नई दिल्ली- दो हफ्ते से जारी किसान आंदोलन के कारण दिल्ली-हरियाणा बार्डर के आस-पास के उद्योगपति काफी परेशान हैं। दो हफ्ते में इन उद्यगपतियो को 2 हजार करोड़ से ज्यादा की चपत लगी है। हरियाणा के सोनीपत जिले में ही तमाम उद्योगपतियों को 19 00 करोड़ का नुक्सान हुआ है जबकि कई अन्य सीमाओं पर किसान डेरा जमाये बैठे हैं और अन्य सीमाओं के आस-पास के उद्योगपतियों को भारी नुक्सान झेलना पड़ रहा है।
इस आंदोलन से तीन हजार से ज्यादा उद्योग प्रभावित हुए हैं। किसान आंदोलन का केंद्र कुंडली होने के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित वहां पड़ रहा है। कारोबारियों का कहना है कि आंदोलन कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा तो उद्योगपति व व्यापारी बर्बादी के कगार पर पहुंच जाएंगे। उद्योगपतियों के मुताबिक़ मार्च में लॉकडाउन के बाद दूसरे राज्यों में वापस गए मजदूर बहुत मुश्किल से वापस लौटे थे जो अब फिर अपने राज्यों में वापस चले गए हैं। उद्योगों में काम ठप्प हो गया है। उद्योगपति सरकार और किसानों के बीच हो रही बातचीत पर नजर रखते है लेकिन अब तक हर बातचीत हुई है जिससे वो बेहद निराश हैं।
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