नई दिल्ली/ चंडीगढ़/ फरीदाबाद: दो दशक पहले देश के कई राज्यों से ख़बरें आतीं थीं कि ठग टाइप के लोग और चोर उचक्के वहाँ गंजे को भी कंघी बेंच देते थे। भ्रष्टाचारी कागज़ पर तालाब कुआं बना करोड़ों डकार जाते थे। वर्तमान में डिजिटल युग है और अब कहा जाता है कि भ्रष्टाचार न के बराबर है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है और पूर्वी राज्यों तक सीमित नहीं रहा। अब हरियाणा के फरीदाबाद जैसे शहर में आये दिन नगर निगम के पार्षद ही सवाल उठाते हैं कि कुछ भ्रष्ट कागज़ पर ही विकास कार्य दिखा करोड़ों डकार गए। हाल में एक कालू ठेकेदार की खबर आई थी कि वो दो सौ करोड़ से ज्यादा खा चुका है और कोई काम नहीं करवाया। नगर निगम सदन में मामला भी उठ चुका है लेकिन लगता है कालू ने कुछ लोगों को काली कमाई का हिस्सा भी दिया था इसलिए सब चुप हैं। उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
चोर-चोर मिलकर मौसेरे भाई हो गए हैं और फरीदाबाद को लूट रहे हैं। शहर को नरक सिटी बना रहे हैं। सोशल मीडिया पर जब मैं पूंछता हूँ कि फरीदाबाद स्मार्ट सिटी बना या नरक सिटी तो 90 फीसदी लोग नरक सिटी बताते हैं। क्या फरीदाबाद में सच में घोटाले हो रहे हैं? किसी और की नहीं फरीदाबाद की प्रथम व्यक्ति यानी वर्तमान मेयर सुमन बाला भी अब उन लोगों की हाँ में हाँ मिलाने लगीं जो कहते हैं फरीदाबाद में घोटाले हो रहे हैं और कुछ अधिकारी जमकर लूट रहे हैं। मेयर ने बाकायदा सीएम, मुख्य सचिव, राज्य चौकसी व्यूरो को पत्र लिखा है। पढ़ें
यहाँ सफाई घोटाले का जिक्र किया गया है। 12 करोड़ के टॉयलेट खरीद में गड़बड़झाला। कई अन्य बड़े आरोप मेयर ने नगर निगम अधिकारियों पर लगाए हैं। अभी तो ये स्वच्छ भारत मिशन का घोटाला मेयर ने उजागर किया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में कितना पैसा आया और कितना लगा और जांच हुई तो कई लोग और अधिकारी नंगे हो जाएंगे। देखते रहें आगे-आगे होता है क्या?
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