चण्डीगढ़, 5 नवम्बर- हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, जिनके पास राजस्व विभाग का प्रभार भी है, ने आज हरियाणा विधानसभा सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए बताया कि प्रदेश में अचल सम्पत्तियों का कोई अवैध पंजीकरण नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान 24 अप्रैल, 2020 से 30 जून, 2020 की अवधि के दौरान अचल सम्पति हस्तारण सम्बन्धित दस्तावेजों के पंजीकरण से सरकार को राजस्व का कोई नुकसान नहीं हुआ।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जिन सब-रजिस्ट्रार एवं संयुक्त सब-रजिस्ट्रार द्वारा हरियाणा विकास और विनियमन क्षेत्र संशोधन अधिनियम, 2017 की धारा 7ए के प्रावधान की अनुपालना नहीं की गई, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि सब-रजिस्ट्रार/संयुक्त सब-रजिस्ट्रार के खिलाफ सरकार ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की है। सब-रजिस्ट्रार सोहना तथा संयुक्त सब-रजिस्ट्रार, वजीराबाद, बादशाहपुर मानेसर, सोहना और गुरुग्राम तहसील में तैनात एक सब-रजिस्ट्रार तथा पांच संयुक्त सब-रजिस्ट्रारों को निलंबित कर दिया है तथा उन्हें हरियाणा सिविल सेवाएं सजा एवं अपील नियम 2016 के नियम 7 के तहत चार्जशीट किया जा रहा है ।
दुष्यंत चौटाला ने जानकारी दी कि पुलिस स्टेशन मानेसर में एफआईआर नम्बर 157 में दिनांक 2-8-2020, पुलिस स्टेशन बादशाहपुर में एफआईआर नम्बर 242 दिनांक 2-8-2020, पुलिस स्टेशन सैक्टर-10 गुरुग्राम में एफआईआर संख्या 326 दिनांक 8-8-2020, पुलिस स्टेशन सैक्टर-93 गुरुग्राम में एफआईआर नम्बर 327 दिनाक 8-8-2020, पुलिस स्टेशन सैक्टर-10 गुरुग्राम में एफआईआर नम्बर 1414 दिनाक 2-8-2020 और एफआईआर नम्बर 272 दिनाक 2-8-2020 पुलिस स्टेशन सोहना जिला गुरुग्राम में धारा 420 आईपीसी के तहत तथा हरियाणा विकास और शहरी क्षेत्र अधिनियम का विनियम 1975 की धारा 10 के तहत जिला टाउन कंट्री प्लानर, गुरुग्राम द्वारा गुरूग्राम जिले के उपरोक्त एक सब-रजिस्ट्रार तथा पांच संयुक्त सब- रजिस्ट्रार के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया जा चुका है।
इसके अतिरिक्त निदेशक नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग हरियाणा से प्राप्त दिनांक 4-6-2020 की रिपोर्ट पर नारनौल, करनाल, सोनीपत, रेवाडी, पंचकूला, भिवानी, फरीदाबाद तथा कैथल जिले के सब-रजिस्ट्रार/संयुक्त सब-रजिस्ट्रार जिन्होंने 14 जून, 2013 से 31 मई, 2020 की अवधि के दौरान 1555 पंजीकृत बिक्री पत्रों तथा पट्टेनामा के दस्तावेजों के पंजीकरण के समय हरियाणा विकास और शहरी क्षेत्र अधिनियम का विनियम 1975 की धारा 7ए के तहत डीटीपी से एन.ओ.सी प्राप्त नहीं की, के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने का निर्णय लिया जा चुका है।
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