बाबैन, 21 फरवरी राकेश शर्मा- हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसान आंदोलन की अनदेखी कर रही केन्द्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहाकि किसानों की अनदेखी उसे महंगी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि किसानों की अनदेखी करने वालों को किसान अच्छी तरह सबक सिखाना जानते हैं और किसानों को जिसनें भी सताने का काम किया है किसानों ने उसे सत्ता से हटाने का काम किया है। उन्होंने कहाकि जो देश या समाज अपने शहीदों और किसानों का सम्मान नहीं करता वो देश आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने कहाकि शहीदों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम देश और समाज को शहीदों की कुबाॢनयों और उनके योगदान की याद दिलाते हैं और ऐसी धरती को वे बार-बार नमन करते हैं क्योंकि यहां आने से उन्हें बड़ी ऊर्जा और हौसला प्राप्त हुआ है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज नौवी पातशाही गुरू तेग बहादुर थड़ा साहिब गुरुद्वारा झींवरहेड़ी में आयोजित शहीदी दिवस समारोह में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक गुरुद्वारा के समारोह में शामिल होना उनके लिए बड़े ही गर्व की बात है। इस अवसर पर नौवी पातशाही गुरू तेग बहादुर थड़ा साहिब की और से भूपेन्द्र ङ्क्षसह हुड्डा को सिरोपा भेंट कर व गांव के सरपंच शिव कुमार द्वारा उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। बाद में सरपंच शिव कुमार के आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री हुड्डा ने कहा कि आंदोलनरत किसानों की मांगे पूरी तरह जायज़ हैं। सरकारों को बिना देरी किए उनकी मांग माननी चाहिए और किसान आंदोलन को खत्म करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार देश का भला करना चाहती है तो उसे किसानहित ध्यान में रखकर योजनाएं और क़ानून बनाने होंगे। चंद पूंजीपतियों को योजनाओं के केंद्र में रखकर सरकार किसानों का कभी भला नहीं कर सकती। हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान हमने किसानों को उनकी फसलों का उचित रेट देने और उन्हें कर्ज मुक्त करने के लिए कई कदम उठाए थे। हमारी सरकार ने प्रदेश में किसानों के 2136 करोड़ रुपये के कर्जे माफ किए थे। उन्होंने कहाकि उनकी सरकार ने किसानों के 1600 करोड़ के बिजली बिल माफ़ करने का ऐतिहासिक फैसला भी लिया था। उनकी सरकार ने फसली ऋणों पर ब्याज को जीरो फीसदी कर दिया गया था जो पहले 12 फीसदी तक हुआ करता था। इतना ही नहीं कांग्रेस सरकार के दौरान खाद, बीज और कृषि उपकरणों पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहाकि किसानों को याद है कि हमारी सरकार के दौरान धान का रेट एमएसपी के पार 5000 रुपये तक पहुंच गया था। पोपुलर भी 1250 रुपये के रेट पर खऱीदा जाता था। पोपुलर के पत्ते तक इतने महंगे बिकते थे कि किसान अपनी बेटियों की शादी का खर्च आसानी से जुटा लेते थे। हमारी सरकार के दौरान कपास और गन्ने का रेट देश में सबसे ज़्यादा था लेकिन बीजेपी सरकार आने के बाद 6 साल में बमुश्किल 30 रुपये प्रति किवंटल ही गन्ने का रेट बढ़ाया गया। है जबकि उनकी सरकार में गन्ने के रेटों में भारी बढ़ोत्तरी करते हुए इसे 117 से बढ़ाकर 310 रुपये तक पहुंचाया था।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार फसलों का रेट बढ़ाने की बजाए पेट्रोल, डीज़ल और रसोई गैस का दाम बढ़ाने में लगी है। तेल के दामों का सीधा कनेक्शन महंगाई से है क्योंकि अगर तेल के दाम बढ़ेंगे तो ट्रांसपोर्ट किराया, परिवहन, आवागमन, व्हीकल चलाना और उत्पादन महंगा हो जाएगा जिससे हर चीज़ के दाम बढ़ेंगे। सरकार तेल के दाम बढ़ाकर जनता का तेल निकालने में लगी है और महामारी और मंदी के दौर में सरकार लोगों को राहत देने की बजाए उन्हें महंगाई की मार मारने में लगी है। हुड्डा ने याद दिलाया कि उनके कार्यकाल के दौरान हरियाणा में तेल सबसे सस्ता था, क्योंकि उस पर वैट कम था और दूसरे राज्यों के लोग भी हरियाणा से तेल डलवाना पसंद करते थे। बॉर्डर के हर पेट्रोल पंप पर लिखा होता था कि ये हरियाणा का पहला या आखरी पेट्रोल पंप है ताकि लोगों को पता चल जाए कि यहां सस्ता तेल मिलेगा। पेट्रोल, डीज़ल और रसोई गैस जैसी ज़रूरी चीज़े आम आदमी की पहुंच दूर होते जा रही हैं। सरकार को बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए जल्द ज़रूरी क़दम उठाने चाहिए।
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