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हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए ये अहम् फैसले 

Haryana-Cabinet-Meeting
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चंडीगढ़ 23 दिसंबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में हरियाणा शहरी क्षेत्रों का विकास और विनियमन अधिनियम, 1975 और नियम 1976-लाइसेंस का माइग्रेशन आदि, में संशोधन के सम्बन्ध में एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।

लाइसेंस के माइग्रेशन के सम्बन्ध में 1975 के अधिनियम और 1976 के नियमों के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, कोई लाइसेंसधारक लाइसेंस की अलग श्रेणी, जहां ईडीसी/आईडीसी की दरें कम हैं, में माइग्रेट करने से पहले या तो अनुसूची के अनुसार  बकाया ईडीसी/आईडीसी की पूरी राशि जमा करवाता है या ईडीसी/आईडीसी की पर्याप्त राशि का भुगतान करता है तो उसे नुकसान होता है क्योंकि मौजूदा लाइसेंस में ईडीसी /आईडीसी के समक्ष किए गए पूरे अतिरिक्त भुगतान को जब्त कर लिया जाता है। 

 यह प्रक्रिया कानून का पालने करने वाले  लाइसेंसधारक से भेदभाव करती है और एक डिफ़ॉल्टर लाइसेंसधारक के पक्ष में है। इसलिए, हरियाणा शहरी क्षेत्रों का विकास और विनियमन अधिनियम, 1975 की धारा 3 के तीसरे परन्तुक और नियम 1976 के नियम-17-क(2) और 17-क(3) के साथ-साथ मौजूदा प्रावधानों में संशोधन करने का प्रस्ताव है।

संशोधन के अनुसार, अब लाइसेंस के माइग्रेशन के मामले में कॉलोनाइजर को भुगतान की तारीख तक अर्जित ब्याज के साथ बकाया नवीकरण शुल्क का भुगतान करना होगा। हालाँकि, माइग्रेशन के तहत क्षेत्र के लिए लाइसेंस शुल्क, राज्य अवसंरचना विकास शुल्क, कन्वर्जन चार्जेज और बाहरी विकास शुल्क, जिसमें भुगतान किया गया ब्याज भी शामिल है, को समायोजित किया जा सकता है। यह सबसे पहले माइग्रेशन पर दिए जा रहे लाइसेंस में और बकाया उसी डेवलपर / कॉलोनाइजर के किसी अन्य लाइसेंस में समायोजित किया जा सकता है। इसके अलावा, यदि समायोजन के बाद भी कुछ शेष बचता है, तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।

 नियम 17-क (2) में संशोधन के अनुसार, माइग्रेशन के तहत क्षेत्र के लिए लाइसेंस शुल्क, राज्य अवसंरचना विकास शुल्क, कन्वर्जन चार्जेज और बाहरी विकास शुल्क, जिसमें भुगतान किया गया ब्याज भी शामिल है, को समायोजित किया जा सकता है। यह सबसे पहले यह माइग्रेशन पर दिए जा रहे नए लाइसेंस के समक्ष और बकाया उसी डेवलपर/कॉलोनाइजर के किसी अन्य लाइसेंस में समायोजित किया जा सकता है। इसके अलावा, यदि समायोजन के बाद भी कुछ शेष बचता है, तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।

डेवलपर/कॉलोनाइजर मौजूदा लाइसेंस, जहां से वह माइग्रेट करना चाहता है, पर बाहरी विकास शुल्क और राज्य अवसंरचना विकास प्रभार पर बकाया ब्याज राशि जमा करवाने के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।

  नियम 17-क (3) में संशोधन के अनुसार, माइग्रेशन के बाद प्रदान किए जाने वाले नए लाइसेंस के लिए, सभी शुल्क और अधिभार वर्तमान दरों पर वसूल किए जाएंगे। डेवलपर/कॉलोनाइजर द्वारा पहले जमा करवाई गई राशि पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा।

