चंडीगढ़: सोनीपत और अंबाला नगर निगमों में अब मेयर भाजपा का नहीं रहेगा। दोनों जगहों पर भाजपा के प्रत्याशियों की हार हुई है। अंबाला में पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी शक्ति रानी को मिली जीत, भाजपा प्रत्याशी डॉ. वंदना शर्मा को हराया।सोनीपत नगर निगम चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार निखिल मदान ने बीजेपी के ललित बत्रा को 13818 मतों से हराकर जीत दर्ज की।
भाजपा की इस हार से साफ़ सन्देश जा रहा है कि किसान आंदोलन हरियाणा भाजपा पर भारी पड़ रहा है। अनुमान भी यही लगाए जा रहे थे क्यू कि भाजपा-जजपा के मंत्रियों व् अन्य बड़े नेताओं, सांसदों का इन दिनों घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। सीएम तक को काले झंडे दिखाए गए। अम्बाला और सोनीपत शहरी सीट कहे जाते हैं और जब शहर में भाजपा का ये हाल है तो ग्रामीण क्षेत्रों में क्या होगा आप समझ सकते हैं। सोनीपत में दीपेंद्र हुड्डा ने उसी तरह निखिल के लिए प्रचार किया था जिस तरह बरोदा में भालू के लिए और यहाँ भी दीपेंद्र को बड़ी कामयाबी मिली है।
आपको एक गुप्त जानकारी दे दें कि कल हमने हरियाणा का एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमे एक न्यूज़ चैनल पर एक युवक भड़क रहा था और बोल रहा था गांव में नकली किसान आये हैं और चैनल वाले उन्ही की बाइट ले रहे हैं। उस वीडियो को लेकर कुछ लोगों के फोन आये। वो एक जिले के भाजपा के नेता हैं जो किसान बनकर उस गांव में उस चैनल को बाइट दे रहे थे कि किसान इन कानूनों से खुश हैं।
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