नई दिल्ली- आप राजहठ छोड़िये, किसानो की मांगों के बारे में सोंचिये। किसान पर आप आंसू गैस छोड़ रहे हैं, किसानों के लिए स्टेडियमों को जेल बना रहे हैं। इस तरह के हथकंडे न अपनाएं। हरियाणा की भाजपा और जजपा सरकार ने किसान विरोधी चेहरे को उजागर किया है। इस सरकार को कुर्सी प्यारी है किसान नहीं। ये कहना है राज्य सभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का जिन्होंने कहा कि किसान एक जायज मांग को लेकर सड़क पर हैं और न्यूनतम समर्थन मूल्य चाहते हैं लेकिन सरकार राजहठ पर अड़ी है।
उन्होंने कहा कि देश में ऐसी कोई जेल नहीं बनी है जो किसानो को रख सके। वहीं इस मामले पर हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार अगर किसानों पर दर्ज मुकदमे वापिस नहीं लेती है तो हमारी सरकार बनते ही सारे मुकदमे खारिज किये जायेंगे। हरियाणा सरकार तुरंत किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस ले और हिरासत में लिए गये किसान नेताओं को रिहा करे। 3 कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे शांतिपूर्ण किसान आंदोलन को कुचलने के लिए हरियाणा सरकार ने जो रवैया अपनाया है वह पूरी तरह अलोकतांत्रिक और निंदनीय है।
आज देश के किसानों ने शांतिप्रिय माध्यम से देश की राजधानी दिल्ली में देश की सरकार के दरवाजे पर दस्तक दी है। प्रजातंत्र और लोकतंत्र के दायरे में रहकर अपनी आवाज पहुंचाने के प्रयास किये जा रहे हैं: श्री @DeependerSHooda #SpeakUpForFarmers pic.twitter.com/BCXdQK0Ynd
— Congress (@INCIndia) November 30, 2020
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