फरीदाबाद- दो दशक पहले फरीदाबाद हरियाणा सरकार को टैक्स देने में अव्वल था लेकिन वर्तमान में गुरुग्राम के बाद दूसरे नंबर पर है। लगभग दो दशकों से ही फरीदाबाद लगातार अपनी शाख गंवाता जा रहा है जो अब तक जारी है। कई बड़े उद्योग यहाँ से कहीं और चले गए। कोई बड़ा उद्योग नहीं आया और कई क्षेत्रों के उद्योगपति सड़क पर इसलिए उतरते हैं क्यू किय उनके क्षेत्र का हाल बेहाल है। सड़कों पर सीवर का पानी भरा हुआ है। यहाँ के अधिकतर उद्योगपति पहले से कंगाल हुए हैं और यहाँ अगर कोई मालामाल हुआ है तो कुछ नेताओं का नाम लिया जा रहा है साथ में अरावली पर लगभग दो दर्जन बड़े अधिकारीयों के फ़ार्म हाउस हैं जो इस जिले के बड़े अधिकारी रह चुके हैं। उनके चक्कर में ही अरावली के अवैध निर्माण ढहाए नहीं जा रहे हैं। सिर्फ खानापूर्ति होती है। एक चारदीवार गिरा वापस चले आते हैं।
बात कर रहे हैं फरीदाबाद की जिस जिले का नाम कभी पूरे विश्व में विख्यात था लेकिन अब कभी सबसे प्रदूषित शहर, सबसे गंदा शहर, खूनी सड़क वाला शहर, गड्ढे वाली सड़क वाला शहर और न जाने कैसे-कैसे रूप में बदनाम हो रहा है। इस शहर को कई वर्ष पहले स्मार्ट सिटी घोषित किया गया, करोड़ों आये भी, एक गायिका को स्मार्ट सिटी का ब्रांड अम्बेस्डर बनाया गया और सेक्टर 12 में एक प्रोग्राम कर कई लाख खर्च किये गए। उसके बाद वो मैडम कभी फरीदाबाद में नहीं दिखीं। वहां स्मार्ट सिटी के नाम पर नगर निगम के एक बड़े अधिकारी ने पानी की तरह पैसा बहाया था।
आज निगमायुक्त एवं फरीदाबाद के जिला अधिकारी ने पार्षदों के साथ एक बैठक का प्रेस नोट भिजवा दावा किया कि 25 को लांच होने वाले एक एप्प पर फोटो भेजने वालों की समस्या का तुरंत समाधान हो जाएगा। अभी चंद मिनट पहले हमने अपने पाठकों से पूंछा कि क्या ऐसे ही होगा। कमेंट्स ऐसे आ रहे हैं
आपको बता दें दो मामले ऐसे आये हैं जिनमे फरीदाबाद के लोगों ने छोटी समस्या के लिए सीएम को ट्वीट किया तबसे ये सवाल उठ रहे हैं कि जब सीएम को ही सब कुछ करना है और समस्या का समाधान करना है तो सांसद, विधायक और पार्षद किस लिए बनाये जा रहे हैं। एक युवती कामिनी के ट्वीट के बाद एक अन्य ट्वीट कल आया। बड़े सवाल उठ रहे हैं फरीदाबाद के नेताओं और अधिकारियों पर
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