फरीदाबाद: शहर में लगभग तीन हफ्ते पहले कोरोना के मामले अचानक बढ़ने लगे थे और शहर के लोग हद से ज्यादा लापरवाह हो गए थे तभी पुलिस ने चालान अभियान शुरू किया और बिना मास्क वालों के चालान काटने शुरू कर दिए। पुलिस का ये अभियान रंग लाया और जहाँ उस समय कोरोना के नए मामले रोजाना 800 के पास पहुँचने वाले थे तो कल नए मामलों की संख्या मात्र 182 रही। अब भी पुलिस का वो अभियान जारी है लेकिन शहर के लोग अब काफी जागरूक भी दिख रहे हैं। बहुत कम ऐसे लोग सड़कों पर बिना मास्क के दिख रहे हैं।
फरीदाबाद पुलिस ने अब तक लगभग 55 से ज्यादा लोगों का चालान काटा। लोगों पर 500 रूपये भारी पड़ रहे हैं लेकिन अगर वो माहामारी का शिकार हो गए होते तो उनके अस्पतालों में लाखों देना पड़ता। पुलिस ने जिनका भी चालान काटा वो सब इतने जागरूक हुए कि अपने परिजनों को भी 500 के चालान के डर से सड़क पर बिना मास्क के नहीं निकलने दे रहे हैं जिस वजह से शहर में कोरोना के नए मामले काफी कम हो गए हैं। सिक्के का दूसरा पहलू देखें तो पुलिस ने लाखों लोगों को जागरूक कर हजारों लोगों का चालान काट उनके करोड़ों रूपये बचाये हैं साथ में उनकी जान भी बचाई है क्यू कि एक समय ऐसा भी आया था कि फरीदाबाद की अस्पतालों में बेड खाली नहीं थे। फरीदाबाद में अब तक कोरोना से 380 लोगों की मौत भी हो चुकी है।
कोरोना के कई ऐसे मामले भी आये जिनमे इस महामारी की चपेट में कुछ गरीब लोग आये और उनके घर तक बिकने की नौबत आ गई क्यू कि इस महामारी की चपेट में एक-एक घर के कई-कई लोग आये और अस्पतालों में जब परिवार के कई-कई लोग पहुंचे तो लाखों का बिल देने के लिए उन्हें अपना घर तक बेंचना पड़ा। जिनके यहाँ घर नहीं थे उन्हें अपने गांव की जमीन बेचनी पडी। कुछ लोग मास्क के चालान पर सवाल उठा रहे हैं ऐसे लोगों को मालुंम हो कि पुलिस के पास और कोई चारा नहीं था क्यू कोरोना काल में पुलिस ने जब डंडे बरसाए तब भी लोग जागरूक नहीं हुए। जिस तरह से फरीदाबाद में मामले कम हो रहे हैं वो जागरूकता के कारण ही है क्यू कि लगभग एक महीने पहले सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि सर्दियों में मामले और बढ़ सकते हैं और दिल्ली-एनसीआर के लोगों को विशेष तरह से आगाह किया गया था और एक समय में फरीदाबाद में गुरुग्राम से ज्यादा नए मामले आने लगे थे। कल गुरुग्राम में नए मामलों की संख्या 398 रही और फरीदाबाद में 182, जब तक वैक्सीन नहीं तब तक मास्क जरूरी है।
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