23 नवम्बर 2020- स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा भाजपा-जजपा सरकार की लापरवाही व प्रभावी कदम नही उठाने के कारण कोरोना संकट प्रदेश में लगातार बढ़ता जा रहा है। विद्रोही ने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए जुमलेबाजी तो बहुत करती है, पर न तो खुद सरकार के मंत्री, संतरी, अधिकारी नियमों का पालन करते है और न ही कोरोना बचाव के लिए समय पर पर्याप्त फंड देते है। कोरोना बचाच के नाम पर खर्च होने वाला अधिकांश धन सत्तारूढ़ व सरकारी अधिकारी मिलकर हडप रहे है, पर जमीन पर खर्च नही होता है। अभी कल मुख्यमंत्री ने कोरोना बचाच के लिए सरकार की ओर से एक करोड़ मास्क मुफ्त देने का जुमला उछाला है। पर क्या वास्तव में सरकार एक करोड़ मास्क बाटेगी या मास्क के नाम पर खर्चा दिखाकर अधिकांश पैसा संघी व अफसर हडप जाएंगे?
विद्रोही ने कहा कि विगत का अनुभव तो यही बताता है कि लोकडाऊन दौरान गरीबों, प्रवासी मजदूरों, जरूरतमंदों को राहत देने के नाम पर जो खाद्य सामग्री व धन सत्ता बल पर इक्कठा किया गया, वह कहां गया कोई नही जानता। लोकडाऊन में खाना सामाजिक संस्थाओं ने अपनी ओर से खिलाया और दान में ली गई खाद्य सामग्री व इस मद में दान लिया पैसा अधिकारी व संघी मिलकर हडप गए। आज भी हालत यह है कि कोरोना टेस्ट के दावे तो लम्बे-चौड़े करते है, पर यर्थाथ में ऐसे टेस्ट होते नही। जो लोग कोरोना टेस्ट करवाते है, उनकी भी रिपोर्ट आने मेें जरूरत से ज्यादा समय लगता है। इतना समय बीतने पर भी सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमण ईलाज का न तो उचित प्रबंध है और न ही पूरा आधारभूत ढांचा है जो मुंह बोलता प्रमाण है कि सरकार जुमलेबाजी ज्यादा करती है, काम नही करती। विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस ने बार-बार सरकार को चेताया है कि स्कूलों को बिना कोरोना बचाव व प्रभावी कदमों के न खोला जाये, पर भाजपा सरकार ने विपक्ष की बात को नही सुना।
बाजारों में भी बढ़ रही है, पर न तो कोरोना बचाच के उचित प्रबंध है और न ही प्रदेश में कहीं भी सरकारी गाईड लाईन का पालन हो रहा है। भाजपा सरकार के संघी नेता दूसरों को तो कोरोना बचाव के उपदेश झाड़ते है, पर भाजपा के राजनैतिक कार्यक्रमों में ही कोरोना गाईड लाईन का पालन नही होता। विद्रोही ने मुुख्यमंत्री खट्टर से आग्रह किया कि जुमलेबाजी करने की बजाय कोरोना बचाव के काम करवाये, गाईड लाईस का पालन हो, समय पर टेस्टिंग हो और अस्पतालों में कोरोना संक्रमण ईलाज की पुख्ता व्यवस्था हो। वहीं कोरोना बचाव के लिए खर्च किये जाने वाला पैसा अधिकारियों व संघीयों की जेब में न जाये, इसके लिउ उचित निगरानी व्यवस्था हो।
Post A Comment:
0 comments: