फरीदाबाद - पिछले कुछ वर्षों से देखा जा रहा है कि फरीदाबाद में बड़े अपराध करने वाले बदमाश ज्यादा समय तक चैन की सांस नहीं ले पास रहे हैं और क्राइम ब्रांच उन्हें फटाफट दबोच जेल भेज देती है। एक दिन पहले लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के नेता मनोज भाटी की हत्या हुई और क्राइम ब्रांच ने फटाफट चार बदमाशों को दबोच लिया। पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने हत्या वाले दिन ही इशारा कर दिया था कि हत्यारे ज्यादा समय तक चैन की सांस नहीं ले पाएंगे। क्राइम ब्रांच सेक्टर 30 ने चार बदमाशों को फटाफट दबोच भी लिया।
फरीदाबाद की बात करें तो जिले में गिनती के दो दर्जन के आस-पास बड़े बदमाश हैं और इनमे से तमाम बदमाशों को दो-तीन महीने के अंदर दबोचकर जेल भेजा जा चुका है। क्राइम ब्रांच सेक्टर 30 के प्रभारी इंस्पेक्टर विमल कुमार और क्राइम ब्रांच सेक्टर 17 के प्रभारी इंस्पेक्टर संदीप मोर ने हाल में फैक्चर गैंग के सभी बदमाशों को दबोचकर जेल भेज दिया। कुछ बदमाश शहर में उत्पात अब भी मचा रहे हैं जो क्राइम ब्रांच के निशाने पर आ गए हैं और संभव है जल्द वो भी सलाखों के पीछे होंगे।
पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह की सोंच है कि जिले की जनता को छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं। बदमाशी या बदमाशों की उम्र लंबी नहीं होती और फरीदाबाद ही नहीं देश में जितने भी बदमाशों ने तांडव मचाया उनमे से 98 फीसदी या तो पुलिस के हांथों मारे गए या अपने ही गैंग का शिकार हो गए।
फरीदाबाद की बात करें तो लगभग तीन दशकों में जितने भी बड़े बदमाश सामने आये वो सब इस दुनिया में नहीं हैं, अपने पीछे अपना रोता विलखता परिवार छोड़ गए। अपने बच्चों को अनाथ कर गए। जो समय से सुधर गए और बदमाशी से तोबा कर लिया वही जिन्दा बचे हैं।
पुलिस कमिशनर ओपी सिंह की सोंच है कि युवा इस रास्ते पर न चलें। ये रास्ता उन्हें मौत की तरफ ले जाता है। कई अन्य तरह के काम धंधे हैं जिन्हे कर अच्छा खासा पैसा कमाया जा सकता है। नोटबंदी के दौरान देश के कई ऐसे लोग भी सामने आये जो रेहड़ी लगाकर साल में करोड़ों कमा रहे थे।
पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह का कहना है कि अगर आप शहर में गलत काम करते हैं तो हमारी क्राइम ब्रांच आपके लिए ही है और बदमाश 10-20 हैं तो क्राइम ब्रांच में स्टाफ की संख्या सैकड़ों में है। इसलिए गलत काम करोगे तो जेल को ही अपना ठिकाना समझो और आजीवन वहीं रहोगे। अपने परिवार, अपने बच्चों के बारे में सोंचो, आपके जेल जाने पर आपके बच्चे खून के आंसू रोते हैं। आपके बुजुर्ग माता-पिता भी विलखते हैं और समय से पहले उनका दिल काम करना बंद कर देता है और ह्रदय गति रुकने से उनकी असमय मौत हो जाती है।
बदमाश किसी की हत्या करते हैं,किसी का हाथ पांव तोड़ते हैं उस समय कुछ नहीं सोंचते हैं जबकि बदमाश उस समय किसी और नहीं अपने परिवार के सपनों की हत्या करते हैं, अपने बच्चों के अरमान मिट्टी में मिलाते हैं। अपने बुजुर्ग माता-पिता से बुढ़ापे की लाठी छीन उन्हें असमय मौत के मुँह में धकेल देते हैं। अपने अन्य परिजनों को रुलाते हैं ,अपनी बहन को रुलाते हैं क्यू वो जेल जाते हैं या जहन्नुम और उनकी बहन उन्हें राखी नहीं बांध पाती है और हर रक्षा बंधन के दिन उनकी बहन रोती है। हर करवा चौथ पर उनकी पत्नी विलखती है।
बदमाशी और बदमाशों की उम्र अगर लम्बी होती तो आज चम्बल वीरान न होता। गलत काम में कुछ नहीं रखा है। अच्छा काम करें और अपने बच्चों को रोने विलखने से बचाएं। अपने बुजुर्ग माता-पिता के बुढ़ापे की लाठी बनें। उनसे लाठी छीन उनसे असमय मौत के मुँह में न झोंके।
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