रोहतक से अनूप कुमार सैनी की रिपोर्ट- कांग्रेस के दो पूर्व मंत्रियों ने अपने ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ खोला मोर्चा, भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाया है। पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा व पूर्व मंत्री सुभाष बतरा ने 3 केन्द्रीय नेताओं गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा को कांग्रेस से तुरन्त बर्खास्त किया जाए।
- बिहार चुनाव में हुई हार के बाद कांग्रेस पार्टी में घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेता अपने ही पार्टी के हाईकमान पर ठीकरा फोड़ते नजर आ रहे हैं। चुनाव वाले विवादित बयान को लेकर अब रोहतक में हरियाणा के कांग्रेस पार्टी के दो पूर्व मंत्रियों ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ 3 केन्द्रीय नेताओं गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
वीओ 1 पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा व पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल व आनंद शर्मा को पार्टी से निकालने की मांग की है। उनका आरोप है कि यह सभी लोग पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल है। कांग्रेस पार्टी के नेता गुलाब नबी आजाद ने बिहार चुनाव की हार को लेकर अपनी पार्टी के पार्टी हाईकमान को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने आरोप लगाया है कि ये नेता पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे हैं और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं।
उन्होंने पार्टी हाईकमान से मांग की है कि पार्टी नेतृत्व के खिलाफ गतिविधियों में शामिल होने के चलते पार्टी से निकाल बाहर करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ये तीनों नेता कांग्रेसी पार्टी को बर्बाद करने और नुकसान पहुंचाने के लिए भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं।
उनका कहना था कि आजाद को पार्टी के आंतरिक मुद्दे को मीडिया में नहीं उछालना चाहिए था। इससे देश भर के कार्यकर्त्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है। कांग्रेस पार्टी ने गुलाम नबी आजाद को जब उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे प्रदेशों का प्रभारी बनाया था, तब उन्होंने प्रदेश में पार्टी के लिए क्या किया। हरियाणा के प्रभारी रहते हुए लोकसभा व विधानसभा चुनाव हुए तब उन्होंने प्रदेश में जिला व ब्लाक स्तर पर अधिकारी क्यों नही नियुक्त किए, जिसका खामियाजा प्रदेश कांग्रेस कमेटी को झेलना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद ही कहते थे कि 2 साल तक सोनिया गांधी को ही पार्टी का नेतृत्व संभालना चाहिए। इससे पार्टी मजबूत होगी और चुनाव के लिए समय मिल जाएगा लेकिन कुछ लोगों की समस्या है कि वे जैसे ही सत्ता से बाहर होते हैं, उनकी सत्ता की भूख बढ़ जाती है। वे सत्ताधारी पार्टी से मिलने का प्रयास करने लग जाते हैं, यही काम आजाद कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि वे भाजपा की शह पर चल रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर के कांग्रेस छोड़ने को गलत बताया।
सुभाष बतरा ने कहा कि जम्मू और कश्मीर का मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद बनाकर पार्टी ने उनका पूरा सम्मान रखा है। बिहार चुनाव में उनको स्टार प्रचारक बनाया गया, इसके बावजूद भी वह एक दिन भी चुनाव में नही गए। पार्टी पर आरोप लगाकर गुलाम नबी आजाद अपनी कमी छिपाना चाहते हैं। अब वह पार्टी पर दबाव बना कर फिर से राज्यसभा सांसद बनना चाहते हैं।
दूसरी तरफ कपिल सिब्बल भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर आरोप लगा रहे हैं, जो स्वयं जमीनी स्तर पर कुछ नही हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व का कोई संकट नही है। सोनिया गांधी व राहुल गांधी का कोई भी मुकाबला नही कर सकता है।
प्रदेश मीडिया सेल के चेयर पर्सन सुभाष बतरा ने बताया कि 15 दिसंबर से पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन पूरा कर दिया जाएगा। हर जिले का पूरे राज्य में कमेटियां बना दी जाएंगी। अब कमेटी गठन के बाद 6 साल बाद जनवरी 2021 में कांग्रेस का पहला अधिवेशन करने की तैयारी की जा रही है।
वहीं पूर्व मंत्री कृष्ण मूर्ति हुड्डा ने गुलाम नबी आजाद पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि गुलाम नबी आजाद भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं। उन्होंने पार्टी हाईकमान को पत्र लिखकर तीनों नेताओं को पार्टी से निकालने की मांग की है। उनका कहना था कि अगर जरूरत पड़ी और दिल्ली पुलिस ने यदि अनुमति दी तो दिल्ली में साऊथ ब्लॉक स्थित गुलाम नबी आजाद के दिल्ली आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा भी अगर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बोलेंगे तो उनका खुलकर विरोध करने वाले वे पहले शख्स होंगे।
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