5 नवम्बर 2020- स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने भाजपा-जजपा सरकार द्वारा प्रदेश के सरकारी मेडिकल कालेज में पढऩे वाले छात्रों की सालाना फीस 53 हजार रूपये से बढ़ाकर 10 लाख रूपये प्रति वर्ष करने के कुप्रयासों की कठोर आलोचना करते हुए इसे किसान, मजदूर, गरीबों के बच्चों को मेडिकल शिक्षा से वंचित रखने की साजिश बताया। विद्रोही ने आरोप लगाया कि केन्द्र की मोदी सरकार व हरियाणा की भाजपा-जजपा संघी सरकार एक सुनियोजित रणनीति के तहत गरीब घरों के बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने से अप्रत्यक्ष रूप से रोकना चाहती है। विगत छह सालों से भाजपा सरकार उच्च शिक्षा की फीस बढ़ाकर ऐसी परिस्थितियां पैदा करने पर तुली हुई है कि जिससे उच्च शिक्षा विशेषकर मेडिकल शिक्षा केवल अमीरों की बपौती बन जाये। पहले हरियाणा भाजपा सरकार ने निजी मेडिकल कालेजों की छात्रों की सालाना फीस 15 लाख से 18 लाख रूपये करके साधारण घरों के बच्चों को निजी मेडिकल कालेजों में पढऩे में रोडे अटकाये और अब सरकारी मेडिकल कालेजों की फीस 53 हजार से 10 लाख रूपये सालाना बढ़ाने का कुप्रयास किया जा रहा है।
विद्रोही ने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक, जनकल्याणकारी सरकार की पहली प्राथमिकता होती है कि वह समाज के गरीब से गरीब प्रतिभावान छात्र को उच्च से उच्च शिक्षा सुलभता व सस्ती से सस्ती में मिल सके, इसकी व्यवस्था करे। वहीं हर नागरिक आपना अच्छा से अच्छा ईलाज सस्ते में सरकारी अस्पतालों में करवा सके, इसकी पुख्ता व्यवस्था करे। लेकिन विगत छह सालों से भाजपा-संघी सरकार उल्टी गंगा बहाकर एक ओर शिक्षा को महंगा करके इसे गरीब घरों के प्रतिभावान छात्रों की पहुंच से दूर करने का कुप्रयास कर रही है, वहीं सरकारी अस्पतालों में गरीब मुफ्त ईलाज प्राप्त कर सके, इसकी बजाय एक सुनियोजित रणनीति के तहत ऐसा कुप्रयास कर रही है कि आमजन मजबूर होकर सरकारी अस्पतालों की बजाय निजी अस्पतालों में जाकर अपना ईलाज करवाकर कर्जदार बने। विद्रोही ने सरकार के इस रवैये की कठोर आलोचना करते हुए इसे गरीब व आमजन विरोधी संघी सोच बताया। विद्रोही ने हरियाणा सरकार से मांग कि वह मेडिकल कालेजों की फीस 53 हजार से बढ़ाकर 10 लाख रूपये सालाना करने के अपने कुप्रयासों पर लगाम लगाये व सरकारी अस्पतालों में आमजन हर तरह का ईलाज मुफ्त व सुलभता से प्राप्त कर सके, इसकीे पुख्ता व्यवस्था करे।
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