नई दिल्ली- कई दिनों से बार्डर पर बैठे लाखों किसान अब तरह-तरह की बातें कर रहे हैं जिसे देखते हुए केंद्र सरकार तुरंत बातचीत के लिए तैयार हो गई है लेकिन किसान नेताओं का कहना है कि सरकार किसान संगठनों में फूट डालने का प्रयास कर रही है इसलिए हम बातचीत में हिस्सा नहीं लेंगे। किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी पंजाब के महासचिव का कहना है कि कल देर रात सरकार से चिट्ठी आई जिसमें पंजाब के 32 किसान संगठनों को बातचीत का न्योता दिया गया। देश के सभी संगठनों को बुलावा नहीं भेजा गया,ये देश के किसानों में फूट डालने वाली बात है। हमने बैठक में नहीं जाने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि बातचीत से पहले प्रधानमंत्री जी ने फैसला सुना दिया है कि हमारे कृषि कानून बहुत बढ़िया हैं तो इस तरह के माहौल में बातचीत का अंदाजा हमें लग गया है। पंजाब किसान संघर्ष समिति के नेता सुखविंदर एस सभरान का कहना है कि सरकार ने केवल 32 समूहों को बातचीत के लिए पत्र भेजा है और बाकी लोगों को नहीं बुलाया है जबकि देश के 500 से ज़्यादा किसानों के समूह यहां मैदान में लड़ रहे हैं।जब तक सभी समूहों को नहीं बुलाया जाएगा तब तक हम बातचीत नहीं करने जाएंगे।
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