नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश के वाराणसी में शुक्रवार को एक पार्षद के साथ स्थानीय लोगों ने जो किया उसका वीडियो वायरल होने के बाद मामला सुर्ख़ियों में है। जनसमस्याओं की अनदेखी और गलियों में बहते सीवर के पानी से नाराज लोगों ने शुक्रवार को स्थानीय पार्षद को बंधक बना लिया। लोगों ने पहले पार्षद तुफैल अंसारी को कुर्सी पर बैठाकर रस्सी से बांधा और फिर उन्हें सीवर के बहते पानी के बीच बैठा दिया। नाराजगी इस कदर कि पार्षद की मिन्नतें भी लोगों को शांत नहीं कर सकी।
बताया जा रहा है कि पिछले 4 महीनों से सीवर का बदबूदार पानी गलियों में बह रहा है। अफसर से लेकर पार्षद तक जब स्थानीय लोग शिकायत कर थक गए तो गलियों में घूम रहे पार्षद को ही पकड़ बंधक बनाकर बजबजाते पानी के बीच बैठा दिया। सीवर के जल में पार्षद को बैठाने के बाद स्थानीय लोगों ने नारेबाजी कर अपना गुस्सा जताया। सोशल मीडिया पर ये वीडियो पोस्ट किया गया तो तरह तरह की प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं। कुछ लोगो का कहना है कि नेताओं के साथ ऐसा ही होना चाहिए। कुर्सी पाने के बाद वो खुद को जनता का मालिक समझने लगते हैं और कुर्सी पाने के पहले चुनावों में वो खुद को जनता का सेवक बताते हैं ताकि वोट मिल जाये।
धर्मेंद्र भास्कर ने लिखा है कि- अब समय आ गया है जब बड़े क़द के नेता आश्वासन दें ओर वो सिर्फ़ भाषण ही रह जाए तो हमें अगले चुनाव तक का इंतेज़ार ना करके इस तरह के फ़ैसले लेने चाहिए। इससे काम आसानी से होगा और ये बात जब ऊपर जाएगी तो आगे से या तो आश्वासन नहि देंगे या फिर काम भी करेंगे।
कुछ लोगों ने लिखा है कि राजनीति से प्रेरित होकर ये वीडियो बनाया गया है ताकि पीएम को बदनाम किया जा सके क्यू कि ये उनका क्षेत्र है। कुछ लोगों ने लिखा है कि स्मार्ट सिटी सिर्फ कागजों पर बनी है। जिन शहरों को स्मार्ट सिटी बनाया गया है हर जगह यही हाल है और स्थानीय नेता इसके जिम्मेदार हैं इसलिए ऐसे कामचोर नेताओ को ऐसे सबक सिखाने की जरूरत है।
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