चण्डीगढ़, 28 नवम्बर- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि किसान के नाम पर जो राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम किया जा रहा है, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। साथ ही, उन्होंने पंजाब के किसानों से भी अपील की है कि उनके प्रतिनिधि इस मामले में केन्द्र सरकार से बात करें क्योंकि बातचीत ही इसका समाधान है। मनोहर लाल ने यह बात आज गुरुग्राम में जिला लोक संपर्क एवं लोक निवारण समिति की बैठक के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आंदोलन मुख्य रूप से पंजाब के राजनीतिक दल तथा वहां के कुछ संगठनों द्वारा प्रायोजित है। उन्होंने कहा कि मैंने आंदोलन को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से तीन दिन के दौरान कई बार बातचीत करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने बात नहीं की। हमने 6-7 बार फोन मिलाया और उसके बाद भी हमारी एक्सचेंज से उन्हें फोन लगाते रहे लेकिन हर बार उनके स्टाफ की ओर से यही कहा जाता रहा कि अब कराते हैं, थोड़ी देर में कराते हैं।
मनोहर लाल ने कहा कि ऐसी अजीबो-गरीब स्थिति पहली बार हुई है जब एक मुख्यमंत्री दूसरे मुख्यमंत्री से बात करने की कोशिश कर रहा है लेकिन बात नहीं करवाई जा रही। पिछले 6 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, अन्यथा पहले जब भी हम फोन करते तो व्यस्तता होने पर घंटे-आध घंटे में बातचीत हो जाती थी। इसका कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह तो पंजाब के मुख्यमंत्री ही बता सकते हैं कि उन्होंने बात क्यों नहीं की। किसान आंदोलन के पीछे पंजाब सरकार की साजिश सम्बन्धी एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि बिल्कुल ऐसा लगता है क्योंकि उनके ऑफिस के कार्डहोल्डर आंदोलन में आगे-आगे चल रहे थे और किसानों का नेतृत्व कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस किसान आंदोलन में हरियाणा के किसानों ने हिस्सा नहीं लिया जिसके लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूँ। इसके साथ, उन्होंने हरियाणा पुलिस की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस ने इस दौरान पूरे संयम से काम लिया और कहीं भी बल प्रयोग नहीं किया। पुलिस ने केवल उन्हें रोकने का काम किया क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में दिल्ली में जाने का कोई औचित्य नहीं है।
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