नई दिल्ली- जिस समय तीन कृषि क़ानून बनाये गए उस समय किन- किन किसानों से राय ली गई या किसी पूंजीपति की राय से ये क़ानून बना ऐसे सवाल सोशल मीडिया पर उठाये जा रहे हैं, कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि ये क़ानून अडानी के फायदे के लिए बनाया गया है किसानों के फायदे के लिए नहीं। तमाम तरह की बातें सोशल मीडिया पर की जा रहीं हैं। कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि भाजपा को अन्नदाता नहीं धनदाता पसंद हैं इसलिए ये क़ानून धनदाता के इशारे पर बनाया गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला के दो वीडियो देखें, खबर जारी है
मोदी सरकार का मूल मंत्र है-
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 29, 2020
किसानों का शोषण, पूंजीपतियों का पोषण।
किसानों का दमन, पूंजीपतियों को नमन।
मोदी जी, देश के किसानों द्वारा उठाई जा रही सीधे-सीधे 6 सरल बातों का जवाब देश आपसे मांगता है और आज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से वो हम आपके समक्ष रखते हैं।
जवाब दीजिए 👇🏼 pic.twitter.com/TQNBJXn7Ml
आज मोदी जी ने इन 3 काले कानूनों की चर्चा करते हुए इन्हें सही ठहराते हुए मन की बात में मक्का की फसल की चर्चा कर डाली!
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 29, 2020
आईए जानते हैं मक्का के किसान की हकीकत क्या है और किस प्रकार से पूंजीपतियों के साथ मिलकर षडंयत्र किया जा रहा है 👇🏼 pic.twitter.com/dPxe15Eych
कल किसान आंदोलन पर भाजपा का आईटी सेल भारी पड़ा और किसानों को खालिस्तानी आतंकी साबित करने का प्रयास किया गया लेकिन आज भाजपा का आईटी सेल कमजोर दिखा क्यू कि कल भाजपा के लोग जिन्हे खालिस्तानी समर्थक कह रहे थे आज कुछ तस्वीरें पोस्ट की गईं और खालिस्तान के समर्थक की तस्वीर पीएम मोदी के साथ दिखाई गई और कहा गया कि भाजपा ने अपने लोगों को आंदोलन में भेजा है और खालिस्तान के नारे भाजपा ही लगवा रही है ताकि किसानों को बदनाम किया जा सके।
How bad and cheap are these BJP peoples ...
— INC akhter (@INC_akhter) November 29, 2020
To discredit the agitating farmers .. They are trying to show them Khalistan supporters and Bhindranwala supporters ..#KisanKiBaat#पीएम_पनौती pic.twitter.com/BqAYj6ZumW
आज कांग्रेस का आईटी सेल भाजपा पर भारी पड़ा है। भाजपा के आईटी सेल को कांग्रेस के आईटी सेल ने आज धोबिया पछाड़ मारा है। धोबिया पछाड़ की बात करें तो ये कुस्ती का एक दांव होता है। उत्तर प्रदेश में ये दांव तीन दशक पहले कुस्ती में मारा जाता था उसके बाद राजनीति में भी शुरू हो गया था। मुलायम, माया, राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह, चंद्रशेखर, वीपी सिंह, नारायण दत्त तिवारी जैसे नेता ये दांव चल चुके हैं, वीपी सिंह और चंद्रशेखर दांव से देश के प्रधानमंत्री बन चुके हैं जबकि अन्य कई लोग उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन चुके हैं और ये दांवपेंच मैंने करीब से देखा है इसलिए आगे-आगे देखें होता है क्या, कलयुग का साक्षात दर्जन करें, तीन दशकों में पहली बार इस समय अब अभी आलू 50 रूपये प्रति किलो बिक रही है और किसानों से अभी भी आलू 10 रूपये प्रति किलो खरीदी जा रही है।
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