नई दिल्ली- पेट्रोल-डीजल और खाद्य पदार्थों के दामों में बढ़ोत्तरी के बाद कई राज्यों में अब प्याज फिर लोगों को रुला रही है। एक महीने पहले 30 रूपये प्रति किलो बिक रही प्याज अब कई राज्यों में 60 रूपये प्रति किलो बिक रही है।विपक्षी नेता बढ़े दाम को केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बीते दिनों पारित कृषि कानूनों का असर बता रहे हैं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह केंद्र द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों का पहला प्रभाव है। यह केवल प्याज तक सीमित नहीं रहेगा, दाल और चावल जैसी अन्य उपज की कीमतें भी बढ़ेंगी। नए कानूनों में प्रावधान है कि दाल, तेल और आलू तथा प्याज जैसी कृषि से मिलने वाली वस्तुओं का जरूरत या सीमा से ज्यादा स्टॉक करने पर सजा नहीं होगी जिसका फायदा जमाखोर उठा रहे हैं।
आपको मालूम हो कि प्याज के दाम ऐसे समय में बढ़ रहे हैं जब देश भर में नए कृषि कानून को लेकर किसान लगभग तीन महीने से आंदोलन कर रहे हैं। इन नए कृषि कानूनों में आवश्यक वस्तु अधिनियम को संसद में संशोधित किया गया था। पिछले साल आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के दायरे से आलू, प्याज, दाल-चावल, खाद्य तेल-तिलहन जैसी वस्तुओं को हटा दिया गया है। इसका मतलब ये हुआ कि अब इन वस्तुओं के भंडारण की सीमा हट गई है। अब इन वस्तुओं का ज्यादा भंडारण करने पर जेल नहीं होगी। कंपनियां या कोई व्यापारी इन वस्तुओं को किसी भी सीमा तक जमा करने को स्वतंत्र होंगे और ये अपने रेट खुद तय कर सकते हैं।
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