हरियाणा मंत्रिमण्डल बैठक के मुख्य-मुख्य बिन्दु

 सहायक आयुक्त, अतिरिक्त सहायक आयुक्त और हरियाणा में अतिरिक्त सहायक आयुक्तों के पदों के उम्मीदवारों के लिए नियम-1 और 9 में संषोधन का अनुमोदन।


·       अब नियम-1 के तहत इन पदों के लिए विभागीय परीक्षा साल में तीन बार होगी।


·       नियम-9 के अनुसार उम्मीदवार को देवनागरी लिपि में हिन्दी में कम से कम आधे अंक प्राप्त करने होंगे।  


·       सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए सरकारी भूमि के अंतर-विभागीय हस्तांतरण संबधित विधियों की रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान करना।


·       एक सरकारी विभाग से दूसरे सरकारी विभाग को, विभिन्न सरकारी बोर्डों एवं निगमों, नगर निगमों/ परिषदों/ समितियों और जिला परिशदों एवं खंड समितियों सहित ग्राम पंचायतों को सरकारी भूमि के हस्तांतरण तथा भूमि के हस्तांतरण से संबधित मामलों की जांच करने और रिपोर्ट प्रशित करने के लिए 17 फरवरी, 2020 को 4 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था।  


·       करनाल, पानीपत और शाहबाद चीनी मिलों में नये चीनी संयंत्र व सह-उत्पादन संयंत्र और एथनॉल प्लांट स्थापित करने के लिए 235 करोड़ रुपये के सावधि ऋण के लिए राज्य सरकार की गारण्टी का अनुमोदन।


·       केबिनेट ने गांव डाहर जिला पानीपत में 28 मेगावॉट सह-उत्पादन संयंत्र के साथ प्रतिदिन 5,000 टन गन्ना पिराई क्षमता की चीनी मिल का अनुमोदन किया। इसका विस्तार प्रतिदिन 7,500 टन गन्ना पिराई क्षमता तक किया जाएगा। 


·       इसी प्रकार करनाल में 18 मेगावॉट सह-उत्पादन संयंत्र के साथ प्रतिदिन 3,500 टन गन्ना पिराई क्षमता की चीनी मिल का अनुमोदन किया। इसका विस्तार प्रतिदिन 5,000 टन गन्ना पिराई क्षमता तक किया जाएगा। 


·       शाहबाद चीनी मिल में प्रतिदिन 60 किलो लिटर क्षमता के एथनॉल प्लांट का अनुमोदन।


·       जिला रेवाड़ी में ज्वारा-गोदाना सडक़ (हेली मण्डी-पालावास सडक़) पर 9.500 कि.मी. पर नये टोल प्वाइंट की स्थापना का अनुमोदन।        


·       वन विभाग को सडक़ों से दूर लोक निर्माण विभाग की 30.85 हैक्टेयर सरप्लस भूमि के हस्तांतरण का अनुमोदन।


·       दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड को ऋण सुविधाओं की अनुमति के लिए वाणिज्यिक बैंकों के पक्ष में 900 करोड़ रुपये की राज्य सरकार द्वारा गारण्टी प्रदान करना।


·       गांव चांदपुरा जिला अम्बाला में राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज एवं अस्पताल की स्थापना के लिए आयुश विभाग को नगर परिषद, अम्बाला सदर की 61 कनाल 13 मरला भूमि के हस्तांतरण करने का अनुमोदन।  


·       यह भूमि वर्तमान कलेक्टर रेट 44 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर पर दी जाएगी और इस पर 120 रुपये प्रति वर्ग गज विकास शुल्क अतिरिक्त लिया जाएगा। 


·       29 गांवों को मिलाकर मानेसर नगर-निगम की स्थापना। इसका क्षेत्र 124.32 वर्ग कि.मी. होगा।


