नई दिल्ली- 33 दिन से लाखों किसान दिल्ली की कई सीमाओं पर सड़कों पर बैठे हैं। किसानों को डर है कि ये आंदोलन कहीं राजनीति की भेंट न चढ़ जाए क्यू कि कई तथाकथित लोग इस आंदोलन में राजनीति चमकाते देखे जा रहे हैं। उन्हें लाखों किसानों का एक मंच मिला है जिसका वो फायदा उठाना चाहते हैं। आज सुबह भारतीय किसान युनियन के हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने कहा कि किसान अपने घरों और वाहनों पर युनियन का झंडा लगाएं। उन्होंने कहा कि झंडा कैसे होना चाहिए इस बारे में वो बता देंगे।
इसके बाद गुरनाम सिंह चढूनी ने एक झंडा फेसबुक पर पोस्ट कर लिखा कि भारतीय किसान यूनियन के सभी साथी इस डिजाइन के झंडे बनवाये और अपने घरों व वाहनों पर लगाएं। इस झंडे पर चढूनी का नाम लिखा देख अब उन पर भी सवाल उठने लगे हैं। लोगों का कहना है कि चढूनी अपना नाम चमकाने में जुटे हैं। जैसे अन्ना आंदोलन में अन्ना चमके और दो बड़े नेता पैदा हुए। एक दिल्ली के सीएम तो एक राज्यपाल की पद पर हैं। उनकी पोस्ट पर अधिकतर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं जिनमे लोगों का कहना है कि एक दो प्रक्रियाएं पढ़ें
अपना नाम चमकाने की जरूरत नही है चढूनी जी ।।😏😏😏😏
सिर्फ किसान यूनियन ही ठीक है,क्योंकि ये आंदोलन सारे देश का है किसी व्यक्ति विशेष या गाँव का नही ।। 🤘🤘🤘
ये नाम लिखने वाली बात ठीक नहीं लगी चढ़ूनी साब। आँदोलन से बड़ा कोई व्यक्ति नहीं होता। आज तक जितने आँदोलन फैल हुए वो व्यक्ति विशेष के बड़ा बनने के कारण। ये आँदोलन सबका है किसी व्यक्ति विशेष का नहीं। ''भारतीय किसान यूनियन, हरियाणा'' ही सबसे बेहतर है और प्रदेश के सभी किसान ईस झँडे तले एक साथ इकट्ठा हैं। बाकी रही बात किसानी संघर्ष की तो उसमें हम आपके साथ हैं। किसान एकता जिन्दाबाद 🙌
किसान यूनियन को घर की युनियन मत बनाए भारतीय किसान युनियन है सही कहीं टिकैत का बयान कहीं चढुनी लिखने का बयान इस से किसानो मे फुट होगीऔर सरकार की मनसा पुरी हो जायेगी भारतीय किसान युनियन ठीक है इसे युहीं रहने दो सम्मान सब किसान नेताओं का सरमाथे।
जहा भी सामुहिक प्रयास के बीच मे म आ जाता है तो ये मुहिम को असल मुद्दे से भटका देता है ,, ,, आप का ये चढूनी शब्द को बता रहा है कि आपका भी मकसद वही है जो लोकपाल आन्दोलन मे कुछ लोगो का था ,एक मुख्यमंत्री बना , एक को राज्यपाल कि जगह मिल गई ,,
अगर आप का कोई निजी हित है तो आप किसानो का प्रयोग न करे ,, और अगर आप सच्चे मन से किसान हित कि सोचते है तो ये शब्द हटाए और जनता को सपसटिकरण दे ।।
पहले अपना नाम हटाओ उसके बाद होगा यह काम अपनी राजनीति क्यों चमका रहे हो क्यों बोले वाले किसानों को पागल बना रखा है सच्चा किसान हितेषी अपना नाम इस्तेमाल नहीं करेगा अब आप किसान आंदोलन को भटका रहे हो और अपना नाम चमका रहे हो
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