कुरुक्षेत्र राकेश शर्मा- भूतपूर्व विधायक एसोसिएशन हरियाणा ने किसान आंदोलन का सर्वसम्मति से समर्थन करते हुए 21 दिसंबर सोमवार को सिंघू बॉर्डर पर किसानों के धरने में शामिल होने का निर्णय लिया है। स्थानीय पंजाबी धर्मशाला में एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक प्रधान नफे सिंह राठी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि एसोसिएशन धरने पर बैठे किसानों की जरूरत का सामान भी उपलब्ध करवाएगी। मजेदार बात तो यह है कि बैठक में भाजपा और जजपा से संबंधित पूर्व विधायक भी शामिल हुए और उन्होने भी सर्व सम्मति से हुए इस निर्णय पर मुहर लगाई। बैठक में किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों व संत रामसिंह को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। बैठक में आंदोलन के दौरान मृतक किसानों को शहीद का दर्जा देने, उनके परिजनों को 50-50 लाख रूपए की आर्थिक सहायता देने व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग भी सरकार से की गई। बैठक में एसोसिएशन के संयोजक अशोक अरोड़ा, महासचिव रामबीर पटोदी(जजपा), उपाध्यक्ष विजेंद्र कादियान बिल्लू, नरेश कादियान, डा. एमएल रंगा, रमेश गुप्ता, कुलवंत बाजीगर(भाजपा), रणसिंह मान, रणबीर चंदोला, साहब सिंह सैनी(भाजपा), गुरदयाल सिंह सैनी(भाजपा), रामपाल माजरा(भाजपा), बनारसी दास, अजीत सिंह कादियान, श्याम सिंह राणा, जोगीराम, सुलतान सिंह जडोला, भाग सिंह छातर, धर्मपाल ओबरा, रणबीर मंडोला, सूबे सिंह पूनिया, नरेश यादव, अनिल धंतौड़ी, परमिंद्र ढूल, बलबीर बाली, दील्लूराम बाजीगर सहित सभी राजनैतिक दलों के पूर्व विधायक शामिल हुए।
बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए प्रधान नफे सिंह राठी ने कहा कि सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से मांग की गई है कि वह आंदोलनरत किसानों की मांगें तुरंत स्वीकार करें। आज देश का अन्नदाता अपनी मांगों के लिए कडकती ठंड में सड़कों पर पडा हुआ है। इतना ही नहीं वृद्ध, बच्चे और महिलाएं भी कडाके की सर्दी में सड़कों पर डेरा डाले हुए है लेकिन केंद्र सरकार निर्दयी बनी हुई है। राठी ने बताया कि एसोसिएशन में लगभग 275 सदस्य हैं सभी सदस्य पैसे एकत्रित कर आंदोलनरत किसानों के लिए जरूरी सामान पहुंचाएंगें। 21 दिसंबर को सिंघू बार्डर पर धरने में शामिल होकर विभिन्न किसान संगठनों से वार्तालाप करेंगें। उन्होने कहा कि एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से किसान आंदोलन को समर्थन देने का निर्णय लिया है।
एसोसिएशन के संयोजक व पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों बिल किसानों के लिए ही नही बल्कि देश के आम व गरीब आदमी के लिए भी नुकसान दायक हैं। उन्होने आरोप लगाया कि भाजपा किसानों में फूट डालने के लिए एसवाईएल का मुद्दा उठा रही है जबकि पिछले चार सालों से भाजपा नेता इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में एसवाईएल को लेकर प्रधानमंत्री से मिलने का फैसला हुआ था लेकिन आज तक मुख्यमंत्री सर्वदलीय शिष्टमंडल को प्रधानमंत्री से मिलने का समय नही दिलवा सके। उन्होने कहा कि एसोसिएशन ने राजनीति से उपर उठकर किसान आंदोलन का तन-मन-धन से समर्थन करने का निर्णय लिया है। भाजपा एसवाईएल के मुद्दे पर किसानों का आंदोलन से ध्यान भटकाने के लिए ड्रामा कर रही है जबकि असलियत यह है कि भाजपा को हरियाणा के हितों से कोई सरोकार नही है।
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