नई दिल्ली- 26 नवम्बर को दिल्ली कूच का एलान करने वाले किसानों के इरादे शायद ही पूरे हो सकें। हरियाणा पुलिस किसान नेताओं पर नजर रख रही है और ये नेता गिरफ्तार भी किये जा सकते हैं। भारतीय किसान युनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कल आशंका जाहिर की थी कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। अब उनके सोशल मीडिया पेज पर एक तस्वीर पोस्ट की गई है जिसमे पुलिस कुछ लोगों को अपने साथ ले जा रही है। शायद कुछ किसान नेता गिरफ्तार किये गए हैं। तस्वीर के साथ लिखा गया है कि
हरियाणा सरकार शासन प्रशासन कान खोल कर सुनलें ये लोकतंत्र है भाजपा + jjp इसका गला घोटने का काम ना करे ।। अगर कोरोना है तो बिहार चुनाव मे बिजेपी NDA ने सरकार के सारे नियम तोडे है ।। वहा बिजेपी के जिस जिस बडे नेता ने रैली की है उन सब पर भी मुकदमे लिखे जाये नियम सबके लिये बराबर होना चाहिये ।। किसान चोर नही है बा मुकाबले नेताओ के , किसान पैसा वाला नही है बा मुकाबले नेताओं के , किसान हरामखाना नही बा मुकाबले नेताओ के , नेताओं को सारी वी आई पी सुख सुविधाए है टाईम पर सैलरी मिलती है एयरकंडीशनर मकान मे सोते है बडी गाडी मे घूमते है तेल फ्री कोरोना पोजेटिव हो गये तो वी आई पी ईलाज वो भी फ्री अब ये बताये सरकार कया किसान को ये सब सुविधा है ।। किसान का धान लूट गया । गन्ने का पेमेंट नही ना उस पर ब्याज मिल रहा । नरमे का किसान को भी दाम नही मिल रहा सब्जी का किसान भी लुट रहा है ।। बैंक मे जमीन गिरवी हो गई ।। अगर हरियाणा व पंजाब का किसान दिल्ली आ रहा तो सरकार को दिक्कत कया है ।। दिल्ली सरकार का दायित्व बनता उंहे जगाह देना का उनके इंतजाम का -- बिजेपी व जजपा कयो रोक रही है और गिरफ्तार कर रही है किसान नेताओं को ये सेना बिगड़ गई तो सम्भाल नी भारी पड जायेगी ।। भारतीय संविधान व कानून के अनुसार अपनी बात कहने का सभी को अधिकार है राज तंत्र नही है आज लोक तंत्र है ।। नियम और कानून के अनुसार दिल्ली सरकार किसानों को जगह देना का इंतजाम करे ।। और हरियाणा सरकार सभी किसान नेताओं को जल्द से जल्द रिहा करे । हरियाणा सरकार आंदोलन की आग मै तेल डालने का काम ना करे वरना अंजाम अच्छा नही होगा । https://www.facebook.com/ravinder.kajal.581/posts/1069561316874723
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