नई दिल्ली- दिल्ली की कई सीमायें आज आवाजाही के लिए बन हैं। कहा जा रहा है कि कल सरकार और किसानो में बातचीत का कोई नतीजा न निकलने से उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के और किसान बार्डर पहुँच सकते हैं और किसान अब दिल्ली में घुसने का प्रयास करेंगे। किसान आंदोलन में बिन बुलाये किसानों के पहुँचने की भी खबर है। इस आंदोलन को अब शाहीन बाग़ टू भी कहा जा रहा है। शाहीन बाग़ जाम करने वाले तमाम लोग यहाँ पहुँच रहे हैं। कल पुलिस ने शाहीन बाग़ की दादी को बाहर का रास्ता दिखाया।
दिल्ली को हरियाणा से जोड़ने वाली सिंधु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करने शाहीन बाग के आंदोलनकारी भी पहुंच रहे हैं। पिछले दो दिनों से इसमें बढ़ोतरी हुई है। इन लोगों ने शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में महीनों तक सड़क जाम किया था। मंगलवार को भी सिंधु बॉर्डर पर शाहीन बाग आंदोलन से जुड़ी कनीज फातिमा, तदमीना, रश्मि समेत कई लोग पहुंचे थे। इस आंदोलन में कई दिनों से किसानो के साथ दिख रहे योगेंद्र यादव कल किसान नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्रियों से मिलने विज्ञान भवन जा रहे थे लेकिन उनकी नहीं चली और उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
योगेन्द्र यादव ओमनीपरेजेंट नेता बनता है,जहां भी मोदी विरोधी हैं वहीं पहुँच जाता है,बड़ी मीठी आवाज़ में बोलता है,आज जब मंत्रियों के समूह से 35 किसान संगठनों के नेता विज्ञानभवन में मिलने गये उनमें शामिल होके गया तो इसे ससम्मान धक्के देकर बाहर किया गया
— Gaurav Pradhan 🇮🇳 (@OfficeOfDGP) December 1, 2020
यादव के बारे में कहा जाता है कि जहाँ भी मोदी विरोधी आंदोलन या प्रदर्शन होता है ये वहां तुरंत पहुँच जाते हैं। यही काम भीम आर्मी के रावण और शाहीन बाग़ के कुछ समर्थक करते थे और इस सबके किसान आंदोलन में शामिल होने पर किसान आंदोलन को पलीता लग रहा है। महीनों से इस आंदोलन के लिए किसानों ने बड़ी तैयारी की थी जहाँ ये लोग अपनी राजनीति चमकाने पहुँच गए और किसानों के मंच को हाईजैक करने का प्रयास कर रहे हैं।
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