नई दिल्ली- कांग्रेस जिस तरह अन्ना आंदोलन नहीं समझ पाई थी उसी तरह भाजपा किसान आंदोलन नहीं समझ पा रही है। उस समय कांग्रेस को कुछ कांग्रेसी नेता गुमराह कर रहे थे और इस समय भी ऐसा ही हो रहा है। भाजपा को भाजपा के ही कुछ नेता गुमराह कर रहे हैं। 28 दिन से लाखों किसान दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं। भाजपा के कुछ लोग इस दौरान नकली किसान युनियन बना दिखा रहे हैं कि देश के किसान सरकार के साथ हैं। सोशल मीडिया पर एक से एक वीडियो तस्वीरों में देखा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छबि पर किस तरह से हमला हो रहा है। ऐसा ही हमला अन्ना आंदोलन के समय सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह की छबि पर हुआ था और नकारात्मक छबि बना दी गई और 2014 में भाजपा को उसका फायदा मिला और कांग्रेस इस मुकाम पर पहुँची जो अब तक संभल नहीं सकी। सत्ता का नशा कुछ खास होता है। सत्ताधारी नेता सत्ता के समय ये नहीं सोंच पाते कि कल कुर्सी जा भी सकती है। नेताओं का यही घमंड उन्हें ले डूबता है।
भाजपा की पंजाब यूनिट ने सोमवार को अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्टर शेयर किया था। फसल खरीद पर डेटा दे रहे इस ऐड के एक कोने में एक पंजाबी किसान को हल लेकर खड़ा हुआ दिखाया गया है। पोस्ट वायरल होने के बाद नौजवान किसान हरप्रीत सिंह ने सिंघु बार्डर पर धरने के दौरान भाजपा की पोस्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि यह पोस्ट झूठी है और बिना पूछे उनका फोटो भाजपा ने इस्तेमाल किया है। इस पोस्टर को लेकर भाजपा की जमकर किरकिरी हो रही है।
ये हैं हरप्रीत सिंह जो किसान आंदोलन में किसानों के साथ अनशन पर है,
— Neetu (@Love81275) December 22, 2020
मोदी सरकार ने किसान कानून समर्थन में इनका ही फोटो लगा दिया जो 6 बर्ष पहले का है..!
हद कर दी आपने साहब, आप तो फोटो चोर भी निकले...!!😜😜😂😂#किसान_एकता_जिंदाबाद pic.twitter.com/xLbsfDhLce
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