पहचानो दो मुँह वालों को ,जो अखण्ड एकता तुड़वाते ।ये सर्व समाज के दुश्मन हैं ,हिन्दू- मुस्लिम को लड़वाते ।कभी स्वर्ण-दलित में फूट डाल ,ये वोट बैंक बना जाते ।अमीर-गरीब के बीच में ये ,गहरी खाई हैं खुदवाते ।अब धरती पुत्र निशाने पर ,इनसे कोई ना बच पाते ।— Sharda Rathore (@shardarathore1) February 28, 2021
आपको बता दें कि दो मुँह वाला इंसान शायद उन्हें कहा जाता है जिन्हे लोग नेता कहते हैं और जो जब सत्ता में नहीं होते हैं तो मंहगाई के समय आँख में ग्लिशरीन लगा आंसू बहाते हैं। छाती पीटते हैं और फोटो खिंचवा अख़बारों में छपने के लिए भेजते हैं। हां जब ये सत्ता पा जाते हैं तो रिकार्ड मंहगाई के समय भी कुछ नहीं बोलते हैं। समझदार लोग ऐसे नेताओं के बारे में समझ सकते हैं। शारदा राठौर लगभग दो महीने से जिस तरह के ट्वीट कर रहीं हैं उसे देख जिले के वो कांग्रेसी हैरान हो सकते हैं जो कहलाते कांग्रेसी हैं और सत्ताधारी नेताओं के प्रति नरम दिख रहे हैं।
जिले के कांग्रेसी नेताओं के बारे में अब चर्चाएं भी शुरू हो गईं हैं। कोई भाजपा के बड़े नेताओं से सांठगांठ की बात कर रहा है। जिनका कहना है कि मिलकर प्रापर्टी का धंधा कर रहे हैं इसलिए जिले के बड़े भाजपा नेता के बारे में कोई कुछ नहीं बोल रहा है वो जिले को कितना भी नरक बना दे। वर्तमान में फरीदाबाद कांग्रेस 6 टुकड़ों में बंटी हुई है। ये 6 नेता सत्ता के खिलाफ कुछ नहीं बोलते अपनी पार्टी के नेताओं के खिलाफ ही जहर उगलते दिखते हैं जिस कारण जिले में कांग्रेस का सत्यानाश हो रहा है। सत्ताधारी पार्टी के नेता खुश हैं क्यू कि उन्हें पता है कि ये सब आपस में ही लड रहे हैं हमसे क्या मुकाबला करेंगे। कांग्रेसी नेता ये समझते होंगे कि हम जो बोल रहे हैं अपनी ही पार्टी के नेता के खिलाफ या जो हमारे दिल में है वो हमारे तक ही सीमित होगा। उन्हें पता हो कि उनके दिल की बातें भी आग की तरह पूरे जिले में फ़ैल रहीं हैं। शहर के लोग इन कांग्रेसियों पर हंस रहे हैं।
शारदा राठौर फिलहाल भाजपा में हैं और उनकी कविताओं में जो व्यंग होता है उससे साफ़ दिख रहा है कि वो प्रदेश और केंद्र सरकार को घेर रहीं हैं, वो भाजपा में रहकर जो हौसला दिखा रहीं हैं वो हौसला फ़िलहाल फरीदाबाद का कोई कांग्रेसी नेता नहीं दिखा पा रहा है। शायद प्रापर्टी डीलिंग या अन्य कोई बात होगी। शारदा राठौर के आज के दो और ट्वीट पढ़ें, ये व्यंग कवितायें लिखने में अब माहिर हो गईं हैं शारदा राठौर , खुद लिखती हैं, एक -एक कविता लिखने में कई -कई घंटे लग जाते हैं। आजकल काफी परिश्रम करती दिख रहीं हैं।
तुम तो माँ के सब बच्चे हो ,क्यूँ चाल न इनकी समझ पाते ।लड़ना है तो ग़ुरबत से लड़ो,कितने जन भूख से मर जाते ।लड़ना है हमें अनपढ़ता से ,कितने बच्चे स्कूल न जा पाते ।लड़ना होगा भ्रष्टाचार से ,बिन रिश्वत काम न हो पाते ।लड़ो नशाखोरी से तुम,जिससे कितने घर ही उजड़ जाते ।— Sharda Rathore (@shardarathore1) February 28, 2021
बेरोज़गारी से तंग होकर,युवा ख़ुदकुशी कर जाते ।ये सत्तारूढ़ चालाक बड़े,असली मुद्दों को दबा जाते ।~शारदा राठौर #sharda_Rathore #Unemployment #_modi_rojgar_do #_modi_job_do #IndiaBeingSilenced #india #KisanKiBaat— Sharda Rathore (@shardarathore1) February 28, 2021
Post A Comment:
0 comments: