चंडीगढ़, 19 नवंबर- हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि कोविड-19 की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद हरियाणा सरकार ने रिकार्ड जीएसटी राजस्व अर्जित किया है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा करदाताओं को टैक्स अदा करने के लिए प्रेरित करने व रिफंड प्रक्रिया इलैक्ट्रोनिक्ली आसान बनाने से जीएसटी कलैक्शन में वृद्घि हुई है।
डिप्टी सीएम, जिनके पास आबकारी एवं कराधान विभाग का प्रभार भी है, ने आज यहां प्रैस कान्फ्रैंस में गत वर्ष आए जीएसटी कलैक्शन से तुलना करते हुए बताया कि इस वर्ष कोविड-19 के कारण शुरू में जीएसटी कलैक्शन कम रहा, परंतु बाद में उत्साहवर्धक बढ़ोतरी हुई। उन्होंने बताया कि गत वर्ष अप्रैल महीने में जहां कुल 1499.58 करोड़ रूपए की जीएसटी कलैक्शन हुई थी वहीं इस बार अप्रैल में मात्र 237 करोड़ रूपए मिले। इसके बाद, मई में पिछले वर्ष 1501 करोड़ तथा इस वर्ष 891 करोड़ रूपए का जीएसटी कलैक्शन हुआ।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि विभागीय अधिकारियों द्वारा करदाताओं को प्रोत्साहित करने व टैक्स रिफंड का प्रोसेस सरल करने के बाद जीएसटी कलैक्शन में वृद्घि होनी शुरू हुई, नतीजा यह हुआ है कि पिछले वर्ष सितंबर में जहां 1563 करोड़ रूपए का जीएसटी कलैक्शन हुआ था वहीं इस वर्ष 1583 करोड़ तथा पिछले वर्ष अक्तूबर माह में कुल 1543 करोड़ रूपए का, वहीं इस वर्ष अक्तूबर में रिकार्ड 2563 करोड़ रूपए का जीएसटी कलैक्शन हुआ है।
उपमुख्यमंत्री ने जीएसटी के नेशनल-कलैक्शन के आंकड़ों के बारे में क्वार्टर-वाइज जानकारी देते हुए बताया कि पिछले वर्ष जहां प्रथम-क्वार्टर में कुल 2142 करोड़ का जीएसटी कलैक्शन हुआ था वहीं इस वर्ष प्रथम-क्वार्टर में 2391 करोड़ रूपए का जीएसटी कलैक्शन आया है। उन्होंने आगे बताया कि पिछले वर्ष द्वितीय-क्वार्टर में कुल 1361 करोड़ रूपए का जीएसटी कलैक्शन हुआ वहीं इस बार द्वितीय-क्वार्टर में ही 1773 करोड़ रूपए जीएसटी कलैक्शन हुआ है। उन्होंने बताया कि इस बार दोनों ही क्वार्टरों में पिछले वर्ष की तुलना में जीएसटी कलैक्शन में रिकार्ड वृद्घि हुई है।
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