चंडीगढ़, 10 दिसंबर- हरियाणा पुलिस ने एक बार फिर उत्कृष्ट पुलिसिंग का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए दो गुमशुदा बच्चों को तलाश कर उन्हें उनके परिजनों को सौंपा है।
हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि अपराध शाखा की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) ने दोनों नाबालिग बच्चों को मुंबई से बरामद कर उन्हें उनके माता-पिता को सौंप दिया। एक बच्चा निज़ामुद्दीन (दिल्ली) से और दूसरा फ़रकपुर (यमुनानगर) से लापता था।
यमुनानगर से लापता 14 वर्षीय राजू तथा दिल्ली में अपने परिजनों से अलग हुआ 10 साल का नीलू (काल्पनिक नाम) मुंबई में अलग-अलग स्थान पर रह रहे थे। इनकी गुमशुदगी की सूचना मिलने पर कुछ सुराग जुटाते हुए एएचटीयू की टीम द्वारा बच्चों का पता लगाकर उनके परिवारों के साथ पुनः मिलवाने के लिए विशेष प्रयास किए गए। हरियाणा और महाराष्ट्र पुलिस के समन्वित प्रयासों से दोनों बच्चों को वापस लाया गया और उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया। दोनों नाबालिगों को संबंधित बाल कल्याण समिति के माध्यम से उनके परिवारों को सौंपा गया।
राजू यमुनानगर से पिछले लगभग डेढ़ साल से लापता था। वह डेविड सुसून औद्योगिक स्कूल, माटुंगा, मुंबई में रह रहा था, जबकि नीलू मुंबई के दादर में एक शेल्टर होम में रह रहा था।
माता-पिता को यह जानकारी मिलने के बाद कि उनके लापता बच्चों का पता चल गया है, वे बिना एक पल गंवाए बच्चों की कस्टडी लेने के लिए आए। वीडियो-कॉलिंग के माध्यम से बच्चों व माता-पिता की पहचान करवाई गई और कानूनी प्रक्रियाओं के बाद राजू को 7 दिसंबर, 2020 को माता-पिता को सौंप दिया गया, जबकि नीलू को 8 दिसंबर, 2020 को परिवार के सुपुर्द किया गया।
डीजीपी ने की नेक कार्य की सराहना
डीजीपी हरियाणा मनोज यादव ने एएचटीयू की समस्त टीम की सराहना करते हुए कहा कि एएचटीयू के साथ-साथ हमारी अन्य फील्ड इकाइयाँ लापता बच्चों का पता लगाकर उन्हें उनके माता-पिता से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इससे पहले भी अनेक बच्चों को ढूंढकर उनके परिजनों से मिलाया जा चुका है, जो लंबे समय से गायब थे।
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