फरीदाबाद: आज दिल्ली के उत्तम नगर निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग द्रोणाचार्य ने पुलिस आयुक्त कार्यालय सेक्टर 21c पहुंचकर पुलिस कमिश्नर ओ पी सिंह से मुलाकात की और चावल के दाने से नाम लिख कर अपनी कला का हुनर भी दिखाया। आपको बताते चलें कि 70 वर्षीय द्रोणाचार्य, उत्तम नगर दिल्ली में रह रहे हैं पीछे से मेरठ यूपी के रहने वाले हैं। द्रोणाचार्य दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीएससी पास है और भारत मौसम विज्ञान विभाग दिल्ली में अपनी सेवा दे चुके हैं।
द्रोणाचार्य ने पुलिस कमिश्नर श्री ओपी सिंह से चावल के दाने के द्वारा श्री राम लिख कर अपनी प्रतिभा को पेश किया। इस दौरान श्री द्रोणाचार्य ने पुलिसकर्मियों को स्वस्थ रहने के लिए 5 मूल मंत्र भी दिए द्रोणाचार्य के अनुसार किसी भी व्यक्ति को चाय नहीं पीनी चाहिए- चाय पीने से ना सिर्फ आप का रक्तचाप बढ़ता है बल्कि पेट की कई अन्य समस्याओं से भी जूझना पड़ता है और वही समस्याएं आगे चलकर छोटी से बड़ी हो जाती हैं।
2. जीवन में कभी भी चीनी नहीं खानी- श्री द्रोणाचार्य ने बताया कि हमें जीवन में कभी भी चीनी नहीं खानी चाहिए, किसी भी रूप में क्योंकि चीनी मीठा जहर है जो कि हमारे शरीर को धीरे धीरे से अंदर से नष्ट कर देता है। चीनी की जगह गुड, खांड और बुरा खा सकते हैं। जो कि उपरोक्त यह चीजें, चीनी जितनी खतरनाक नहीं होती है।
3. भोजन को चबाकर खाएं- उनके अनुसार इंसान को भोजन के एक निवाले को 32 बार चबाएं, अगर 32 बार ना हो सके तो 20 से 25 बार तो जरूर चबाकर खाएं।
4. चमक-दमक से दूर रहें- उन्होंने कहा कि इंसान को बनावटी चमक-दमक से दूर रहना चाहिए। इसका एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि लोग सफेद बाल और मूछें सफेद होने पर, तरह-तरह के मार्केट में चल रहे कलर से काला करते हैं जिसे की नजरों पर एवं मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है अतः इंसान को साधारण प्रकृति के बनाए हुए रूप में ही रहना चाहिए।
5. चाहा करो परोपकार की चाहे मन लगे, तन लगे, या धन लगे- इस संबंध में उनके कहने का मकसद यह था कि इंसान को जरूरतमंदों की सहायता करते रहना चाहिए इससे पिता परमेश्वर बहुत खुश होते हैं।
द्रोणाचार्य के अनुसार गांव में जो गन्ने के रस के लिए कोहलू लगे होते हैं साल में एक बार सीजन के वक्त में हमें उस कोहलू का रस नींबू मिलाकर जरूर पीना चाहिए इससे हमारी आंत साफ होती है।
द्रोणाचार्य की जो सबसे खास बात रही जीवन की, कि जब वह 18 साल की उम्र में थे तब भी उनका 50 किलो वजन था और आज 70 साल की उम्र में भी 50 किलो ही वजन है। द्रोणाचार्य ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में कभी भी बाहर का खाना नहीं खाया। इस दौरान उन्होंने अपनी 50 वर्ष पुरानी कल्मो की फोटो पुलिस कमिश्नर को दिखाई। पुलिस कमिश्नर ने श्री द्रोणाचार्य को उनकी कला दिखाने और स्वस्थ रहने के मूल मंत्र देने के लिए उनका धन्यवाद किया।
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