नई दिल्ली: किसान आंदोलन के 20 दिन हो गए और ऐसा नहीं कि सरकार ने किसानों से बात नहीं की। 6 दौर की बात-चीत में भी बात नहीं बनी। सरकार कुछ मुद्दों पर राजी थी लेकिन किसान नहीं माने। नतीजा किसान अब भीषण सर्दी का सामना कर रहे हैं। किसानों की मौत भी हो रही है। सूत्रों की माने तो कुछ ताकतें चाहती हैं कि आंदोलन जारी रहे और किसान ऐसे मरते रहें ताकि इसका राजनीतिक लाभ उठाया जा सके। किसानों ने विरोध न किया होता तो अब तक शाहीन बाग़ वाले, जामिया गैंग किसानों के बीच होता। किसान नेताओं ने ऐसे लोगों को अपने बीच से भगाया।
सूत्रों की मानें तो किसान नेताओं ने कुछ लोगों को जिम्मेदारी दी है कि ऐसे लोग किसी भी सीमा पर चल रहे आंदोलन में पहुंचें तो इनके पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया जाए। हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह इस बारे में कई बार बयान दे चुके हैं तो उत्तर प्रदेश बार्डर पर जामिया के डफली गैंग को कल भगाया भी गया और अब किसान नेता राकेश टिकैत ने एक टीवी चैनल को बयान देते हुए कहा है कि शाहीन बाग़ या जामिया वाले इस आंदोलन में आएंगे तो उन्हें गोला लाठी देकर यहीं दो घंटे गेर कर रखेंगे। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को शाहीन बाग़-2 नहीं बनने देंगे। उन्होंने टुकड़े गैंग को खुली चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि हम इन पर रात-दिन निगाह रख रहे हैं।
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