फरीदाबाद। तिगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ललित नागर ने केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि विधेयकों को पूरी तरह से किसान विरोधी करार देते हुए कहा है कि आज देशभर में किसान इन विधेयकों के खिलाफ सडक़ों पर उतरा हुआ है, लेकिन भाजपा सरकार तानाशाही रवैया अपनाते हुए किसानों की मांगों को कतई मानने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले 11 दिनोंं से देश का अन्नदाता किसान अपना घर-परिवार छोडक़र कडक़ड़ाती सर्दी में खुले आसमान के नीचे अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठा है, लेकिन किसान की आय को दोगुना करने का दम भरने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस मुद्दे पर पूरी तरह से मौन धारण किए हुए है, इससे यह प्रतीत होता है कि केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी सरकार है, जबकि दूसरी ओरं कांग्रेस पार्टी ने सदैव किसान हितैषी फैसले लिए है और जब प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार थी, उस दौरान एक कलम से किसानों के 1600 करोड़ के कर्जे माफ करके ऐतिहासिक कदम उठाया था। श्री नागर आज फरीदाबाद से किसान संघर्ष समिति के बैनर तले दिल्ली कूच करने वाले सैकड़ों किसानों को अजरौंदा चौक पर कांग्रेस पार्टी की ओर से समर्थन देने के उपरांत सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर बडखल विधानसभा क्षेत्र के पूर्व कांग्रेसी प्रत्याशी विजय प्रताप, कांग्रेस ओबीसी सैल के प्रदेश चेयरमैन ललित भड़ाना, पूर्व पार्षद जगन डागर मुख्य रूप से मौजूद थे। इस दौरान कांग्रेसी नेताओं ने किसानों के साथ भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश जाहिर किया।
किसानों को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक ललित नागर ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा किसानों पर थोपे गए तीनों कृषि विधेयक किसानों के खिलाफ है, इससे किसानों को कोई लाभ नहीं होने वाला बल्कि इससे किसानों की आर्थिक स्थिति और खराब होगी। उन्होंने कहा कि वह स्वयं एक किसान के बेटे है और किसान की तकलीफ को भली भांति जानते है क्योंकि सरकार की गलत नीतियों के चलते आज खेतीबाड़ी करना मुश्किल हो गया है और ऊपर से सरकार नए-नए कानून किसानों पर थोपकर उसे पूरी तरह से दबाने का काम कर रही है और भाजपा सरकार जो ये तीन कृषि विधेयक लाई है, इसका मुख्य उद्देश्य कार्पाेरेट घरानों को लाभ देने का है, जबकि किसानों को इस विधेयकों से कोई भी लाभ होने वाला नहीं है। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि किसानों के इस आंदोलन में कांग्रेस पार्टी और वह स्वयं पूरी तरह से उनके साथ है और 8 दिसंबर के भारत बंद को सफल बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता सडक़ों पर उतरकर इस गूंगी बहरी मोदी सरकार को तीनों कृषि विधेयकों को वापिस लेने के लिए मजबूर करने में कोई कोर कसर बाकि नहीं छोड़ेंगे। इस अवसर पर कुंवर नरबीर तेवतिया, मास्टर अमीचंद, रतन सिंह सौरोत, उदयराम प्रधान, सुरेंद्र सिंह चौहान, ताराचंद, राजेश आर्य, सतपाल नरवत, गंगाराम नरवत, देवेेंद्र तेवतिया, डब्बू तायल, बबलू हुड्डा, मास्टर महेंद्र चौहान सहित अनेकों किसान मौजूद थे।
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