नई दिल्ली: टूलकिट केस को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। दिशा रवि की गिरफ्तारी का आम आदमी पार्टी और कांग्रेस जबरजस्त विरोध कर रही है। अब दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर प्रेस वार्ता के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि यह टूलकिट बेहद ही सुनियोजित तरीके से बनाई गई है। इसमें किस तरह से किसान आंदोलन को समर्थन देना है उसकी पूरी जानकारी थी। ज्वाइंट CP साइबर सेल प्रेम नाथ ने मीडिया को बताया कि जांच के दौरान टूलकिट के ऑनलाइन मौजूद स्क्रीन शॉट्स की पड़ताल की गई है और जांच में प्राप्त जानकारी मिलते ही इस टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट की संपादक निकिता जैकब के खिलाफ सर्च वारंट जारी कर केस के आयोग समेत एक टीम को मुंबई भेजा गया।उनके पास से 2लैपटॉप और 1आईफोन मिला।
उन्होंने बताया कि बेंगलुरु टीम ने दिशा से पूछताछ की और उसके फोन से महत्वपूर्ण जानकारी मिली। जानकारी से स्पष्ट हुआ कि दिशा अपने साथियों (निकिता और शांतनु) के साथ मिलकर टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट को बनाया और शेयर किया। दिशा ने टेलीग्राम के जरिए ही ग्रेटा थनबर्ग को टूलकिट भेजी थी। बेंगलुरु से 13 फरवरी को दिशा को गिरफ्तार किया गया और दिल्ली लाया गया। मेडिकल कराने के बाद दिशा को कोर्ट में पेश किया गया। निकिता और शांतनु नहीं मिल पा रहे हैं इसलिए NPW जारी किया गया है आगे की जांच जारी है।
उन्होंने बताया कि जांच में ये भी बात सामने आई कि काव्य न्याय फाउंडेशन के संस्थापक एम ओ धालीवाल अपने कनाडा में रह रहे सहयोगी पुनीत के जरिए निकिता जैकब से संपर्क किया। उनका मकसद गणतंत्र दिवस से पहले और बाद में ट्विटर स्टॉर्म और डिजिटल स्टाइक करना था।
प्रेम नाथ के मुताबिक दिशा ने टूलकिट को व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर शेयर किया। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई गई। टूलकिट को विश्वस्तर पर फैलाने साजिश थी। टूलकिट में गलत जानकारियां दी गईं। इस टूलकिट का संबंध खालिस्तानी संगठन से है। इस टूलकिट को चार फरवरी को बनाया गया था। इस टूलकिट में योग और चाय से लेकर दूतावासों को भी नुकसान पहुंचाने की बात है। इससे भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।
Post A Comment:
0 comments: