नई दिल्ली- किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा के कुछ सत्ताधारी नेता अपनी राजनीतिक जमीन खिसकते देख रहे हैं। कल खाप पंचायतों ने एलान किया कि वो सत्ताधारी नेताओ का हुक्का पानी बंद करेंगे और जब ये नेता गांवों में घुसेंगे तो उन्हें काले झंडे दिखाए जाएंगे। इन नेताओं में दुष्यंत चौटाला, जेपी दलाल और सांसद बिजेंद्र सिंह का नाम शामिल है। यही सब देख सांसद बिजेंद्र सिंह के पिता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कैथल में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया और कहा किसान संगठित होकर भविष्य की लड़ाई लड़ना चाहते हैं तो वे किसानों के साथ हैं। मैं राजनीति भी छोड़ने को तैयार हूं, किसानों के आगे में राजनीति को अहमियत नहीं देता।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो कृषि कानून बनाए गए हैं, उन पर किसानों को शंका है। कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी, केवल कृषि ऐसा क्षेत्र था जिसने अर्थव्यवस्था को कायम रखा। अब किसानों को लगता है कि उनके साथ न्याय नहीं हो रहा है, इसलिए वे दिल्ली आए हैं। किसान चाहते हैं कि इन तीन कृषि कानून को निरस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि मेरा कर्म भी और धर्म भी किसान और खेती है। पार्टी और राजनीति दूसरी चीजें बाद में आती हैं, लेकिन मैं चाहता हूं कि ऐसे हालात न बनें कि कोई नुकसान हो।
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