फरीदाबाद: नगर निगम की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठते रहते हैं। शहर के तमाम नाले नालियां जाम पड़े हैं। शहर में कूड़े के ढेर कहीं भी दिख जाएंगे। निगम कार्य क्षेत्र से अच्छे फरीदाबाद के तमाम गांव हैं लेकिन निगमायुक्त यश गर्ग के मुताबिक़ शहर के विकास को ध्यान में रखते हुए निगम क्षेत्र में 24 गांवों को शामिल करने की मंजूरी दी गई है। इस मामले को लेकर कई गांवों में विरोध भी हुआ था। लोग निगम पर सवाल उठा रहते थे जिनका कहना था कि नगर निगम की नजर अब गांवों की जमीनों पर है।
हरियाणा सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जिन गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया है उनमे टिकावली, सोतई, साहुपुरा, तिलपत, चंदावली, भूपानी, मच्छगर, फिरोजपुर माजरा, मुजैड़ी, बड़ौली, नचौली, प्रहलादपुर माजरा, बादशाहपुर, भतौला, पलवली, फरीदपुर, नवादा तिगांव, खेड़ीखुर्द, नीमका, खेड़कलां, मिर्जापुर, बिदापुर, मलेरना तथा रिवाजपुर शामिल हैं।
निगम में शामिल इन गांवों के बारे में युवा समाजसेवी जसवंत पवार का कहना है कि फरीदाबाद अंधेर नगरी बन चुका है। दो महीने में नगर निगम से नीलम पुल की मरम्मत नहीं हो सकी। युवक की मौत के बाद भी हार्डवेयर-प्याली रोड पर पहले से ज्यादा गड्ढे हो चुके हैं। पूरे शहर में धूल ही धूल दिखती है। गंदगी के अम्बार दीखते हैं। शहर में हर जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। उन्होंने कहा जल्द मैं हाईकोर्ट जाऊंगा और इन 24 गांवों को नरक बनने से बचाऊंगा। उन्होंने कहा ग्रामीणों को बेमौत नहीं मरने दूंगा। उन्होंने कहा कि अभी तक गांवों में साफ़ सफाई रहती थी और प्रदूषण नहीं होता था लेकिन अब निगम गांवों को भी नरक बना देगा। वहाँ भी प्रदूषण बढ़ेगा। लोग बेमौत मरेंगे। उन्होंने कहा कि मेरा संघर्ष जारी रहेगा ताकि ग्रामीणों को एक बड़ी साजिश से बचा सकूं।
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