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मंत्री कंवरपाल ने की ग्रीन बेल्ट बढ़ाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना 

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चंडीगढ़, 18 नवंबर- हरियाणा में हरित पट्टी (ग्रीन बेल्ट) बढ़ाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना करते हुए हरियाणा के वन और वन्यजीव मंत्री  कंवर पाल ने कहा कि विभाग को पेड़ लगाने के अभियान की व्यापकता पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिए कि लगाए गए पेड़ों की संख्या वास्तविक हो क्योंकि राज्य सरकार प्रदेश के लोगों के लिए जवाबदेह है।

उन्होंने ये निर्देश वन विभाग के वानिकी कार्यों की मध्यावधि समीक्षा करते हुए  दिए। इस दौरान विभाग के अधिकारियों द्वारा वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में विस्तृत प्रस्तुतियां दी गईं।  बैठक में हरियाणा वन और वन्यजीव विभाग की प्रधान सचिव सुश्री जी. अनुपमा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. (श्रीमती) अमरिंदर कौर, सीएफ, सीसीएफ, डीएफओ सहित वन रेंजर्स उपस्थित थे।

  विभाग की उपलब्धियों को सूचीबद्ध करते हुए उन्होंने कहा कि विभाग ने पहले ही 1.25 करोड़ पेड़ लगाने के लक्ष्य में से 80 प्रतिशत को प्राप्त कर लिया है। उन्होंने  राज्य में राजमार्गों के किनारे वृक्षारोपण अभियान की भी सराहना की और कहा कि विभाग के अधिकारियों ने कड़ी मेहनत की है और पूरे राज्य में हरित पट्टी बढ़ाने के लिए एक टीम के रूप में और अधिक प्रयास करने की जरूरत है।

  हरियाली के महत्व पर जोर देते हुए  कंवर पाल ने अधिकारियों को एक नीति बनाने के निर्देश भी दिए ताकि वनीकीकरण के माध्यम से अधिकतम हरित क्षेत्र सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में 3.5 प्रतिशत वन क्षेत्र है, इसलिए हमें यह सुनिश्चित करने के लिए एक नीति तैयार करनी चाहिए कि इस 3.5 प्रतिशत में से कोई भी क्षेत्र पेड़ों के बिना न रहे। अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि अपने शुरुआती दिनों में उन्होंने अक्सर देखा है कि पेड़ों के बीच बहुत बड़ा अंतर रहता है और बहुत सारे स्थान खाली छोड़ दिए जाते हैं।

 उन्होंने कहा  कि वृक्षारोपण पर जोर देने के अलावा विभाग को जैव विविधता और वन्यजीवों के संरक्षण पर भी ध्यान देना चाहिए। वृक्षारोपण, जैव विविधता और वन्य जीवन अन्योन्याश्रित हैं अर्थात आपस में आश्रित हैं।  इसलिए हमें इस संबंध में नीतियां तैयार करने के लिए अपने अध्ययन का विस्तार करना चाहिए। इसके बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि 100 गांवों के लक्ष्य को दो जिलों अम्बाला और यमुनानगर में 200 गांवों तक बढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि इन जिलों में ऐसे गांव हैं जो क्षेत्र-वार छोटे हैं लेकिन गांवों की संख्या अधिक है।

 उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि पानीपत में पंचायत द्वारा 500 एकड़ जमीन दी गई है और इसी तरह कुछ जिलों में 30 से 40 एकड़ जमीन पंचायत द्वारा दी गई है।  उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा पांच साल के लिए इस क्षेत्र में बागवानी विकसित की जाएगी और उसके बाद भूमि पंचायतों को वापस कर दी जाएगी।  उन्होंने कहा कि इससे पंचायतों की आय बढ़ाने और किसानों को रोजगार देने के अलावा हरित क्षेत्र को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। 

कंवर पाल ने कहा कि इसका उद्देश्य हरित क्षेत्र में वृद्धि करना है और इस प्रक्रिया में यदि पंचायतें और किसान लाभान्वित होते हैं तो यह उनके लिए अतिरिक्त लाभ भी होगा।

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