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27 दिसंबर को होंगे तीनों नगर निगमों के चुनाव, 22 लाख खर्च कर सकते हैं मेयर के उम्मीदवार 

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 चंडीगढ़, 3 दिसंबर- हरियाणा के राज्य चुनाव आयुक्त डॉ. दलीप सिंह ने आज प्रैस कान्फ्रैंस में बताया कि प्रदेश के नगर निकायों के चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और शान्तिपूर्ण ढ़ंग से करवाने के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। संवेदनशील और अति संवदेनशील क्षेत्रों में बनाए जाने वाले मतदान केन्द्रों पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा।

उन्होंने आगे जानकारी दी कि नगर निगम के महापौर एवं सदस्यों और नगर परिषद/कमेटी के अध्यक्ष एवं सदस्यों का चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों की खर्च सीमा संशोधित की गई है। अब महापौर के उम्मीदवार के लिए 20 लाख से बढ़ाकर 22 लाख, सदस्य के लिए 5 लाख से बढ़ाकर साढ़े 5 लाख तथा नगर परिषद के सदस्य के लिए 3 लाख से बढ़ाकर 3.30 लाख व कमेटी के सदस्य के लिए 2 लाख से बढ़ाकर 2.25 लाख रूपए चुनावी खर्च की सीमा तय की गई है। नगरपरिषद व नगरपालिका के अध्यक्ष का चुनाव पहली बार सीधा मतदाताओं द्वारा किया जाएगा, इसलिए उनकी चुनाव खर्च की सीमा क्रमश: 15 लाख व 10 लाख रूपए निर्धारित की गई है।

 उन्होंने बताया कि सभी उम्मीदवार अपने चुनावी-खर्च का लेखा बनाकर रखेंगे और चुनाव का परिणाम घोषित होने के 30 दिनों के भीतर उसे उपायुक्त या राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्राधिकृत अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे। ऐसा न करने पर वह उम्मीदवार 5 वर्षों के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।

 डॉ. दलीप सिंह ने जानकारी दी कि चुनावी खर्च का विवरण निर्धारित समय के भीतर प्रस्तुत न करने पर नगरपालिकाओं के पिछले आम चुनाव के बाद (सोनीपत को छोडकऱ) कुल 122 चुनावी उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित किया जा चुका है।

 उन्होंने यह भी बताया कि नगर निकायों के चुनावों का संचालन ईवीएम के माध्यम से किया जाएगा। चुनावी उम्मीदवार का प्रिंट फोटोग्राफ बैलेट पेपर पर तथा अन्य ब्यौरे के साथ ईवीएम की बैलेटिंग यूनिट पर प्रदर्शित होगा। महापौर और अध्यक्ष के लिए बैलेट पेपर गुुलाबी रंग के और वार्ड के सदस्यों के लिए सफेद रंग के होंगे।

राज्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इन चुनावों में भी ‘नोटा’ के विकल्प का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि चुनाव परिणाम घोषित करने से पहले ‘नोटा’ एक ‘काल्पनिक चुनावी उम्मीदवार’ के रूप में समझा जाता है। यदि किसी निर्वाचन में चुनाव लडऩे वाले सभी उम्मीदवार व्यक्तिगत रूप से ‘नोटा’ से कम वोट प्राप्त करते हैं तब चुनाव लडऩे वाले किसी भी उम्मीदवार को निर्वाचित घोषित नहीं किया जाएगा। ‘नोटा’ और चुनाव लडऩे वाला उम्मीदवार सबसे ज्यादा या बराबर वैध वोट प्राप्त करते हैं, ऐसी स्थिति में चुनाव लडऩे वाला उम्मीदवार (न कि ‘नोटा’) निर्वाचित घोषित किया जाएगा।

उन्होंने आगे बताया कि नए चुनाव में ऐसा कोई भी उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल करने के योग्य नहीं होगा, यदि उसने कुल वोट पहले चुनाव में ‘नोटा’ के मुकाबले कम प्राप्त किए हैं। ‘नोटा’ दुबारा उच्चतम वोट प्राप्त करता है तो दूसरी बार चुनाव नहीं करवाया जाएगा और उच्चतम वोट प्राप्त करने वाले उम्मीदवार (‘नोटा’ को छोडक़र) को निर्वाचित उम्मीदवार के रूप में घोषित कर दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इन चुनावों के संबंध में आदर्श आचार संहिता आज से ही प्रभावी हो गई है। चुनावी कार्य से संबंद्ध किसी भी अधिकारी/कर्मचारी का स्थानान्तरण चुनावी प्रक्रिया सम्पन्न होने तक नहीं किया जाएगा।

 डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगर निगम अम्बाला, पंचकूला और सोनीपत और नगर परिषद रेवाड़ी में चुनाव, खर्च और पुलिस पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा, ई-डैशबोर्ड पर भी उम्मीदवार के विवरण, नामांकन, परिणाम इत्यादि से संबंधित सूचना वेबसाईट पर उपलब्ध होगी।

राज्य चुनाव आयुक्त डॉ. दलीप सिंह ने कोविड-19 की हिदायतों के बारे में विशेष जानकारी देते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद से गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राज्य सरकारों द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों को राज्य निर्वाचन आयोग, हरियाणा ने सभी उपायुक्तों को दृढ़ता से अनुपालना हेतु भेजे हैं।   उन्होंने बताया कि मतदान से एक दिन पहले सभी मतदान केन्द्रों को सैनेटाइज किया जाएगा। वोट डालने के लिए आने वाले मतदाताओं और चुनावी गतिविधियों में शामिल प्रत्येक व्यक्ति फेस-मास्क पहनेगा। ऐसे मतदाता जो कि मास्क साथ लेकर नहीं आएंगे  उनको मतदान केन्द्र के प्रवेश-बिन्दू पर ही फेस-मास्क प्रदान किया जाएगा व थर्मल स्कैनिंग की जाएगी। बूथ के बाहर मतदाताओं के प्रयोग हेतु सैनेटाइजर रखा जाएगा।    मतदान केन्द्रों पर सैनेटाइजर, साबुन और पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। रजिस्टर में हस्ताक्षर और ईवीएम का बटन दबाने हेतु मतदाताओं को हाथों के दस्ताने उपलब्ध करवाए जाएंगे। कोविड-19 के रोगी तथा लक्षणों वाले मतदाताओं को स्वास्थ्य प्राधिकारियों की देखरेख में मतदान के अंतिम घंटे में वोट डालने की अनुमति दी जाएगी। सैक्टर मैजिस्ट्रेट अपने आवंटित मतदान केन्द्रों पर इसका समन्वय करेंगे।

  उन्होंने बताया कि उपायुक्तों को स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आम जनता की सुरक्षा के लिए कोई अन्य दिशा-निर्देश जारी करने के लिए भी प्राधिकृत किया गया है। 

 डॉ. सिंह ने सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नगर निकायों के चुनाव में अवश्य भाग लें।

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