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अब किसी गांव के सरपंच भी नहीं बन सकते दुष्यंत चौटाला, अभी विधानसभा चुनाव हों तो खट्टर भी गए

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नई दिल्ली/ चंडीगढ़- लखनऊ- 30 नवम्बर 2020 - पंजाब में इस समय समय  कांग्रेस की सरकार है और कांग्रेस किसान आंदोलन में किसानो के साथ है। सीएम कैप्टन अमरिंदर को तो आपने कल परसों गुस्से में देखा ही होगा तब वो हरियाणा के मुख्य्मंत्री को तू-तड़ाक कर बोल रहे थे। इसलिए पंजाब सरकार को किसान आंदोलन से फिलहाल कोई खतरा नहीं है।  उत्तर प्रदेश की बात करें तो राजधानी से सटे कुछ जिलों के किसान ही सड़क पर हैं इसलिए योगी सरकार को इस आंदोलन से कोई खतरा नहीं है और बात करें दिल्ली सरकार की तो बुराड़ी का मैदान हो या अन्य बार्डरो पर बैठे किसान जहाँ आम आदमी पार्टी के लोग चार दिनों से किसानो की सेवा कर रहे हैं इसलिए केजरीवाल सरकार को भी कोई खतरा नहीं है। हरियाणा सरकार को खतरा है जिसकी रिपोर्ट अंत में आप पढ़ सकते हैं। 

चार दिनों से चल रहे किसान आंदोलन की बात करें तो एक बड़ी जानकारी मिल रही है। जानकारी के मुताबिक़ तीनों  कानूनों को रद्द कराने समेत अपनी मांगों को लेकर किसानों ने अब दिल्ली से जुड़े पांच नेशनल हाईवे से मोर्चाबंदी की तैयारी शुरू कर दी है। अगर सरकार से जल्द बात नहीं होती है तो सिंघु व टिकरी बॉर्डर के बाद जयपुर, मथुरा, बरेली हाईवे को रोकने का फैसला लिया गया है। 

हरियाणा अब तक को मिली जानकारी के मुताबिक़ किसानों का नेशनल हाईवे रोकने का फैसला केवल यहां तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इनके बाद भी किसानों की मांगों को लेकर कोई सकारात्मक बात नहीं होती है तो अन्य हाईवे को बाधित कर दिया जाएगा। इस तरह से किसानों के आंदोलन का देशभर में असर पड़ सकता है और उससे सरकार के साथ ही आम लोगों की परेशानी बढ़ेगी। किसानों नेताओं का दावा है कि अभी तो हम कई सीमाओं पर 10 से 12 लाख लोग हैं ,अगर सरकार अपनी जिद पर अड़ी रही तो ये संख्या अगले हफ्ते 20 लाख के पार जा सकती है। इस आंदोलन में अब किसान आर-पार के मूड में हैं। आपने किसानों के वीडियो देखे होंगे जिनमे वो कह रहे हैं कि हम 6 महीने का राशन लेकर आये हैं। किसानो का दावा कि ट्रक ट्रैक्टर सहित 92000 से ज्यादा वाहन दिल्ली के कई बार्डर के पास खड़े हैं जो हमारे हैं और अधिकतर वाहनों में राशन भरा है। 

कल से हरियाणा से तमाम वीडियो देखने को मिले जिसमे हरियाणा के कई जिलों से राशन, दूध और अन्य चीजें बार्डर पर बैठे किसानों तक पहुंचाई जा रही हैं। हरियाणा कांग्रेस खुलकर किसानों के साथ आ गई है। प्रदेश की यूथ कांग्रेस के तमाम नेता सदस्य किसानो की मदद कर रहे हैं। बरोदा के भालू भी किसानों के साथ सड़क पर दिखे जो हाल में चुनाव जीत विधायक बने थे। भूपेंद्र और दीपेंद्र हुड्डा भी किसानों के साथ पहले दिन से ही दिख रहे हैं। आज हरियाणा के एक सिटिंग विधायक सोमबीर सांगवान ने किसानों के लिए चेयरमैन का पद त्याग दिया उसके बाद राजस्थान के सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी किसानों का साथ देने की बात कही और एनडीए छोड़ने की चेतावनी दे दी। इन दोनों नेताओं की खबरों को देश भर के लोग पसंद कर रहे हैं और इन्हे अच्छा नेता बता रहे हैं। 

इन दोनों नेताओं की खबरों के नीचे आ रही प्रतिक्रियाओं को देख हरियाणा अब तक ने अपने पाठकों से पूंछा कि 


प्रदेश के लोगों की प्रतिक्रियाएं आने लगीं और तमाम लोगों का कहना है कि आज अगर पंचायत का चुनाव हो और दुष्यंत किसी गांव के पंचायत के उम्मीदवार हों तो वो पंचायत का चुनाव भी अब नहीं जीत पाएंगे, लोग क्या लिख रहे हैं सब कुछ जानना हो तो हमारे फेसबुक हरियाणा अब तक के पेज पर जाएँ ट्रेलर ऐसा है 


इस पोस्ट के बाद हमने सोंचा कि किसान तो गांव में हैं और शहर के लोग तो भाजपा को ही पसंद करते हैं इसलिए हमने अपने पाठकों से एक और सवाल पूंछा और हरियाणा के दो बड़े शहर गुरुग्राम और फरीदाबाद के पाठकों से ये सवाल 


प्रिय दोस्तों हमारे पेज पर जाकर देख लें शहर के 91 फीसदी लोग भी भाजपा-जजपा सर्कार से खुश नहीं हैं , कई शादियों में जाना है इसलिए सभी प्रतिक्रियाओं का स्क्रीन शॉट नहीं पोस्ट कर पा रहा हूँ, 



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