नई दिल्ली- किसान आंदोलन का आज 10वां दिन है और कई लाख किसान दिल्ली की सीमाओं पर डेरा जमाये बैठे हैं। पंजाब से रोजाना तीन से चार हजार किसान और दिल्ली बार्डर पर पहुँच रहे हैं जहां उनके भोजन का पूरा इंतजाम है। तीनों टाइम लंगर चल रहा है और रोटियां बनाने की कई मशीने लगाईं गईं हैं। बड़े-बड़े पतीलों में लंगर की दाल कई जगहों पर चढ़ी दिख जाती है। किसानों के ट्रकों और ट्रैकटरों में राशन भरा है और हरियाणा के कई जिलों से किसानों के पास राशन भेजा भी जा रहा है।
आज किसान नेताओं की सरकार से पांचवें दौर की बातचीत होनी है। किसानों का कहना है कि अब वो तीनों क़ानून रद्द करवा कर ही वापस लौटेंगे। किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री का पुतला फूंकने की घोषणा की है। साथ ही 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। बार्डर पर कई सिंगर भी पहुंचे हुए हैं। इस आंदोलन से सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर, झड़ौदा बॉर्डर, लामपुर बॉर्डर, औचंदी बॉर्डर, चिल्ला बॉर्डर, सबोली, प्याऊ मनियारी, सफियाबाद, एनएच 44 बंद होने से लोगों को आवाजाही में परेशानी हो रही है। लोगों 20 से 40 किलोमीटर घूमकर ढांसा बॉर्डर, दौराला बॉर्डर, कापसहेड़ा बॉर्डर, रजोकरी, बिजवासन, पालम विहार बॉर्डर, डूंडहेड़ा बॉर्डर बदूसराय बॉर्डर, झटीकरा आदि से आना-जाना कर रहे हैं।
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