नई दिल्ली, 28 नवंबर। आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील गुप्ता ने कृषि विधेयक के विरोध में हरियाणा और पंजाब के किसानों के दिल्ली पहुंचने के बावजूद,केन्द्र सरकार द्वारा बातचीत के लिए देरी किए जाने पर तीखीं प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटृर बिना देरी किसानों से मिलकर उनकी समस्याओं को शीघ्र हल करना चाहिए।
पार्टी के हरियाणा के सहप्रभारी सुशील गुप्ता ने कहा कि बेहतर तो यह होता कि किसानों के दिल्ली पहुंचने से पूर्व ही केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटृर को कृषि के तीनों काले कानून का हल निकालने के लिए किसानों से बात करनी चाहिए थी। अगर वह किसानों से दिल्ली कूच करने से पूर्व बातचीत करते तो शायद यह माहौल दयनीय नहीं होता। किसान शांति के साथ अपनी बात रखना चाहते थे। मगर उनके रास्ते में डाली गई रूकावटों के कारण यह माहौल खराब हुआ। आज भी केन्द्र और हरियाणा की भाजपा सरकार की हठ के कारण किसान दिल्ली व उसकी सीमाओं पर डटे हुए है। यहीं नहीं किसान कई कई घंटो तक चलकर तथा अपना घर द्वार छोडकर सडकों पर उतरने के लिए मजबूर है।
उन्होंने कहा कि इस शीतलहर के बावजूद देश का अन्नदाता दिल्ली के संत निरंकारी मैदान बुराडी में डटा हुआ है।इस समस्या का हल तभी हो सकता है कि जब केन्द्र की भाजपा सरकार किसानों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनकी समस्याओं का हल कर उनको विश्वास दिलाए।
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी 2 चरणों में अपने स्तर पर, सचिव स्तर पर किसानों से वार्ता हो चुकी है। मगर कोई हल नहीं निकला। जिसके कारण किसान एक बार फिर से आंदोलन पर निकल पडे। ऐसे में केन्द्र सरकार ने बातचीत के लिए एक सप्ताह बाद का समय रखा है, जोकि गलत है। केन्द्र सरकार को तुरंत किसानों को बुलाकर बातचीत करनी चाहिए।
सुशील गुप्ता ने कहा कि देश का किसान मोदी सरकार द्वारा तीन काले कानून बनाए जाने के विरोध में है। आम आदमी पार्टी पहले ही दिन से इसका विरोध करती आई है। उन्होंने इन तीनों काले कानूनों को खेती-किसानी की कब्र खोदने वाला बताया। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि तुरंत एमएसपी पर अध्यादेश लाए और समस्या का हल करें।
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