?
बेजुबान हमारे जीवन के अंग हैं, उन्हें पत्थर न मारें, वो बेचारे चोट लगने पर, खून बहने पर तड़पते हैं , किसी से अपना दर्द नहीं बता सकते हैं, उन लोगों से कहना चाहूंगा जो होटल में हजार रूपये फालतू दे आएंगे और इन्हे एक रोटी नहीं देंगे, चुलू भर पानी आस-पास है तो डूब मरो?
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