नई दिल्ली- कृषि कानूनों के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई जिलों के किसान दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। केंद्र सरकार ने आज दोपहर तीन बजे किसानों को बातचीत के लिए विज्ञान भवन बुलाया है। उसके पहले आज सुबह किसानों ने फिर बैरीकेट्स उखाड़ने के प्रयास किये। राष्ट्रीय किसान नेता राजेश टिकट यहाँ किसानों का नेतृत्व कर रहे है जिनका कहना है कि जब तक सरकार किसानों की समस्या का समाधान नहीं करेगी तब तक यहीं टिके रहेंगे।
इस बार्डर पर अब किसानों ने झोपड़ियां बना ली हैं और बार्डर का नजारा गांव जैसा है। यही नहीं पुलिस की तरफ से लगाईं गई धारा 144 के जबाब में किसानों ने अपनी तरफ धारा 288 लगा ली है। इस बॉर्डर पर वर्ष 1988 के बाद दूसरी बार अपनी धारा-288 लगाने का एलान किया गया है । किसानों की यह धारा प्रशासन की धारा 144 का जवाब है। इसके तहत पुलिस को किसान की हद में नहीं आने दिया जाता है।
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