चंडीगढ़- किसान आंदोलन के शुरुआत में ही हमने अपने पाठकों को बताया था कि इस आंदोलन से सबसे अधिक नुक्सान हरियाणा सरकार का होगा और अब आंदोलन के लगभग 80 दिन होने वाले हैं और हालात ये हैं कि प्रदेश के तमाम बड़े सत्ताधारी नेता अब भी अपने क्षेत्रो में नहीं जा पा रहे हैं जहाँ से उन्होंने चुनाव जीता था। कुछ नेताओं की बयानबाजी से भी प्रदेश के लोग नाराज है जैसे कि कृषि मंत्री जेपी दलाल आज फिर खलनायक बन गए हैं। आज का एक बयान उन पर ही नहीं हरियाणा सरकार पर भी भारी पड़ता दिख रहा है। सोशल मीडिया पर जानकर किरकिरी हो रही है। लोगों का कहना है कि 200 किसानों की मौत और मंत्री जी बोल रहे हैं अपनी मर्जी से मरे, ये आंदोलन में न मरते तो घर मर जाते। किसान आंदोलन के दौरान ही तमाम नेताओं ने भाजपा का साथ छोड़ दिया और कुछ नेताओ के ट्वीट्स एवं अन्य प्रतिक्रियाएं देख लगता है कि वो भी भाजपा से दूर हो सकते हैं।
दो बार बल्लबगढ़ की विधायक रहीं रहीं कुमारी शारदा राठौर जो मुख्य संसदीय सचिव भी रह चुकी हैं। किसान आंदोलन के दौरान उनके दर्जनों ट्वीट्स देख लगता है कि वो भाजपा से ज्यादा किसानो के साथ हैं। शारदा राठौर ने आज ट्वीट किया और लिखा कि
मेरे अल्फाज़! किसान की व्यथा..चाहे पांव में छाले हो,आंखों में अविरल धारा हो !सीने पर गोली चलती हो,चाहे लाठी से मारा हो !सत्ता की ताकत ने,मेरी गैरत को ललकारा हो !क्षण भर को भी कमजोर नहीं,मैं और सबल बन जाता हूं।#किसान_के_लिए_बोले_भारत#kissanAndolan— Sharda Rathore (@shardarathore1) February 13, 2021
न्याय युद्ध में गलत नहींमैं गीत विजय का गाता हूं ।सुनकर हाकिम के इल्जामों कोमैं और प्रबल बन जाता हूं ।अपना ईमान न बेचूंगामैं गिर गिर कर उठ जाता हूं।अब जुल्म नहीं चल पाएगा,सब को विश्वास दिलाता हूं।— Sharda Rathore (@shardarathore1) February 13, 2021
शारदा राठौर तेज तर्रार नेत्री हैं और कांग्रेस में बड़े पद पर रह चुकी हैं। कांग्रेस की टिकट पर ही उन्होंने दो बार बल्लबगढ़ से चुनाव जीता था। पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा के मिशन 75 के जाल में फंस उन्होंने कांग्रेस छोड़ दिया। एक समय उन्हें बल्लबगढ़ की शेरनी कहा जाता है क्यू कि उनकी आवाज में दम है और वो एक शेरनी की तरह ही दहाड़ती हैं और बिना किसी खास सहयोग के वो दो बार अपने दम पर चुनाव जीत चुकी हैं। किसी बड़े राजनीतिक परिवार से भी ताल्लुक नहीं रखतीं।
अपने कार्यकाल के समय में उन्होंने उस समय के मुख्य्मंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से लड़-झगड़कर मेट्रो को बल्लबगढ़ तक पहुँचाया जिसका श्रेय जब एक रैली में पीएम मोदी ने लेने का प्रयास किया था तो पीएम की जमकर किरकिरी हुई थी। सेक्टर 12 में हुई रैली में पीएम ने कहा था कि हमने मेट्रो को बल्लबगढ़ तक पहुंचा दिया जबकि शारदा राठौर के समय में ही मेट्रो बल्लबगढ़ तक पास हो गई थी और काम चल रहा था। जिसका शिलान्यास उस समय के सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कर चुके थे। शारदा के ट्वीट बहुत बड़ा इशारा कर रहे है और संभव है वो घर वापसी कर लें।
क्यों भूल गए तुम को भी किसी ने,राजधर्म सिखलाया था ।एक माँ के हम सब बच्चे हैं,तुमको उसने समझाया था।हम हिंदू, सिख, ईसाई,बौद्ध, पारसी और मुसलमान हैं।हम व्यापारी, कर्मचारी,मजदूर और हम किसान हैं। pic.twitter.com/Pa3FcbiFyd— Sharda Rathore (@shardarathore1) February 11, 2021
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