·       सीनियर मेडिकल ऑफिसर के कुल पदों में से 25 प्रतिषत पदों की एच.पी.एस.सी. की बजाय स्वास्थ्य विभाग स्वयं भर्ती करेगा। (116 पद खाली हैं)।


·       हरियाणा योग परिषद को हरियाणा योग आयोग बनाने का निर्णय।


·       बिजली खपत पर पंचायतों के लिए पंचायत टैक्स लगाना (2 प्रतिशत)।


·       पंचायतों को 100-125 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।


·       कृषि उपभोक्ताओं पर यह लागू नहीं होगा।


·       राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम को राज्य सरकार की ब्लॉक गारण्टी लिमिट 15 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने का अनुमोदन।


·       इससे वर्ष 2020-21 की वार्शिक कार्य योजना के अनुसार 1100 लाभार्थियों को ऋण मिल सकेगा।


·       राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त निगम को राज्य सरकार की ब्लॉक गारण्टी लिमिट 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये करने का अनुमोदन।


·       इसका उद्देश्य राज्य में सफाई कर्मचारियों को सामाजिक-आर्थिक लाभों का पैकेज प्रदान करना है।  


·       रीजनल रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर बनाने का अनुमोदन।


·       केबिनेट ने परियोजना लागत में हरियाणा के हिस्से की 4,699 करोड़ रुपये की राशि का अनुमोदन किया है।


·       इस कॉरिडोर की लम्बाई 103.02 कि.मी. होगी। 


·       इसमें 17 स्टेशन बनेंगे, जिनमें से 11 हरियाणा तथा 6 दिल्ली में होंगे।


·       इसका निर्माण दो चरणों में होगा। पहले चरण में सराय कालेखां से मुरथल (सोनीपत) तक 58.28 कि.मी. लम्बा कॉरिडोर बनेगा।


·       दूसरे चरण में मुरथल से पानीपत तक 44.74 कि.मी. लम्बे कॉरिडोर का निर्माण होगा।


·       दिल्ली सरकार से अनुमोदन के पश्चात बाद में इसे करनाल तक बढाया जाएगा।


·       हरियाणा विकास एवं विनियमन, शहरी क्षेत्र अधिनियम-1975 और नियम-1976- लाइसेंस का माइग्रेशन में संशोधन का अनुमोदन।


·       इस संशोधन के अनुसार अब लाइसेंस का माइग्रेषन करवाते समय लाइसेंसधारी अपनी बकाया नवीकरण शुल्क भुगतान की तिथि तक ब्याज सहित देगा।


·       लेकिन जिस क्षेत्र से माइग्रेशन करवाया जाता है, उसकी लाइसेंस फीस, राज्य इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास शुल्क, परिवर्तन शुल्क और बाहरी विकास शुल्क तथा उन पर दिया गया ब्याज उसमें समायोजित किया जाएगा। समायोजन के बाद भी कोई राशि बचती है तो उसे जब्त समझा जाएगा। 


·       हरियाणा विकास एवं विनियमन, शहरी क्षेत्र अधिनियम-1975 की धारा 9-ए के तहत अधिसूचित वहनीय आवास नीति-2013 में संशोधन।


·       इसके तहत न्यूनतम भूमि सीमा, परियोजना भूमि सीमा में परिवर्तन और वाणिज्यिक घटक व पार्किंग प्रावधान में बढ़ोतरी का अनुमोदन।         


·       संशोधन के अनुसार परियोजना की अधिकतम भूमि सीमा 10 एकड़ से 30 एकड़ तक बढ़ाई गई है तथा न्यूनतम भूमि सीमा 5 एकड़ से कम करके 4 एकड़ की गई है।


·       लेकिन न्यूनतम भूमि 4 एकड़ होने के बावजूद कॉलोनाइजर को 5 एकड़ में निर्धारित मापदण्डों के अनुसार सामुदायिक भवन का निर्माण करना अनिवार्य होगा।


·       अब वाणिज्यिक क्षेत्र Net Planned Area 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर दिया गया है

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