फरीदाबाद: देश की उन्नति और अच्छे नागरिक के निर्माण के लिए शिक्षा सबसे अधिक जरूरी है। शिक्षा के बिना एक अच्छे इंसान व देश की कल्पना नहीं की जा सकती है। महात्मा गांधी ने कहा था कि देश तभी समृद्ध होगा, जब यहां के सभी लोग शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ जाएंगे। इसके लिए उन्होंने कई बुनियादी विद्यालयों की स्थापना भी की। लेकिन आज पूरे देश में बुनियादी विद्यालयों की स्थिति दयनीय है। निजी स्कूलों में गरीब के बच्चे पढ़ नहीं सकते क्यू कि फीस बहुत ज्यादा है और सरकारी स्कूलों में बहुत कम लोग अपने बच्चों को भेजना चाहते हैं। ऐसे में देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चे अपना भविष्य कैसे बना सकेंगे जब उनमे शिक्षा का आभाव होगा। ये कहना है फरीदाबाद में रहने वाले अनुज उर्फ़ गब्बर का जिन्होंने नव वर्ष के अवसर पर कल 100 से ज्यादा उन छात्रों की मदद की जिन्हे वो निःशुल्क ट्यूशन पढ़ाते हैं।
गब्बर ने कहा कि मैं फिलहाल तिगांव विधानसभा क्षेत्र के इस्माइलपुर में 250 के आस-पास बच्चों को पढ़ाता हूँ। कुछ बच्चे उनके पास आ जाते हैं जबकि कुछ बच्चों को अलग स्थान पर पढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि किराये का लिया हुआ कमरा बहुत छोटा है इसलिए ज्यादा बच्चों को वहाँ नहीं पढ़ा पाते हैं। गब्बर ने कहा कि उनके पास BA तक के छात्र ट्यूशन पढ़ने आते हैं और गणित के छात्र ज्यादा आते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास ट्यूशन पढ़ने आ रहीं पूजा और गुड़िया के परिजनों ने नव वर्ष पर थोड़ी मदद की और उसी पैसे से उन्होंने बच्चों को शिक्षा की जरूरत का सामान वितरित कर दिया। उन्होंने पूजा और गुड़िया बीए कर रही हैं।
गब्बर ने बताया कि जिस दिन से हरियाणा अब तक और फरीदाबाद लेटेस्ट न्यूज़ पर उनके ट्यूशन की खबर छपी है उसके बाद फरीदाबाद ही नहीं पलवल और हरियाणा के कई अन्य जिलों के लोगों के फोन आने लगे और लोग चाहते हैं कि मैं उनके बच्चों को भी शिक्षा दूँ। उन्होंने कहा कि फिलहाल हर जगह पहुंचना संभव नहीं है लेकिन फरीदाबाद में गब्बर क्लासेज का विस्तार करूंगा और प्रयास रहेगा कि शहर की कई स्लम बस्तियों और कालोनियों में जाकर वहाँ के बच्चों को शिक्षित करूँ।
गब्बर ने बताया कि उनके पास कई शिक्षण संस्थानों से जुड़े लोगों के फोन आये तो कहा गया कि उनके शिक्षण संस्थानों से जुड़ वहां शिक्षा दें। गब्बर ने कहा कि वर्तमान में मैं जिन 250 बच्चों को पढ़ा रहा हूँ उन्हें आधे रास्ते पर नहीं छोड़ सकता और जिले से बाहर के किसी संस्थान में नहीं जा सकता। गब्बर ने बताया कि फरीदाबाद स्थित उड़ान आईएएस संस्थान से मयंक चौधरी का उनके पास फोन आया और उन्होंने मेरी हर तरह से मदद करने की बात कही। मैं मयंक चौधरी को धन्यवाद देता हूँ। गब्बर ने कहा कि नजदीक के किसी संसथान के लिए मैं एक दो घंटे निकाल लूँगा लेकिन दूर इन बच्चों को छोड़कर नहीं जा सकता। गब्बर ने कहा कि मुझे दो वक्त की रोटी मेरे छात्र अपने घर से लाकर खिला देते हैं और मैं खुश हूँ। उन्होंने कहा कि पूजा और गुड़िया के परिजनों ने थोड़ी मदद की इसलिए मैंने अपने छात्रों की मदद कर दी और उन्हें कॉपी व् अन्य चीजें वितरित कर दी।
आपको बता दें कि देश का हर बच्चा शिक्षित हो ये गब्बर का लक्ष्य है। गब्बर ने लेकिन MSc कमेस्ट्री/ Bed, किया है और पहली कक्षा से लेकर 12 तक के बच्चों को निःशुल्क ट्यूशन पढ़ाते हैं। निःशुल्क बढाकर उन्होंने लगभग एक दर्जन बच्चों को IIT/ PMT- NDA में सेलेक्ट करवा दिया है। फ़िलहाल सर्दी चरम पर है। तापमान रोजाना लुढ़कता जा रहा है। कल भी गब्बर उसी हाफ-टी-शर्ट और लोअर में दिखे जिसमे पहले दिन दिखे थे।
Post A Comment:
0 comments: