नई दिल्ली- 16 दिनों से सर्दी में सड़क पर बैठे लाखों किसानों की मेहनत पर टुकड़े-गैंग के लोग और अर्बन नक्सलियों के समर्थक पानी फेरते दिख रहे हैं। कहा जा रहा है कि अर्बन नक्सलियों ने आंदोलन को हाईजैक कर लिया है। कल जिस तरह टिकरी बॉर्डर पर राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार शरजील इमाम, उमर खालिद समेत कई आरोपियों के पोस्टर और उनकी रिहाई की मांग की गई और उनके वीडियो औरतस्वीरें वायरल हो रही है और कुछ किसान नेताओं का कहना है कि इन्हें रिहा किया जाना चाहिए इस केंद्र सरकार ने किसानों के इस मांग पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने टिकरी बॉर्डर पर शरजील इमाम के पोस्टर का मसला उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि एमएसपी, एएमपीसी और अन्य मुद्दे किसानों से संबंधित हैं। लेकिन ये पोस्टर किसान का मुद्दा कैसे हो सकते हैं। यह खतरनाक है और यूनियनों को इससे खुद को दूर रखना चाहिए। यह सिर्फ मुद्दों को हटाने और विचलित करने के लिए है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान यूनियन के साथ छह दौर की बातचीत हुई। सरकार का लगातार आग्रह था कि कानून के वो कौन से प्रावधान हैं जिन पर किसान को आपत्ति है, कई दौर की बातचीत में ये संभव नहीं हो सका।
उन्होंने कहा कि मैं किसान यूनियन के लोगों को कहना चाहता हूं कि उन्हें गतिरोध तोड़ना चाहिए। सरकार ने आगे बढ़कर प्रस्ताव दिया है, सरकार ने उनकी मांगों का समाधान करने के लिए प्रस्ताव भेजा है। किसी भी कानून में प्रावधान पर आपत्ति होती है, प्रावधान पर ही चर्चा होती है। प्रस्ताव में हमने उनकी आपत्तियों का निराकरण करने की कोशिश की है। उन्हें आंदोलन समाप्त करके वार्ता का रास्ता अपनाना चाहिए। सोशल
कल के पोस्टरों से किसान आंदोलन समर्थक भी हैरान हैं जिनका कहना है कि ऐसे लोग आंदोलन पर पानी फेर रहे है और शायद यही लोग हैं जिनके कारण सर्कार और किसानों में बात नहीं बन रही है। इन लोगों के मंसूबे कुछ और हैं। इन लोगों को जल्द अपने बीच से भगाएं किसान वरना गई भैंस पानी में।
आपको बता दें कि मानवाधिकार दिवस के मौके पर टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान किसानों के मंच पर एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें उमर खालिद, शरजील इमाम, गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव समेत अन्य लोगों की रिहाई की मांग की गई थी। देखें सोशल मीडिया पर लोगो का क्या कहना है।
किसान आंदोलन हाईजैक हो चुका है !टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में नक्सलियों के पोस्टर बैनर और खालिस्तान के नारे ?????????? pic.twitter.com/vmDqvpgCjZ— आर.एन.सिंह (@RNSINGH0333) December 11, 2020
किसान आंदोलन में दिल्ली दंगों के मास्टरमाइंड शरजील इमाम और उमर खालिद के पोस्टर!जो देश को "खाना" चाहते हों वो अन्नदाता नहीं आतंकी ही हो सकता हैं!सिक्खों को फ्री में खाना काजू-बादाम किशमिश खिला रहे थे....समझ तो तभी जाना चाहिए था की दाल में काला हैं! pic.twitter.com/wOB24pcBBG— N K khaitan (@khaitan48) December 10, 2020
"अफ़ज़ल हम शर्मिंदा है तेरे कातिल ज़िंदा है" कहने और दिल्ही हिंसा भड़काने वाले 'उमर खालिद' और "आसाम को भारत से काटने" की बात करनेवाले 'शर्जील इमाम' जिन दोनों पर देशद्रोह का आरोप है। किसान आंदोलन में इनको रिहा करने के पोस्टर लगे है। देश का किसान कभी देशद्रोहियो का समर्थन नही करता। pic.twitter.com/V369wvxZhj
— Uday makwana 🇮🇳 (@udaymakwana_07) December 11, 2020
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