चंडीगढ़, 11 नवंबर- हरियाणा सरकार ने राज्य के सभी उपायुक्तों को 15 दिसंबर, 2020 तक कलेक्टर दरों की प्रारूप सूची प्रकाशित करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर दरों का अंतिम प्रकाशन मार्च, 2021 तक किया जाएगा।राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्त आयुक्त संजीव कौशल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि सभी मंडल आयुक्तों और उपायुक्तों को सम्बंधित जिलों में प्रत्येक तहसील में कॉलोनी या क्षेत्र के लिए कलेक्टर दर तय करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं ।
दिशा-निर्देशों के अनुसार तहसील और उप-तहसील में प्रत्येक कॉलोनी या क्षेत्र के कलेक्टर दरों का आंकलन करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी। समिति गैर-सरकारी लोगों से परामर्श लेगी जो संबंधित क्षेत्रों में संपत्ति की बाजार दरों के बारे में जानकारी रखते हों। समिति सर्वे करेगी और प्रत्येक क्षेत्र में पिछले 12 महीनों में किए गए रजिस्ट्रेशनों की भी जांच करेगी और कलेक्टर दरों की एक तर्कसंगत गणना करेंगे।
उपायुक्त किसी वरिष्ठ अधिकारी को जिला नोडल अधिकारी नामित कर सकते हैं। यह अधिकारी सभी तहसील-स्तरीय समितियों द्वारा मूल्यांकन की गई दरों को एकत्र करने और सभी क्षेत्रों के कलेक्टर दरों का प्रस्ताव उपायुक्तों को देने के लिए जिम्मेदार होगा।
कलेक्टर दरों की प्रारूप सूची के प्रकाशन के बाद आपत्तियों एवं शिकायतों के लिए 30 दिनों की अवधि या 15 जनवरी, 2021 तक का समय आरक्षित रखा जाएगा। इसके लिए 15 दिसंबर तक एक पोर्टल विकसित किया जाएगा। 15 जनवरी से 15 फरवरी,2021 तक के 30 दिनों की अवधि में आपत्तियों एवं शिकायतों को सुना और निवारण कियाजाएगा। इसके बाद प्रत्येक जिले के लिए कलेक्टर दरों के प्रारूप की राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग की जाएगी।
कौशल ने कहा कि अधिकारी पूरी प्रक्रिया के दौरान व्यापक प्रचार सुनिश्चित करेंगे ताकि राज्य के लोग जागरूक हों और सर्वेक्षण चरण और आपत्तियां प्राप्त करने की अवधि के दौरान बेहतर जानकारी दे सकें। उन्होंने कहा कि इस समय सारणी को वर्तमान वर्ष के लिए ही विकसित किया गया हैं और अगले साल से, कलेक्टर दरों को अंतिम वर्ष के 1 जनवरी से प्रभावी होने के लिए अंतिम रूप दिया जाएगा।
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