नई दिल्ली- किसान आंदोलन को लेकर किसान आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं और अब जानकारी मिल रही है कि कल सरकार से होने वाली बातचीत में किसान भाग नहीं लेंगे। किसानों ने एलान किया है कि कल 5 दिसंबर को किसान पीएम मोदी, अडानी, अम्बानी का पुतला दहन करेंगे और 8 दिसंबर को भारत बंद करेंगे। ये आंदोलन अब बड़ा आंदोलन बनता जा रहा है। देश के तमाम वकील किसानों के साथ आ गए हैं जबकि कई कर्मचारी संगठन भी किसानों के साथ ही दिख रहे हैं।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ 8 दिसंबर को भारत बंद बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि कल सरकार के साथ होनी वाली बैठक में हम जाएंगे। भारतीय किसान यूनियन के महासचिव, एचएस लखोवाल ने कहा कि कल की बैठक में हमने सरकार से कहा कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। 5 दिसंबर को देशभर में पीएम मोदी के पुतले जलाए जाएंगे. हमने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है।
इस आंदोलन के समर्थन में अब बिहार के किसान भी सड़क पर दिख सकते हैं। राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव का कहना है एग्रीकल्चर सेक्टर को भी प्राइवेट हाथों में सौंपा जा रहा है। हम सब लोगों ने नोटबंदी और GST को भी देखा है, ये सरकार हमेशा आकर कहती है कि फायदे के लिए है लेकिन जब चार-पांच सालों के बाद फायदा पूछा जाता है तो कहने की स्थिति में नहीं होती और मुद्दे से भटकाती है। उन्होंने कहा कि हम बिहार के किसानों और बिहार के संगठनों से अपील करते हैं कि एकजुट होकर सड़कों पर आएं और इस आंदोलन को मज़बूत करें। कल हमारी पार्टी के लोगों ने पटना के गांधी मैदान में 10 बजे से धरना प्रदर्शन करने का फैसला लिया है।
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